एक वीर जवान की चाहत ~ दिलीप कुमार शॉव
मैं देश का वीर जवान हूँ
किसी से युद्ध करना मेरी फितरत नहीं
पर ललकार को अस्वीकार कर दे मेरी फितरत नहीं।
मैं अपने मुल्क में रहता हूँ नबाब की तरह
दूसरे मुल्क के पास जाना मेरी फितरत नहीं।
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ
तुम गद्दारो की तरह किसी के लाल
के खून से खेलना मेरी फिरत नहीं।
बाटना चाहता हूँ तो सिर्फ अमन और प्यार
तुम गद्दारो की तरह नफरत फैलाना मेरी फितरत नहीं।
जिंदगी मिट जाए मातृभुमि की रक्षा खातिर गम नहीं
तिरंगा को छोड़ कर किसी और वस्त्र की कामना नहीं।
सबसे भाईचारे की हैसियत से बोल लेता हूँ
तुम गद्दारो की तरह कोटि कोटि
माँ-बाप के गोंद सुन्ना कर दूँ ये मेरी फितरत नहीं।
मैं देश का वीर जवान हूँ
कसाई बनना मेरी फितरत नहीं।
देश के खातिर ~ चेतन दास वैष्णव
देश के खातिर लड़ गए
वह लोग ओर थे,
वतन पर जान न्योछावर कर गए
वो लोग ओर थे,
कश्मीर की केसर
क्यारियों में बो गये
बारूद के बीज,
जाने कितने लाल खो गए
माताओं के,
कितनी बहनों की
कलाइयां सुनी हो गई,
जाने कितनी विधवाओं की
सुनी हो गई माँग,
तब जा कर मिली हैं
यह आजादी का दिन,
हो रहा हैं हमें गर्व
अपनी संस्कृति और संस्कारों पर,
आज हम जो मनाने जा रहे हैं
स्वतँत्र दिवस,
वह उन शहीदों के
शहीद होने से हैं ,
हम खुशनसीब हैं कि
आज याद करें उनकी कुर्बानी को,
जो कुर्बान हो गए
कम उम्र में देश पर दे अपनी जान,
आओ हम मिलकर नाचे गई गाएं,
आज सजी हैं आरती की थाल,
कश्मीर से कन्याकुमारी
तक हो जय जय भारती,
जिन्होंने दी हैं प्राणों की
आहुति आज याद कर लो,
पथ पर चले उनके बस याद
रखो बात याद इतनी,
रहे सदा सलामत ये
आजादी बस इतनी कर लो
प्रतिज्ञा आज,
जय हिंद जय भारत!!
आजादी एक एहसान ~ आलोक रंजन
आप कर दिए ऐसा कि एहसान नहीं चुकता,
आप की तारीफ में कभी नहीं थकता।
आप के सहारे जी रहे हम इतने चैन से,
आप दी है ज़िन्दगी,आप दी है हर खुशी,
आप तो अमर ही है, नाम भी रहता।
सिने कि खाई गोली,लहु कि खेली होली,
कुछ ने लड़ा अकेले, कुछ ने बना दी टोली।
हर मुश्किल कि घड़ी में कर्त्तव्य नहीं भुलता।।
आप सच्चे लाल हो भारत मां के,
आपके काम कहते हैं,
आपके साहस हर दिल में रहते हैं।
आप खड़े रहते तभी हम बैठ पाते हैं,
आपके दर्दों से किताब नहीं भरता।।
अमर शहीद को ~ एकता कुमारी
जब भी तेरी कुर्बानी याद आती है!
सहमकर मेरी, आँखे गीली हो जाती है!
तेरे दम पै यह गुलशन जो मुस्कुराता है,
जर्रा-जर्रा भी, तेरी शौर्य गाथा सुनाती है।
व्यर्थ नहीं जाने देंगे, हम तेरी कुर्बानी को,
तू चला गया, न भूलेंगे तेरी अमिट निशानी को।
न झुकने देंगे तिरंगा, हे! वीरो, शत् – शत् नमन,
भले ही बन जाए यह तिरंगा ही मेरा कफन।
धारण कर चूडियां-पायल तेरी शक्ति बनकर आयेंगे,
भारत माता की आन की खातिर अपनी जान लुटाएंगे।
गढेंगे इतिहास नया, लिखेंगे शौर्य की कहानी।
हमेशा याद आएंगे हमको अमर वीर बलिदानी।
तेरी वीरता के बखान में शब्द पड़ गए मेरे कम।
वीरो तुझको शत्-शत् नमन, हुई मेरी आंखें नम।
जान से भी प्यारा है मुझको मेरा महबूब वतन।
भारतीय सैनिक ~ अमूल्य रत्न त्रिपाठी
लिखने को आज क्या है,
मन तो आज उदास है,
तेरी खामोशियों का एहसास है,
तू है बड़ा, हिम्मतवाला,
सीमाओं का है तू रखवाला,
देश उड़ने को तैयार है,
तेरे हाथ में परवाज है।
देशप्रेम की बात है,
आंखों में तेरे आस है,
तिरंगे का मान है,
तू देश का अभिमान है।
तेरी जो ललकार है,
युद्ध का शंखनाद है,
तेरा जो तेज है,
दुश्मन फिर बेहोश है,
माँ भारती का सपूत है,
तू युद्ध का शूरवीर है।
नमन उन वीर शहीदों को ~ अमिता प्रकाश
नमन उन वीर शहीदों को
जिन्होंने दे दी अपनी जान
वतन मेरे सलामत तू
रहे, है ये मेरा अरमान ।
तिरंगे मे लिपट कर जो
घर को आज आए हैं,
है दुनिया देखती हैरां
क्या बारात लाए हैं।।
नमन उस वीर गोदी को
जना जिसने रतन प्यारा,
सजाकर देश का आंचल
खुद ही बेसहारा है।
नमन उस वीर पिता को.
जो कांधा खुद लगाए हैं,
दबाकर सीने में तूफां,
देश का मान बढ़ाएं हैं।
नमन उस वीरबाला को,
चढ़ाती है जो वरमाला,
पोंछ कर अश्क आंखों से
गर्व से मुस्कुराती है।
नमन उन नन्ही आंखों को
विदा देते पिता को जो
ठान लेतीं हैं मन में ये
मिटा देंगें दुश्मनों को।
भारत मां तू भागी है.
मिले जो वीर ऐसे हैं,
लहू से सींचते अपने
तेरे उपवन के माली हैं।
खुशकिस्मत हैं हम सारे,
मनाते जश्न ए आजादी
ना भूलें कभी उनको,
जिन्होंने जां लुटा दी है।।
सैनिक और सावन ~ ज्योति चंद्रा ‘ज्योत्सना’
न होते कुछ वचन तो,
सावन तेरे संग मनाता,
चूड़ी, बिंदी और श्रंगार,
संग में लेकर आता।
वो विरह के लाखों पल,
बह जाते बूंदो के संग,
बहती अश्रुधार भी,
मिल जाती बारिश के संग।
मन का कोना – कोना धुलता,
हो जाता सब कुछ पावन,
यूं लहराती फसल प्रेम की,
ऐसे खिल उठता सावन।
तू जितनी प्यारी मुझको,
देश भी उतना प्यारा है,
सरहद की रक्षा करना,
पहला धर्म हमारा है।
हम भारत के वीर प्रिय,
रक्षा का पर्व मनाते हैं,
देश के पहरेदार हैं हम
दुशमन को मार गिराते हैं।
झूलेंगे हम साथ में झूले
मेहंदी तुझे लगाऊँगा मैं,
तुझसे वादा करता हूँ,
जल्दी वापस आऊँगा मैं।
वीर जवान सुनो ~ विनोद सिन्हा “सुदामा”
हे देश के वीर जवान सुनो…
आपसे है देश रौशन आपसे पहचान है!
आपसे से जिंदा वतन, कायम वतन की शान है!!
सो रहा होता वतन जब आप जगते रात भर!
शरहदें घर आपका शरहद ही दिल औ जान है!!
आप होते गर नहीं तो, इक ख़ुश मुमकिन न थी!
आपसे ही होली संभव आपसे रमजान है!!
सींच कर अपने लहू से आपने इस देश को!
आपने हम पर किया सबसे बड़ा अहसान है!!
हर शहादत आपका इक कर्ज है इस देश पर!
आपको शत् शत् नमन करता ये हिंदुस्तान है!!
भारत माता के वीर लाडले ~ अंजली सिंह
भारत माता के लाडले….
वो वीर सिपाही वतन के,
हो शहीद चले गए…..
प्रेम पुजारी मातृ के।
राष्ट्र को न झुकने दिया…..
न वीर सपूत परस्त हुए,
निर्भय होकर फिर एक बार,
भारत माता की गोद में ….
उनके लाल सो गए।
भेड़ की खाल में कुछ धोखेबाज देश को है छल रहे……
अब उनको चुप करवाने की बारी है।
दुश्मनों को खदेड़ना अब की बारी है।
चीन का छल, पाक की धोखेबाजी,
नेपाल की कृतघ्नता को हरा पाएगी केवल हमारी एकता।
घिर गया है आज देश हमारा इन गद्दारों से।
पर पता नहीं उन्हें उनका सामना हुआ है
फौलादी सेना के तेज हथियारों से।
अकारण ही हमारे वीरों से,
वो क्यों आकर है लड़ रहे।
सजा ईश्वर देगा उन्हें,
मगर कुछ हमारी भी जिम्मेदारी है।
सुनो राष्ट्र प्रेमियों,
अब एकजुटता दिखाने की हमारी बारी है।
जब जब विश्व में कोई संकट आता है,
भारत ही सबसे पहले अपना हाथ बटाता है,
बेबश नहीं है देश ये,
ये सुख समृद्धि का दाता है।
मत उलझो बिन बात के,
इनमें वीरो का ताता है।
ना डरना सीखा है हमने,
ना बेवजह डराते हैं।
मगर हमलावरों के लिए,
हम अंगारे बन जाते हैं।
बहुत सम्मान किया चुप रहकर,
अब उन्हें चुप कराने की बारी है।
वीर जवानों के कारण उनकी साजिश
अब उन पर ही भारी है।
सेना की ही नहीं
ये हमारी भी जिम्मेदारी है।
सुनो राष्ट्र प्रेमियों,
अब एकजुटता दिखाने की हमारी बारी है।
वीरो का बलिदान ~ नीकेश सिंह यादव
हम वीरो को जान गए।
दुश्मन भी लोहा मान गए।।
इंच इंच कटते जाए।
कदम वो पीछे ना हटाए।।
देश पे वो बलिदान हो जाए।
जीवन क्या है?
जीवन का वो सार बताए।
कट जाए सर, झुक नहीं सकता।
देश का क्या अभिमान बताए।।
सांसे छूटे, घरबार सब छूट जाए।
अरि क़दमों को रोक ना पाए।।
जीवन जो न्योछावर कर गए।
उनकी याद में आंसू रुक ना पाए ।।
वीर हमारे तिल तिल कट गए।
अरि कदमों को रोक ना पाए।।
इस देश का गौरव है तू ~ उत्कर्ष श्रीवास्तव
भारत के वीर जवान इस देश का गौरव है तू
भारत की शान है तू, भारत का अभिमान है तू
शौर्य की मिशाल है तू, निष्ठा की पहचान है तू
शरहद पर खड़ा जवान है तू, दुश्मन का यमराज है तू
गर्मी हो या ठंडी हो या बारिश हो
हर मौसम में निष्ठा से काम करता है तू
न रुकता है तू, न थकता है तू
बंदुक ताने शरहद पर खड़ा रहता है तू
इस देश पर आंच न आये हो जाता क़ुर्बान है तू
तुझे न जीने की फिक्र न मरने की फिक्र
तुझे तो बस भारत माता की रक्षा करने की फिक्र होती है
पराक्रम, साहस की दीवार है तू, हिम्मत का पैगाम है तू
वर्दी तेरा गुरूर है तिरंगा तेरी जान है
धरती तेरी माँ है भारत तेरा परिवार है
वीर जवान है तू, हम सबका विश्वास है तू
भारत के वीर जवान इस देश का गौरव है तू
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SWARACHIT1507A | एक वीर जवान की चाहत |
SWARACHIT1507B | भारतीय सैनिक |
SWARACHIT1507C | आजादी एक एहसान |
SWARACHIT1507D | देश के खातिर |
SWARACHIT1507E | अमर शहीद |
SWARACHIT1507F | सैनिक और सावन |
SWARACHIT1507G | नमन वीर शहीदों को |
SWARACHIT1507H | वीर जवान सुनो |
SWARACHIT1507I | वीरो का बलिदान |
SWARACHIT1507J | भारत माता के वीर लाड़ले |
SWARACHIT1507K | इस देश का गौरव है तू |