आज साहित्य के पुरोधा महाकवि गुरुदेव श्री रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती पर समस्त भारतीयों को बधाई देता हूँ और उनको एक कवितारुपी श्रृदांजलि अर्पित करता हूँ।
भारत के साहित्यकार टैगोर महान
अपनी सशक्त लेखनी से बनाई पहचान
किया आपने अमर राष्ट्र गान
वना वो भारत की आन बान और शानसाहित्य मे अपना नाम कमाया
महाकाव्य गीतांजलि रचाया
इस अमर कृति से नोबेल पुरस्कार पाया
प्रथम ऐशियाई बनने का कीर्तिमान बनायाशांति निकेतन के आप संस्थापक
साहित्यि के सच्चे उपासक
प्रकृति के सच्चे साधक
कला एवं संगीत के सच्चे आराधक
अपनी बेजोड़ प्रतिभा का विश्व मे लोहा मनवाया
नाईटहुड की उपाधि को तुम ने ठुकराया
भारत का दुनिया मेपरचम फहराया
मा भारती का मान बढायाभारतीयता को दिए नए आयाम
हे शलाका पुरुष तुम्हें शत शत प्रणाम~ अशोक शर्मा वशिष्ठ