मन का तोता

मन का तोता

मन का तोता बोल रहा।
खतरा सब पर डोल रहा।

लापरवाही तौबा तौबा,
जीवन है अनमोल रहा।

कोरोना का कहर जहा,
सब की ताकत बोल रहा।

कोरोना है जानलेवा,
अंतर का बज ढ़ोल रहा।

बाहर घूम, आफत लाना,
कोरोना का कौल रहा।

रुकें, थमें, दूर रहे सब,
अमन बचेंगे बोल रहा।

~ मुकेश बोहरा ‘अमन’

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