हम सब कवियों की अरमान लिए
खुद में आत्मविश्वास लिए
भारतवर्ष की शान बने
रवीन्द्रनाथ टैगोर सा प्रसिद्ध हुए।
था जुनून दिल में, सोलह की उम्र में
रची थी कई रचना अपनी विचार में
साहित्य में भी रुचि रखे अपने ही लय में
रवीन्द्रनाथ ठाकुर कहलाए भारत देश में।
एक ही रचना अपनाए दो राष्ट्र ने
राष्ट्रगान बना भारत ,बांगलादेश में
प्रथम विजेता रहे पूरे एशिया दीप में
नोबल पुरस्कार विजेता हुए गीतांजलि के संग्रह में।
कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार , निबंधकार तथा चित्रकार हुए
आधुनिक भारत का असाधारण सृजनसील कलाकार हुए
नाइट हुड की उपाधी को अस्वीकार किए
जलियांवाला बाग़ में सहयोग दिए।
थे वे महानकलाकार जिनसे हम प्रभावी हुए
कविता चल तू अकेला जिनसे हम तरोताजा हुए
है अनेक रचनाएं जिसे मैंने जीवन आपन किया
तेरी हर विचारधारा को दिल से स्वीकार किया।
~ विमल कुमार वर्मा