खतरे में अर्थव्यवस्था

खतरे में अर्थव्यवस्था

एक महामारी के कारण, हुई देश की हालत खस्ता,
चीन ने ऎसा वायरस छोड़ा, है खतरे में अर्थव्यवस्था।

परेशान है सभी देश अब,
हुई सभी की हालत पतली,
घरों की रौनक भी खोयी है,
बाहर की भी रंगत बदली,

सभी घरों में बंद हो गए, कुछ भी रह गया ना सस्ता,
चीन ने ऎसा वायरस छोड़ा, है खतरे में अर्थव्यवस्था।

खाने तक के लाले पड़ रहे,
कुछ बे-घर मजबूरो के,
अभी बंद पड़े है धंधे सबके,
कुछ दैनिक मजदूरों के,

धरी रह गई सब सरकारी, अधिकारियों की व्यवस्था,
चीन ने ऎसा वायरस छोड़ा, है खतरे में अर्थव्यवस्था।

मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे,
बंद पड़े है सब के सब,
विद्यालय भी है राह देखते,
जाने खुलेंगे अब हम कब,

आला हाकिम ने करदी, मदिरा की पुरजोर व्यवस्था,
चीन ने ऎसा वायरस छोड़ा, है खतरे में अर्थव्यवस्था।

~ करन त्रिपाठी

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