अगस्त के पहले रविवार को फेंड्रशिप डे मनाया जाता है। इस वर्ष भारत में २ अगस्त को फेंड्रशिप डे (मित्रता दिवस) है और इस अवसर पर हिन्दी कलमकारों की रचनाएँ पढ़ें जो मित्रता को संबोधित करतीं हैं।
दोस्त है तू
है फूल तू है हार तू है अहले चमन तू!
जिस रूप मिलो दोस्त मेरे दिल ए सुख़न तू!!
शोहरत है तुझी से मेरी पहचान किरन तू!
है जान तू है धर्म तू ईमान गगन तू!!
कहने को बहुत रिश्तें हैं दुनियां में मगर सुन!
बढ़कर जो मिला सबसे वो अनमोल रतन तू!!
बसते हो मेरे साँस में रहते हो जिगर में!
ऐ यार मेरा प्यार तू है जान बदन तू!!
सीखा हूँ तुझी से ऐ मेरे यार मैं जीना!
गम का हो सहारा ओ ख़ुशी का है जतन तू!!
तू जो कहे मैं वार दूँ ख़ुद को तेरे सदके!
ऐ यार ख़ुदा तू है मेरी चाल चलन तू!!
पूछे जो ख़ुदा मुझसे रज़ा तो ये कहूँ मैं!
छोडूँ न कभी यार को दे बुद्धि गहन तू!!
दोस्त
देख हमारी तकलीफो को
जिनकी आखे होती नम
ऐसे शख्स बहुत है कम
जिनपे गर्व कर सके हम
हर रिश्ता हमे मिला जन्म से
ईश्वर द्वारा दिया हुआ
सिर्फ दोस्ती एक रिश्ता है
खुद हमारे द्वारा चुना हुआ
दोस्त है वो अनमोल रतन
जिसको
तौल सके न कोई धन
हर खून के रिश्ते से उपर होता है
रुतबा जिसका
सच्चा दोस्त नाम है उसका
अपने भी जब
बीच मझधार
छोड़ देते साथ
एक दोस्त ही है
जो अंत तक
थामे रखता हाथ
साथ उसका खुशी
चौगुना कर देता
सारे दुखदर्दो को
पल भर में हर लेता
मेरे दोस्त मेरे हमकदम
मेरे हमराज
तेरी दोस्ती पे
मुझे है नाज
फ्रेंडशिप डे
दोस्ती…
एक ऐसा रिश्ता,
जिसे भगवान ने नहीं बनाया,
ना वो खून बन के रगो मे समाया..
फिर भीं सबसे ज्यादा प्यारा हैं,
दोस्तों मे ही संसार हमारा हैं…
बचपन की शरारतों के साथी,
स्कूल की मस्ती के साथी,
कॉलेज मे हमारी पहचान,
जिंदगी के सफऱ के सारथी…
इन दोस्तों के प्यार से बसी,
मेरी जिंदगी..
कभी कागज़ की कश्ती बनाते,
कभी गुड्डे गुडियो से खेलते,
कभी पतंग को कभी गिल्ली डंडा,
किसी की बेल बजाकर भागना,
किसी का बनता बिगड़ना काम,
किसी को गुलेल से मरना हो,
या चुराना हो खेत से आम…
हर खुरपात मे हैं महारथी,
इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी,
मेरी जिंदगी…
करना हो कॉलेज बंक,
या लगाना हो झूठी उपस्थिति,
पूरा ना कोई काम,
या लगे गंभीर इल्जाम,
दोस्त हो संग तो,
संभाल लेते हर परिस्थिति…
इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी,
मेरी जिंदगी..
माँ की फटकार हो या,
पिताजी का गुस्सा,
बहन की करनी हो जिद पूरी,
या भाई का हो कोई किस्सा,
घर की हर तकलीफ का समाधान,
करते हैं ये चुटकी बजा के,
भले ही हैं थोड़े से स्वार्थी..
इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी,
मेरी जिन्दगी..
ये वो रिश्ता हैं जो, हर गलती
के लिये, होता बदनाम हैं,
फिर भीं आता सबसे ज्यादा काम हैं,
दोस्तों पर देते हम जान हैं क्योंकि,
ये दोस्त ही हमारी शान हैं.. इसीलिए,
इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी,
मेरी जिन्दगी…
कभी ना टूटने वाला,
कभी ना रूठने वाला,
रूठ जाओ तो, पिटने वाला,
ऐसे ही मिलता इस रिश्ते मे
सम्मान हैं…
कुछ मांगो तो मिलता नहीं,
कुछ दे दो चलता नहीं,
और लड़ाई बिना दिन गुजरता नहीं…
तभी तो इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी,
मेरी जिन्दगी…
चाहें हो पास या हो दूर,
कोई नहीं करता किसी को मजबूर,
वक़्त पढ़ने पर आ जाते से सब साथ,
गलती मे ना किसी का होता कसूर,
आवाज़ से समझ ये जाते,
क्यूँ हैं आँखों मे आज नमी..
इन दोस्तों के प्यार मे फ़सी..
मेरी जिन्दगी..
बस ऐसे ही ये दोस्ती बनी रहे,
लड़ाई मे सबकी ठनी रहे,
नज़र लगे ना कभी, किसी की,
मेरे हर यार को,
सबकी जिंदगी ढेर सारी,
खुशियों से भरी रहे…
क्युकि इन दोस्तों के प्यार से ही हैं,,
मेरी जिन्दगी…
दोस्ती
क्यों मिलते हो आजकल जरा कम से।
खोये-खोये से रहते हो कहाँ गुमसुम से।।
माना कम बोलना मिज़ाज है हमारा।
पर तुम तो बातें हज़ार करते थे हम से।।
ये फूल सी दोस्ती यूँ ही मुरझा न जाए।
तुम इनकी शोखियाँ न चुराओ शबनम से।।
फाँस गर दिल में हो कोई तो शिकवा करो।
रिश्तों को ऐसे तोड़ा नहीं करते एकदम से।।
मैत्री एक बार जो टूटी तो फिर नहीं जुड़ेगी।
ये कोई रस्सी नहीं ये तो धागे हैं रेशम से।।
प्यार के खातिर दोस्ती का दम तोड़ते हो।
पर यार भी कम नहीं होते किसी सनम से।।
दोस्ती तो दो दिलों का पवित्र बन्धन है।
इसका ताल्लुक नहीं जन्म-ओ-जनम से।।
हम याद जब भी बीते दिनों को करते हैं।
तस्वीर धुँधला जाती हैं आँखों के नम से।।
बिन बताये दूर जाकर जो इतना सताया है।
ए यारा! अब हम गिला करते हैं तुम से।।
कभी याद आये तो मिलने जरूर आना।
मेरे दोस्त तुम बेहद अज़ीज़ हो कसम से।।
दोस्त मेरे
दोस्त मेरे मनमीत हो तुम
वीरान जग मे प्यारा गीत हो तुम
तेरे बिना यार जग सुना लगता है
मेरे जीवन का मीठा संगीत हो तुम
तुम साथ थे तो सब अच्छा लगता था
बिन मौसम बरसात अच्छा लगता था
तेरे साथ होने से पतझड़ भी बसंत होते थे
सच कहूँ तो तेरा साथ अच्छा लगता था
अब के ये मौसम दिल मे हुक उठती है
बागों का वह झूला तेरी याद दिलाती है
कब बीत गया बचपन और बड़े हो गए हम
स्कूल का खिंचा फ़ोटो तेरी याद दिलाती है
अबकी बार छुट्टी में फिर मिलेंगे हम
बचपन वाली यारी फिर जिएंगे हम
मिल बैठेंगे फिर किसी बागीचे में
दोस्ती का एक किस्सा फिर लिखेंगे हम
तेरी सच्ची मित्रता
जिसकी कोई व्यवहारिक सीमा नहीं,
ऐसी है तेरी-मेरी मित्रता,
सुख-दुःख के साथी है, हम
दो कलियों के भाती हैं, हम
बात-बात पर लड़ लेते हैं।
पर लड़ते-लड़ते बाते भी कर लेते है।
कुछ तो खास है, तुझमें
कुछ तो बात है, तुझमें
मेरे न कहने पर भी
मेरी हर खामोशी समझ लेते हो,
तुम मेरे लिए सब से भिड़ लेते हो।
मुझे परेशानियों में देख तुम,
उसे परेशानी अपनी बना लेते हो,
ए मित्र! तुम हर दफा मुझे,
मेरी उलझनों से बचा लेते हो।
मेरी हर कमजोरियों को,
तुम सबसे छुपा लेते हो,
मेरी सफलता में तुम,
सबसे ज्यादा खुश हो लेते हो।
मुश्किलों की राहों को,
आसान तुम कर देते हो,
मेरी फिक्र में तुम,
जगह-जगह संग चल देते हो।
बारिशों की बूंदों में तुम,
मेरे आंसूओं को भी पहचान लेते हो,
इस तरह तुम, मुझे अपनी सच्ची मित्रता से,
इस जग में सबसे धनवान बना देते हो।
मित्रता दिवस
जो समझे हमारी हर मनोदशा,
जिसे समझाना नही पड़े विवशता,
जो दुख में सुख में हरदम साथ निभाये,
सच्चे अर्थों में वही मित्र कहलाये।
जिस पर हो हमारा अटूट विश्वास,
जो हर घड़ी निभाये मेरा साथ,
जिसको देना न पड़े कभी सफाई,
मित्र कहलाने के लिये दिल देता है गवाही।
जिससे कोई पर्दादारी न हो जीवन में,
जो बने गवाह मेरे सही गलत का,
जो नही कभी पहुँचे बिना बात के निर्णय पर,
बस वही मित्र कहलाता है।
जो सही गलत पर मुझे समझाये,
जो निःस्वार्थ हो सही रास्ता दिखाये,
जो मुसीबत में ढाल बनकर आये,
वाकई बस वही मित्र कहलाये।
जो मुसीबत में बढ़ाये मेरी हिम्मत,
जो संकट में भरे मेरे अंदर ताकत,
जो प्रेरणा बने मेरे हर प्रगति में,
वाकई बस वही मित्र कहलाये।
दोस्ती के रिश्ते
अजीब होते हैं ये दोस्ती के रिश्ते,
कभी रूठते कभी मनाते,
कभी रोते तो कभी हँस्ते।।
दिलों की बातें जो कभी अपनो से नहीं कही जाए,
वो दोस्तों से बया करते,
जब अकेले मे दम घुटन सी हो जाए,
मिलने दोस्तों से कदम चल पड़ते।।
गर पड़े मुसीबत मे कभी
तो आधी रात को आ जाते,
गलत हो या सही पर
साथ हमेशा निभाते।।
फर्क नहीं दुनिया के दस्तुरों का,
परवाह नहीं खुद के खोने का,
मिट कर भी अपना वजूद है बनाते,
हालात जैसे भी हो पर अपनी
दोस्ती को सदा कायम हैं रखते।।
होता नही मन जाने का कहीं बिन तेरे यार,
क्या दशहरा क्या ईद क्या दिवाली,
तेरे बिन फिका लगता है सारा त्योहार।।
याद करू जब बचपन की यादें,
सामने झलक उठती है सारी बातें,
दोस्ती के साये में पलकर
कब हो गए हम बड़े,
खबर ये जवानी तक को भी ना पड़े।।
मिले सभी को दोस्त ऐसा,
लगे दुनिया में वो सबसे अच्छा,
मिसाल बने दोस्ती का ऐसा,
भले ही हो वो बुढा या बच्चा पर,
इंसान हो वो दिल का सच्चा।।
दोस्ती खास है
दोस्त एक प्यारा सा दिल है
हर रिश्ते से खास है
प्यार है, अपनापन है
एक सुखद एहसास है
दूर रहकर भी बहुत पास है
जो समझ लेता मन की बात
छिपा नहीं सकते कोई भी राज
हर उलझन को सुलझाने वाला
मन के भावों को पढ़ने वाला
मस्ती है दोस्त हमराज भी
न जीत है न हार है
दुःख भरी राहों में
साहस से भरा प्यार है
प्रेम के धागे की कड़ियाँ है
सुख की मोती की लड़ियाँ भी
कभी जाना पहचाना
कभी अनजाना भी
अनमोल रिस्ता है जीवन का
दोस्ती पवित्र गंगा की धारा है
विश्वास के दीपक की जगमगाती ज्योति है
गुजरे जीवन का सुखद एहसास भी
भविष्य की सुनहरी राह है
हर समस्या का समाधान भी
गम में हंसाने वाला
मुश्किल में थाम लेता हाथ
बेवजह की नाराजगी भी
लड़ाई है परवाह भी है
खुशियों की चाबी है दोस्त
कभी कृष्ण है तो कभी सुदामा भी