माँ के प्रेम को किसी भी एक दिन में बांध पाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन फिर भी मदर डे मनाया जाता है। जिससे बच्चा माँ को प्यार और सम्मान दे सके जिसकी वह हकदार होती हैं। भारत देश में हर बर्ष मदर डे को मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
अगर देखा जाये तो हर दिन माँ पूजा की जानी चाहिए। लेकिन माँ के महत्व और उनके त्याग के प्रतीक में यह दिन खास तौर पर मनाया जाता है। जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं। और उसे अन्य कार्य भी होते हैं इसलिए वह हर दिन अपनी माँ के साथ समय व्यतीत नहीं कर पाते है। माँ के साथ समय व्यतीत करने के लिए मदर डे मनाते हैं।
मदर टेरेसा ममता की देवी थी । उन्हें भगवान का दूसरा रूप माना जाता था। इसलिए उनके सम्मान में हर बर्ष मदर डे मनाया जाता है।
समाज और परिवार में माँ का बहुत महत्व होता है। माँ के बिना जीवन का अस्तित्व भी नहीं होता है।
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न माता सुनी न कुमाता।
ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में सब कुछ वयान कर देता है।
~ नीलम शर्मा