Post category:COVID19 / कविताएं Post published:May 24, 2020 हाँ मैं एक मजदूर हूँ हाँ मैं एक मजदूर हूँ तकलीफ़ों से भरपूर हूँ चुनाव तो अभी है नहीं हर सहूलियत से दूर हूँ औकात कुछ भी नहीं इसलिए तो मजबूर हूँ । उनकी रोजी-रोटी के लिए न्यूज चैनलों पे मशहूर हूँ । सच कहा है आपने अजय हुकुमतों के लिए फ़ितूर हूँ । – अजय प्रसाद Tags: SWARACHIT855D, कोरोना वायरस, तालाबंदी, मजदूर Read more articles Previous PostमजदूरNext Postमैं मजबूर हूँ Leave a Reply Cancel replyCommentEnter your name or username to comment Enter your email address to comment Enter your website URL (optional) Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page. Δ You Might Also Like जिन्दगी में कुछ नेक काम कीजिए December 16, 2019 लक्ष्मण रेखा April 1, 2020 अंधकार से प्रकाश की ओर April 6, 2020 कंधो पे अपने तुम मुझे सोने दो November 10, 2019 पलायन April 6, 2020 ग़लतफ़हमी हो तुम March 26, 2020