वीर भूमि राजस्थान का,
वह वीर प्रताप राणा था।
जिसके साहस से कांप गया।
अकबर ने लोहा माना था।
7 फुट के वीर का,
72 किलो का भाला था।
200 किलो का कवच पहनकर।
चेतक पर चलता,
आजादी का वीर मतवाला था।
वीर भूमि राजस्थान का,
वह वीर प्रताप राणा था।
विधर्मी बनाना ना स्वीकार किया।
40000 की सेना से,
अकबर की,
सवा लाख सेना को मारा था।
हर बार अकबर को हार दी,
देशभक्ति का,
प्रताप जगत ने माना था।
धन्य वीरभूमि राजस्थान की।
महाराणा प्रताप वीर महान की।
युग-युग गाएगा गाथा विश्व।
आत्मसम्मान के महाप्राण की।
~ प्रीति शर्मा “असीम”