छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला हिन्दू पर्व है जो चार दिनों तक चलता है, जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है। छठी मैया, सूर्यदेव की बहन हैं, सूर्यदेव को अर्घ्य देने पर छठी मैया प्रसन्न होकर सुख-शांति प्रदान करती हैं।
हिन्दी कलमकारों ने इस महापर्व पर सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपनी रचनाओं मे तप और समर्पण के पावन पर्व ‘छठ पूजा’ की महत्ता को बताने का प्रयास किया है, आप भी पढ़ें और अपनी राय व्यक्त कीजिए।
छठ व्रत
स्वच्छता व सादगी का एक त्योहार है।
जिस पर हिंदुओं का आस्था अपार है।
छठ व्रत की महिमा के क्या कहने है।
करती इसको सभी माताएं- बहने है।
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष में आता है।
पर्व यह अति फलदायक कहलाता है।
सूर्य उपासना सच्चे मन से जो करता,
दुख दूर होता,मनवांछित फल पाता है।
सूर्य की बहना छठ मैया कहलाती है।
श्रद्धा भाव से जग में पूजी जाती है।
छठ व्रत के मत अलग-अलग भले है।
पर मन में सबकी चाह, मात्र एक है।
हे दिनकर, हे भास्कर, दिवाकर,
सुनलो कवि रवि की इक अर्जी
दूर करो जग का सब अंधियारा।
भक्ति भाव से चढ़ाता सब अर्ध्य तुम्हें।
छठ पूजा
ऐसे मनाएं इस बार,
हो जाए कोरोना की हार।
सामूहिक अर्घ्य देने से बचें,
कोरोना संक्रमण से सुरक्षित हम रहें।
किसी के बहकावे में न आएं-
अपने ही छत आंगन
या पड़ोस के
आहर तालाब में
करें अर्घ्य दान!
सूर्योपासना का यह पर्व महान।
मिले मनोवांछित संतान,
चार दिवसीय है यह अनुष्ठान।
नहाय खाय, खरना,प्रथम व द्वितीय अर्घ्य,
तब जाकर पूरा होता यह पर्व।
सामाजिक समरसता का दे ता संदेश,
विस्तार हो रहा इसका देश विदेश।
एक ही घाट खड़े होते राजा और रंक,
देख दुनिया होती दंग;
नहीं रह जाता किसी में कोई दंभ।
ना कोई छोटा न कोई बड़ा,
लिए लोटा जल में सब एक पंक्ति में खड़ा।
डूबते उगते भगवान भास्कर को करते सब नमन,
सिर पर दऊरा रख वापस लौटते हम।
ठेकुआ नारियल मौसमी फल का चढ़ाते प्रसाद,
मिल-बांट कर खाते और खिलाते आज।
छठी मैय्या की कृपा सब पर होय,
भूखे पे ट न कोई सोय;
नि: संतान छुप छुप न रोए।
जब आदित्य का मिले आशीष,
घर घर में जन्म लेते जगदीश।
जय छठी मैय्या जय छठी मैय्या,
पार लगाओ अब हमरी भी नैय्या।
जय छठी मैया
तप श्रद्धा और भक्ति का,
संगम यह छठ महापर्व..
कार्तिक मास षष्ठी तिथि पर,
पूजे जाते छठी मैया और सूर्यदेव..
कच्चे चूल्हे पर बनते ठेकुऐ व प्रसाद,
शुद्धता व निर्मलता का प्रथम ध्यान..
डाल सूप में फल फूल सजे हैं,
झिलमिल दीप घाटों पर शोभायमान..
जन भक्ति की शक्ति से हर्षित,
छठी मैया करती सबका उद्धार..
निर्जल व्रत तप करते भक्तजन,
सूर्य उपासना की महिमा अपरंपार..
घाट तक ले जाते डाल सूप माथे पर,
करते हैं छठी मैया का ध्यान..
शीतल जल में खड़े सांझ सवेरे,
व्रत धारी देते सूर्य को अर्घ्य दान..
छोटे बड़े सभी प्रफुल्लित,
छठ व्रत यह बड़ा महान..
आरोग्य ,संतान व सौभाग्य मनोकामना,
करती छठी मैया जन जन का कल्याण
सूर्य
लालिमा युक्त
सूर्य का आगमन
सृष्टि का रूप
व्यथित प्राणी
श्रृद्धा का जागरण
आस्था का पर्व
तिमिर हारी
महाकल्याणकारी
आरोग्यप्रद