अब करना है,
आत्म निर्भर बनने का प्रयास।।
मत बैठो उन के भरोसे,
जो करते है आप का उपहास।।
अब करना है,
आत्म निर्भर बनने का प्रयास।।
दुख सुख के साथी बनो,
अपनो को ले कर साथ।।
जीना है खुद के भरोसे,
अब दुसरो से कैसी आस।।
अब करना है,
आत्म निर्भर बनने का प्रयास।।
अब दौर पुराना ना आयेगा,
ना आयेगा वो एहसास।।
ईस दुनिया कि खेल में,
ना छोड़ देना तुम सास।।
अब करना है,
आत्म निर्भर बनने का प्रयास।।
दौर नया है जीवन का ये,
मत होना तुम बदहवास।।
जीत जाओगे तुम ईस जंग को भी,
एक दिन हो जाओगे तुम पास।।
अब करना है,
आत्म निर्भर बनने का प्रयास।।
~ धीरज गुप्ता