विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के लिए तारीख ’28’ इसलिए चुनी गई क्योंकि पीरियड्स साइकल 28 दिनों का होता है। इसका उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी देना है। आइए मासिक धर्म पर कलमकारों के संदेश पढ़ें।
स्वच्छ माहवारी ~ चाँदनी झा
आओ जाने नारी को,
जाने उसकी माहवारी को,
स्वच्छ माहवारी और पोषण पूरी,
स्वास्थ्य के लिए है बिल्कुल जरूरी।
माहवारी नहीं है अपमान,
ये तो है नारीत्व की पहचान।
खुलकर बातें हों इसपर, ये है जरूरी,
बिटिया को इसकी जानकारी दो पूरी।
औरत के गर्भ से हर महीने, होता रक्तस्त्राव,
जिससे पता चलता बिटिया हो रही माँ बनने को तैयार।।
स्वच्छ,स्वास्थ्य का जब होगा सही ज्ञान,
स्वस्थ्य रहेगी बिटिया, जन्म देगी स्वस्थ्य संतान।
कपड़ा साफ हो, पेड सुरक्षित,
इस सबका ज्ञान बिटिया को देना है उचित।
रह जाएंगे यदि माहवारी की बातों से अनजान
तो जा सकती है हमारी भी जान।।
माहवारी- जागरूकता ~ मुकेश कुमार
यह तो प्रकृति का वरदान है,
इस प्यारे सृष्टि का कमान है,
यह कोई अभिशाप नहीं,
मेरी नजर में यह सम्मान है ।
अपने आप को गर सुरक्षित रखना है,
इस माहवारी में नेपकिन का प्रयोग करना है,
इस मुद्दे को हम जन मानस तक पहुंचाए,
इसका हमें, हमसब को ख्याल रखना है ।
हमारी माताएं, पत्नी, बहने गर सुरक्षित रहेगी,
हमारा जीवन भी इनके पास आरक्षित रहेगी,
इस बारे में गर सबको जागरूक कर पाएं हम,
सारा परिवार और समाज ना आपस में खंडित रहेगी ।
विद्यालय में भी अपनी बच्चियों को यह समझाना है,
अपने आप को माहवारी के समय कैसे बचाना है,
हो हमेशा स्वच्छता और नेपकिन का सही प्रयोग,
फिर जग में तुम्हें आगे और आगे बढ़ जाना है।
माहवारी खुलकर बोलने की बारी ~ विवेक कुमार
विधाता की अद्भुत कलाकारी
नर संग पालनहार नारी
सृष्टि सृजन की जिम्मेवारी इन्हीं पर वारी
दिया समानता का अधिकार
नारी को पृथ्वी का बनाया तारणहार
निर्भर है जिसपर धारा
माता का रूप जिसने धरा
संग माहवारी का अनुपम कड़ा
यह शारीरिक प्रक्रिया बारह वर्ष पर होता खड़ा
चलता माह के पांच दिन जरा
फिर क्यूं झिझक ये संकोच तेरा
उठ खुलकर बातकर तेरा सिर क्यूं गड़ा
इसी चक्र से हर मां का गोद भरा
फिर क्यूं होता तिरस्कार
युग बदला,बदली नहीं तस्वीर
यही वजह बहन,बेटी होती मजबूर
हमें अपनी सोच बदलनी होगी
देना होगा हर स्तर पर सही ज्ञान
पहले परिवार का मिले साथ
संग स्कूल में गुरु का हाथ
समाज में मिले सम्मान
तभी माहवारी होंगी आसान
स्वच्छता हेतु पैड से काम तमाम
माहवारी स्वच्छता दिवस पर प्रण करें आम
जागरूकता अभियान से विश्व को संदेश देंगे सरेआम
न झेलना होगा अपमान
गुजर जायेंगे वो दिन समान
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस ~ नरेश कुमार
हर महीने वेदना से भरा वो दिन
हर एक स्त्री के जीवन में आता है,
प्रजनन चक्र का प्राकृतिक हिस्सा
यही तो मासिक धर्म कहलाता है।
आधुनिक होते समाज में आज भी
माहवारी से जुड़ी कई भ्रांतियां फैली है,
कुत्सित विचार वाले लोगों के कारण
हमारे समाज की सोच आज भी मैली है।
आइए हम सब परियड्स को लेकर
देश के हर घर में जागरूकता फैलायें,
स्त्री के शारीरिक बदलावों के बारे में
चुप्पी तोड़ कर बच्चियों को भी बतायें।
रजोधर्म के इस विशेष दिवसों में
हर स्त्री खुद का भी रखे ख्याल,
साफ-सफाई में न हो लापरवाही
सैनिटरी नैपकिन का करे इस्तेमाल।
“विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस” पर
घर-घर तक यह संदेश पहुचाना है,
मासिक धर्म कोई अपराध नहीं
हर नारी को संक्रमण से बचाना है।
माहवारी मान है स्त्री का ~ काजल
ये लाल
अस्तित्व जननी का
जो जन्म दे नए जीवन को
ये लाल
अस्तित्व पुरूष का
जो उन्हे अस्तित्व दे
फिर ये छूत अछूत कैसी
क्यों ये सीमायें खींची
जननी सृष्टा है ये लाल
ये ही है स्त्री का मान
मंजूर है हर माह का बिखरना
क्योंकि ये लाल है सृष्टि की रचयिता ll
World Menstrual Hygiene Day- 28 May, 2021: The day is observed on 28 May because menstrual cycles average 28 days in length and people menstruate an average of five days each month.
Theme: Action and Investment in Menstrual Hygiene and Health
More Info: https://menstrualhygieneday.org/about/about-mhday