भारतीय सैनिकों को समर्पित कविताएं

भारतीय सैनिकों को समर्पित कविताएं

शहादत

जितेन्द्र दास
कलमकार @ हिन्दी बोल India

माँ की ललकार बने,
पिता का सम्मान बने।
जगत का बलिदान बने,
माँ भारती का अभिमान बने।
हाँ! हम वीरता पर गर्व करते हैं,
क्योंकि, हमारें वीर सिपाही हैं।
माँ भारती के चरणों में शीश को जो अर्पित कर दे,
वह संतान देश का सिपाही है।
उनकी शहादत को, हम नमन करते हैं,
आतंकवाद का अंत हो, हम संकल्प करते हैं।
आतंक का न कोई धर्म – जाति,
तो क्यों इसे धर्म – जाति में बांटते हो ?
वीर जवानों की वीरता पर, अब तो गर्व करो,
क्यों विराम चिन्ह लगाते हो ?
उठते अनेक सामर्थ्य के प्रश्न,
कहीं सर्जिकल स्ट्राइक, तो कहीं बालाकोट एयरस्ट्राइक।
जवानों की शहादत पर, अब कहाँ मुँह छिपाओगे,
सामने आओ अब देखे, कितना रंग दिखाओगे।
अरे! तुम तो देश के कीड़े-मकोड़े हो,
सिर्फ गंदे नालियों में ही वास करोगे।
माँ भारती की रक्षा हेतु, प्राणों का बलिदान दिया,
अपने तांडव से शत्रुओं का संहार किया।
पावन भूमि के दाग को, अपने रूधिर से साफ किया,
सर्वत्र वीरता का, न कोई बखान किया।
हे ईश्वर! वीरता की दीप को,
माँ भारती के चरणों में ही विराम दिलाना।
हे सभी के कर्ता – धर्ता! यह मिथ्या ही सही,
पर, उनकी वीरता पर हमारे लिए शीश झुकाना।
हे समग्र लोक के ज्ञाता! जमीं अज्ञानता की धूल को,
मधुर पवन के झोंके से साफ करना।

शहीद की विधवा का दर्द

बबली कुमारी
कलमकार @ हिन्दी बोल India

सुन उनकी शहादत की खबर
आंखों से खून के आंसू फूटे
फटा जा रहा था कलेजा मेरा
रोते-रोते आंखों के आंसू सूखे
सुन उनकी शहादत लोग भी जुटे
सब लोग उनके लिए मौन भी हुए
उनके शौर्य गाथा के चर्चे
कुछ दिन बहुत खूब चले
कुछ दिन रहा लोगों का शोक
अब कुछ लोग रहे थे भोक
आई मेरे शहीद पति की शहादत कि पेंशन
कुछ लोगों को हो गई टेंशन
दरवाजे पर कर्जदारो की लाइन खड़ी
कल तक था लोगों की आंखों में आंसू
आज उन आंखों में थी लालच समाई
सबकी निगाहें टिकी है उन पैसों पर
जो मेरे पति ने शहीद होकर कमाई
कैसी है दुनिया कैसी है इसकी रीत
जो समझ भी ना सकी
मेरा और मेरे पति का प्रीत
कुछ लोग तो मेरे लिए नए रिश्ते भी ले आए
अब भला ऐसे लोगों को कौन समझाए
मैं तड़प रही थी याद में उनके
अधूरा हो गया था अब मेरा जीवन
क्या वह पेंसन दे पाता
फिर से मेरे पति को जीवन
मैं एक शहीद की विधवा हूं
इससे भी क्या बड़ा और अच्छा
क्या होगा मेरा जीवन
मेरा पति है मेरी चाहत
वही है मेरा साज सिंगार
वह है मेरा पूरा जीवन
मैं हूं एक वीर शहीद की बीवी
जिन्होंने अपना जीवन भारत मां के नाम किया
मैं उन पर कुर्बान हूं
उन्होंने मेरा भी ऊंचा नाम किया

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