कविताएं शहीदों के नाम

कविताएं शहीदों के नाम

भारतीय सेना के जवान सरहद पर तैनात रहते हुए हम सभी देशवाशियों की देश के दुश्मनों, घुसपैठियों से सुरक्षा करते हैं। ये वे जवान हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर भारतमाता की सेवा करते हैं और वे अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं कतराते हैं। ऐसे वीर, अमर बलिदानी शहीदों पर देश के हर नागरिक को गर्व है। हमारे हिन्दी कलमकारों ने शहीदों के प्रति अपनी भावना इन कविताओं में प्रकट करने का प्रयास किया है।

भारत के वीर ~ सोनल ओमर

मैं वीर, भारत का वासी हूँ।
मैं देश के शत्रु का विनाशी हूँ।।

देश के दुश्मनों का नाश करूँगा।
अंतिम श्वास तक लड़ता रहूँगा।।

जब गोली लगेगी मेरी छाती पर।
नमन करूँगा देश की माटी पर।।

माँ भारती को शीश चढ़ाऊँगा।
मैं बार-बार लौट कर आऊँगा।।

हर बार जन्म लूँ दुआ करूँ मैं।
देश के लिए ही हर बार मरूँ मैं।।

यही वीरों की सच्ची शहादत है।
यही वीरों की देश से मोहब्बत है।।

~ सोनल ओमर
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085A

हिन्दुस्तान के शहीदों के नाम ~ इरफान आब्दी मांटवी

छलनी हुआ है सीना ए हिंदुस्तान फिर
मारे गए हैं देश में मेरे जवान फिर

वादी में तेरे हाए रे कश्मीर राग है
जन्नत की इस ज़मीं पे जहन्नम की आग है

आंसू छलक के आंख से टपके ज़मीन पर
दिल में उठा है दर्द, शिकन है जबीन पर

करती है मां तलाश कि बेटा कहां गया
जिसको मैं कह रही थी कलेजा कहां गया

या रब हमारे देश को ताकत अता करो
जल्दी से ज़ुल्मो जौर की बस्ती फना करो

सब चाहते हैं अगले बरस मेरा नाम हो
हो क्या खबर कि यह भी सियासत का काम हो

छीना गया है बाप से उसका जवान लाल
सुन कर के इस खबर को हुआ आसमान लाल

बदला हर एक जान का लेकर रहेंगे हम
लाशों पे तेरे लेके तिरंगा चलेंगे हम

ए मुल्क के जवान तुम्हें हो मेरा सलाम
तेरी शहादतें हुईं, इंसानियत के नाम

सब से अलग है जग में मेरा हसीं वतन
है मुख्तलिफ गुलों से मुजैयन मेरा चमन

इरफ़ान अश्कबार की हालत में कह गया
सस्ता नहीं था खून जो लम्हों में बह गया

इरफान आब्दी मांटवी
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085B

वीर सैनिकों की शहादत ~ अशोक शर्मा वशिष्ठ

वीर सैनिकों की शहादत पर सारी आंखें नम हैं
देश मे आक्रोश की लहर और वयाप्त गम़ हैं
वीरों ने दिखा दिया अदम्य साहस और दम है
आपकी कुर्बानियों की बदौलत जी रहे सब हम हैं

भारतीय सेना मे कमाल का पराक्रम है
चुनौतियों से जूझना और शत्रुओं को करना खत्म है
अजब का हौंसला गजब का दमखम है
शत्रु का सफाया करना वीर जवानों का कर्म है

राष्ट्र भक्ति देश की रक्षा हमारा धर्म है
खून हमारा ठंडा नहीं सदा रहता गर्म है
किसी से डरते नहीं आत्मरक्षा हेतु सक्षम हैं
हम को कमजोर समझना मात्र तुम्हारा भ्रम है

हमें अपने जवानों की शहादत पर गर्व है
शहादत का पी कर प्याला,पा लिया वीरत्व है
आप की ही बदौलत राष्ट्र का अस्तित्व है
आप देश के नायक और विराट वयक्तित्व हैं

अशोक शर्मा वशिष्ठ
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085C

सैनिक ~ सुनील शर्मा

देश का रखवाला,
परिवार का सहारा,
एक सैनिक ही है।

सैनिक का भी परिवार है
किसी का भाई, बेटा, पिता और पति है,
देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाला
एक सैनिक ही तो है,

कंधे पर बंदूक उठाये बार्डर पर जो खड़ा है,
भारत माँ की रक्षा के लिए दुश्मनों से भी लड़ रहा है,
एक सैनिक ही है।

देश के लिए अपना फर्ज निभा रहा है,
सैनिक बनना इतना आसान नहीं,
देश के लिए मर मिटना भी आसान नहीं,
धन्य है वो परिवार,
जिनका सहारा देश का रखवाला है।

सुनील शर्मा
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085D

शत शत प्रणाम ~ धीरज गुप्ता

मॉ भारती के लाल तुम्हे शत शत प्रणाम
हिन्द कि हिफाजत में तुम हो गये कुर्बान
नही है ईस जहा में कोई तुम सा बलवान
देश हित के खातिर दे दी है तुमने जान

मॉ भारती के लाल तुम्हे शत शत प्रणाम
करते हो तुम निगरानी देश के सरहदो कि
घूस जाये ना सिमा पर फिर कोई नापाक
तुम से ही तो है ईस तिरंगे कि शान

मॉ भारती के लाल तुम्हे शत शत प्रणाम
चिता जैसी चाल तुम्हारी चील जैसी ऑख
कापते है तुमसे थर थर घुसपैठी नापाक
भेद दो एक छण में कर दो इंकलाब

मॉ भारती के लाल तुम्हे शत शत प्रणाम
हिन्द कि हिफाजत में तुम हो गये कुर्बान

धीरज गुप्ता
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085E

सरहद के सिपाही ~ पूजा कुमारी बाल्मीकि

मोहब्बत उनकी सरहद,
सरहद ही उनकी माता हैं।
अख़बार के साथ चैन की चाय,
उनके नसीब में कहांआता है।

घर से कफ़न साथ
बांध के निकला करते हैं।
और हम बस कुछ पल की,
श्रद्धांजलि दे, बलिदान उनके,
भुला दिया करते हैं।

हर्ष से कहती हूं,
कोई वर्ष नहीं जो,
देश के जवान को बूढ़ा कर दे,
कोई हथियार नहीं
जो जवान को मिट्टी से जुदा कर दे।

सिंह देश है, वे
कभी मरा नहीं करते,
अपनी गर्जना करते, और
शहीद हुआ करते हैं,

देश का झंडा,
सम्मान से लहराता रहे,
इस ईप्सा से,
वीर हमारे गोलियों से छलनी,
सीना लेकर भी,
तिरंगा फहरा दिया करते हैं।

पूजा कुमारी बाल्मीकि
कलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया
SWARACHIT1085F

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