एक छोटे से वायरस ने,
यूँ कर दी तालाबंदी है.
समझौते सँग सब जी रहे
क्योंकि, कैद मे जिंदगी है.
न होता लड़ाई झगड़ा है,
न कही हुयी दरिंदगी है..
कम हुयी हैवानियत भीं,
क्योंकि, कैद मे जिंदगी है.
धरती माता स्वच्छ हुयी,
गंगा मे अब न गंदगी है.
साफ सी हो गयी हवा भीं,
क्योंकि, कैद मे जिंदगी है.
खुदा तेरा ही सहारा है अब,
बस तेरी ही बंदगी है.
फिर से मुस्कुराएगा ये जहान,
अभी तो कैद मे जिंदगी है.
~ स्नेहा धनोदकर