ये मौसम कोरोना
का हमें बहुत
सीखा गया।
पूरे परिवार को
एक साथ बैठना
सीखा गया
रामायण और
महाभारत के
संस्कार सीखा गया।
स्वच्छ्ता के वो
प्राचीन मापदंड
याद दिला गया।
बर्गर पिज्जा और
चाउमीन से दूरी
सीखा गया।
प्रदुषण से रहित
एक दिनचर्या
दिला गया।
लूडो सांपसीढ़ी
ताश कैरम जैसे
खेलों का दौर आ गया।
घर के बने सेहतमंद
खाने का लुत्फ
दिला गया।
कुछ पल अपने
लिए भी हैं ये
भी सीखा गया।
देने के सुख
महत्ता को
हमको बता गया।
अपने सारे शौक
पूरे करने का
वक्त दे गया।
अपनों से बातें
करने का वो
दौर आ गया।
~ मुकेश बिस्सा