अमर बलिदानी- वीर जवान

अमर बलिदानी- वीर जवान

शहीदों के बलिदान को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कलमकार खेम चन्द कहते हैं कि शब्दों में बयाँ नहीं हो पायेगा अमर बलिदानियों का बलिदान; जय हिन्द जय भारत अमर जवान हमारे महान।

कहाँ खो गयी हँसती खेलती सुकून दिलाती वो मुस्कान
क्या कर बैठा ये मेरे भगवान।।
इन्तज़ार में ही छोड़ कर चला गया आज एक और वीर जवान
सदा अमर रहेगा इनका बलिदान।।
रो रहा है अमर बिलिदानियों पर सारा हिन्दोस्ताँ
जमीं हो चाहे हो ये गगन आसमान।।
छीन कर ले गया वक्त माँ का बेटा
उठाओ कोई इसे कह रही माँ क्युं है ये इतनी बेदर्दी से लेटा।।
छीन लिया फिर किसी अर्द्धांगिनी के माथे का सिन्दूर
क्या! था मालिक हमारा कसूर।।
यूं न करना कभी किसी जोड़े को दूर
मेरे खुदा मेरे लाख बक्शी हुज़ूर।।
कर देना कभी जल्दी छुट्टी हमारी भी मंजूर
न करना किसी को बिखलने पर मज़बूर।।
कर्जदार रहेगा हर उस माँ का ये राष्ट्र ये प्रदेश
राष्ट्र सेवा में बलिदान देकर चला गया जो दूर कहीं जैसे विदेश।।
न कोई बात न कोई आयेगा अब लाड़ले का संदेश
खुद को समर्पित कर गया कोई गंगेश।।


हो गये कुर्बान देश की खातिर वीर जवान अमर बलिदानी
नतमस्तक है आपकी वीरता पर हर हिन्दूस्तानी।।
भारत माँ की रक्षा के लिये लूटा गये वीर अपनी जवानी
शब्दों में क्या बयां कर पायेगी कलम आपकी अमर कहानी।।
मेरी शहादत पर रोना नहीं माँ ना लाना आँखों में पानी
मातृभूमि की खातिर ये रस्म नसीब वालों को मिलती है निभानी।।
नादान है वो तुम उसको समझाना
वीर जवान की अर्धांगिनी हो तुम आंसू न बहाना।।
किसी किसी के हिस्से ये मुकाम आया है
जब मातृभूमि की खातिर माँ बेटा तुम्हारा काम आया है।।

खेम चन्द

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.