हे मानव तू मीठा बोल

कलमकार रूपक कुमार मीठा बोलने की राय रख रहें हैं। आपने भी सुना होगा मीठी वाणी के कारण सभी आपसे प्रेम करते हैं।

हे मानव तू बस मीठा बोल,क्यों बोले तू कड़वी बोल
यही बोली तुम्हे मानव से दानव बना देती है।

एक मानव ही है जो इस धरा पर सर्वश्रेष्ठ है
क्यों तू दानव का रूप धारण कर रहा है।

मानव का तो ममता ही सबसे बड़ा श्रृंगार है,
क्रूरता दिखाकर क्यों तू दानव को धारण रहा है।

अक्सर देखा है, पशु पक्षियों भी समूह में रहते है
तुम तो इंसान हो फिर क्यों आपस में लड़ रहे हो।

जब एक बेजुबान जानवर आपस में मिलकर
रहते है और एक दूसरे कि मदद करते है।
हम इंसान तो दुख को समझ सकते है
फिर क्यों नहीं एक दूसरे कि मदद क्यों नहीं करते।

हम सब इंसान तो समझदार है
दुख सुख तो समझ सकते है
फिर आपस कि द्वेष खत्म क्यों नहीं करते हैं।

अब बंद करो ये आपस का भेदभाव और
मनमुटाव को आओ मिलकर हम सब इंसान।
इस धरा की खूबसूरती को बढ़ाएं
और इनके खूबसूरती का आनंद ले।

~ रूपक कुमार


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