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APRIL-2021: 1) अप्रैल फूल • 2) शिव वंदना • 3) हमारा पैगाम ~ चाँदनी झा

चाँदनी झा
कलमकार @ हिन्दी बोल India

१) अप्रैल फूल

जमाना चाहे ना चाहे, तुम्हारी चाहत है मुझे।
बेबसी हो या बंदगी, तेरी आदत है मुझे।
खुदा ही कहूंगी तुझे ऐ मेरे हमनवां,
क्योंकि “बेवफा” मेरे लिए सही,
किसी न किसी से मोहब्बत है तुझे।।
ख्वाबों में आते हो हकीकत में नहीं,
मेरी ईवादत में हो, चाहत में हो।
खुशबू तेरी महसूस होती है तो जिंदा हूं,
वरना सांसों की चाहत भी नहीं।।
दिल चुराके आराम कर रहे हो,
आपको पता है आप मुझे बदनाम सरे-आम कर रहे हो।
जीना शुरु किया था आपको सोचकर,
आप की बेरुखी जीने नहीं देती,
और आप अपनी जिंदगी किसी गैर के नाम कर रहे हो।।
तेरी जुस्तजू, तेरी आरजू, तेरी मौजूदगी,
तू आस है, तू प्यास है, तू है मेरी जिंदगी।
तुम बेरहम, बेवफा, बेगैरत नहीं,
मेरी चाहत, मेरी हसरत, मेरी दीवानगी।।
चलो एक मौका देती हूं बचा लो मुझे बेखबर,
आज भी इंतजार है, कह दो कि प्यार है।
बाद में मुकर जाना ऐ सनम, अभी अप्रैल फूल कि बाहर है।।

२) शिव वंदना

अविकारी अविनाशी, हैं वो शमशान वासी।
भूत प्रेत इनके साथी, ये हैं, घट घट के वासी।
बाघम्बर ओढ़े, सर्प लपेटे, डमरु
और त्रिशूल धारी, नंदी है इन की सवारी।।
वाम अंग में गौरी साजे, कल्याण करे तो डमरू बाजे।
औघड़दानी, कैलाशी, यह कहलाते वनवासी।
शिव हैं बैरागी, जोगी, शंकर महादानी,
जग का कल्याण करें, संग इनकी कल्याणी।
भस्म लगाए, डमरु बजाए
जो शिव शक्ति जपे, सब कुछ पा जाए।
बिन शक्ति के शिव है शव,
त्रिनेत्र धारी सुनो हमारी पुकार अब।
हलाहल विष पीया, नीलकंठ कहलाए,
लोक कल्याण हेतु जटा में गंगा लहराए।
चंद्र शोभे मस्तक पर, चंद्रशेखर कहलाए।
शंभू, शिव शंकर बम बम, महादेव कहा जाए ।।
रुद्र की माला धारण करते विषधर,
तांडव करते हैं महादेव, नटवर, हर हर।
कार्तिक गणपत सूत हैं इनके,
उनको कोई हानि न होता,
शिव सहांरक देव है जिनके।।
आक धतूरा बेलपत्र हैं खाते,
ॐ नमः शिवाय से इनको मनाते।।।
जय महेश्वर, जय नंदेश्वर
जय डमरू धारी, गंगा धारी जय चंद्रेश्वर,
जय अर्धनारीश्वर, त्रिनेत्र रुद्र अवतारी।।

३) हमारा पैगाम

हम भारतवासी हमारा है सबको पैगाम,
देश की खातिर दे देंगे अपनी जान।
दोस्ती मोहब्बत चाहत है हमारी पहचान,
प्रेम, भरोसा और मजबूत ईमान।।
हम ना सिख, इसाई, ना हिंदू ना मुसलमान,
हर मजहब, और धर्म से बड़ा है,
अपना मजहब ए वतन।
सारे जहां से अच्छा है अपना हिंदुस्तान।।
कायरता, बर्बरता से हैं कोसों दूर,
प्यार करते और चाहत में हो जाते हैं मजबूर।
ताजमहल, चारमीनार, रामेश्वर है मशहूर,
वतन की खातिर रहते सिपाही अपनों से दूर।।
हम अतिथियों का करते सम्मान,
सचिन, लता, कलाम है हमारी शान।।
देश की खातिर हर सितम गवारा,
क्योंकि हमारी चाहत है, तिरंगा ऊंचा रहे हमारा।।
मिट जाए देश की सारी भ्रष्ट व्यवस्था,
हत्या, डकैती, नंगी सियासत, और बलात्कार सी आफत।
हम मिटायेंगे भ्रष्टाचार, बनाएंगे स्वच्छ भारत।।
हिंद हमारा, हमारा हिंदुस्तान, हम डटे रहे उल्फ़ते मैदान।।

This Post Has One Comment

  1. Manoj kumar dubey

    Good

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