तम्मना भाटिया लिखती हैं- “मेरे अंदर का सर्वोत्कृष्ट अभिनेता हमेशा प्यार के विचार के साथ प्यार करता है। यहाँ इसपर मेरे तुलनात्मक विचार प्रस्तुत हैं। कहा जाता है कि, सच्चा प्यार आत्मप्रेम से शुरू होता है!”
दुनिया का दस्तूर तो देखो,
अब बेचारे दिल को ही लो,
होता तो खुद को है,
पर होता खुद से नहीं।पानी में चीनी मिला दो,
तो भी पानी को घोलना पड़ता है।
जैसे प्यार करने के लिए,
खुद को खोना पड़ता है।क्या मिलता है?
ये सब का नतीजाहै क्या?
खुद से तो मिलना न होगा,
चल देख ले अपनी परछाई तेरे दरमियां।~ तम्मना भाटिया
साभार: Twitter/@tamannaahspeaks – Shared on May 11, 2019