सहयोग

सहयोग

सबको करना चाहिए, सबका नित सहयोग।
अपनी संस्कृति सभ्यता, कभी न भूलें लोग।।

मानव गर करता रहे, मानव का सहयोग।
भाग खड़े हों आपसी, सामाजिक सब रोग।।

प्रेम दया सहयोग है, मानवता का मूल।
चकाचौंध में उलझकर, कभी न इनको भूल।।

सारा विश्व माँग रहा, आज महा सहयोग।
मिलकर करके सामना, दूर करें यह रोग।।

एक दूसरे का सभी, करो सदा क्षसहयोग।
पता नहीं किस रास्ते, बन जाये संजोग।।

~ रूपेन्द्र गौर

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