अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस पर आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। 21 जून 2020 को योग दिवस की थीम “घर पर योग और परिवार के साथ योग” है।
आओ योग करें – राकेश कुमार साह
आओ मिल कर हम योग करें ।
अपने इस तन रुपी मन्दिर को,
योग कर के, रोगों से निरोग करें।
शान्ति की तालाश कहीं और ना कर,
अपने अन्दर ही उस परम शांति को,
महसुस करने के लिये क्यों ना हम,
योग और ध्यान का प्रयोग करें।
आओ मिल कर हम योग करें।
इस तन को हम योग से आरोग्य करें।।
इस योग और ध्यान से ही अब,
विश्व में मानवता का कल्याण होगा।
बौद्घिकता और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ,
लोगों में शान्ति और आत्मा का भी ज्ञान होगा।
मानव तन को है अगर निरोग बनाना,
अब और नही चलेगा कोई बहाना।
पुरे विश्व को पड़ेगा भारत की पौराणिक,
योग पद्धति को जी-जान से अपनाना।
सच्चे मायने में अब वो ही सबसे अमीर है।
जिसके पास है स्वस्थ मन और शरीर है।
अब जाने है ये पूरा जमाना,
स्वस्थ तन ही है, सबसे बड़ा खजाना।।
योग ~ मधुकर वनमाली
जो नित्य नियम से करता है
सच में रहता है निरोग वहीं
इस तन से जोड़े अंतर्मन
वह योग हीं है कुछ और नही।
वेदों ने हमको सिखलाया
संधान करें हम प्राणों का
चेहरे की कांति बढ़ती है
है योग मिले संस्कारों का।
एकाग्र है अपना चित्त होता
हम मंजिल तक फिर बढ़ पाते
जो प्रात: काल में योग करें
कैसे वो पथ में थक जाते।
यह रक्त संचरण तीव्र करें
नही उसको फिर अवरोध कोई
श्वासों की वायु घटे बढ़े
नही मन में बसता क्रोध कोई।
अपना बैठा है है अखिल विश्व
जो सूत्र मिला भारत में है
आओ हम सब भी योग करें
यह आसन मानव हित में है।
योग से मन स्वस्थ हो – रीना गोयल
योग से सुंदर बने हृद, योग से मन स्वच्छ हो।
योग से श्वासें सुचारित, योग से तन स्वस्थ हो ।
बैठिए एकाग्र मन कर, श्वांस ऊपर खींचिए ।
फिर करें नीचे सरल हो, मुट्ठियां मत भींचिये ।
आसनों को सीख सारे, कीजिये आराम से ।
हृदय को जोड़ें प्रकृति से, मोह तज विश्राम से ।
छोड़कर सब दुर्गुणों को, गुण यही अपनाइए।
हो!निडर,निर्भीक मानव, योग करते जाइये ।
व्यर्थ की चर्बी घटे अरु, ज्योति नेत्रों को बढ़े ।
योग उत्तम भोर में जब, भास्कर नभ में चढ़े ।
प्रात खाली पेट पानी, गुनगुना कर पीजिए ।
ये हुआ नियमित अगर तय, औषधी तज दीजिए ।
योग लड़ने में सहायक, रोग से प्रतिरोग से ।
आर्य वंशज को मिली, पहचान ही है योग से ।
सेहत का खजाना-‘योग’ ~ सोनल ओमर
ध्यान करो, कुछ योग करो।
काया को तुम निरोग करो।
प्रतिदिन प्रातः में उठकर
योगासन सब लोग करो।।
योग न सिर्फ एक व्यायाम है।
विविध आसन प्राणायाम है।
यह तो तन, मन, आत्मा को
जोड़ने वाला एक आयाम है।।
यह भारत की पहचान है।
योग विशुद्ध विज्ञान है।
सदियों की प्राचीन परंपरा,
ऋषियों का अनुसंधान है।।
ये अन्य देशों ने भी माना है।
कि योग सेहत का खजाना है।
विश्व योग दिवस पर यह बात,
आज जन-जन तक पहुँचाना है।।
जीवन में योग को अपनाओ।
शरीर स्वस्थ, सुखमय बनाओ।
इसकी अहमियत समझाकर
औरों को, अपना फर्ज निभाओ।।
योग दिवस ~ अशोक शर्मा वशिष्ठ
अपनाएं योग
भगाओ रोग
सदा रहोगे तुम निरोग
बढ़ाएं हमेशा मनोयोग
योग हमारी पुरानी पद्धति
सदियों पुराना इस का इतिहास
ऋषियों मुनियों ने इसे अपनाया
पूरे जगत में इसे फैलाया
स्वस्थ और दीर्घ जीवन पाया
व्याधियों से छुटकारा पाया
योग हमारी जीवन साधना
आओ करें हम इस की आराधना
संयुक्त राष्ट्र ने इसे अपनाया
दुनिया को जीने का मार्ग दिखाया
योग का महत्व समझाया
फिट रहने का मंत्र सिखलाया
ना कोई पैसा ना कोई दाम
योग के बिना है जीना हराम
आओ हम सब इसे अपनाएं
तन्दरूस्ती और स्वास्थय पाएं
युवा वर्ग को नशे की लत से बचाएं
राष्ट्र को हम खुशहाल बनाएं