विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र भारत ‘कोरोना’ संकट का सामना कर रहा हैं । जिस धैर्य, संयम, अनुशासन, राष्ट्रप्रेम, दृढ़ इच्छाशक्ति व मजबूती से हम इससे निपट रहें हैं सम्पूर्ण विश्व ‘भारत’ का लोहा मान रहा हैं । आज अमेरिका, इटली जैसे देश ‘कोरोना’ के आगे नतमस्तक हैं इस दरम्यान विश्व के अनेक देशों व संस्थाओं ने ‘भारत’ के प्रयासों की प्रशंसा की हैं।
लेकिन विगत दिनों में शराब की दुकानों के खुलनें से व श्रमिकों की घरवापसी के निर्णय से देश में असभ्यता व अराजकता प्रकट हुई हैं। एक छोर से हमारा शत्रु राष्ट्र ‘पाकिस्तान’ अपनी हरकतों से बाज नहीं आता हैं व दूसरे छोर पर राजनैतिक दल सियासत करते थकतें नहीं हैं।
प्रिय देशवासियों,हमें स्मरण रखनें की आवश्यकता हैं की-कायर ‘पाकिस्तान’ ने ‘कोरोना समय’ में हमारी सीमाओं पर प्रहार किया हैं ! इस मुश्किल वक्त में हमारे देश के जवानों ने अपना राष्ट्रधर्म निभाते हुए अपनी शहादत दी हैं। लेकिन हमारे देश के नेता ‘राष्ट्रधर्म’ भूल गए हैं व परस्पर राजनैतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं। देश के संकटकाल में राजनैतिक दलों का राष्ट्रधर्म क्या हैं ?
‘कोरोना’ संकट के मद्देनजर देश का आर्थिकतंत्र गड़बड़ाया हुआ हैं व सामाजिक तंत्र चरमरा गया हैं। राजनैतिक तंत्र परस्पर उलझा हुआ हैं। इस दरम्यान ‘कोरोना’ दिनोंदिन बेकाबू हो चला हैं । श्रमिकों की घरवापसी व लोगों में शराब की भयंकर तलब ने ‘कोरोना प्रसार’ में वृद्धि की हैं।इसलिए ‘भारत’ चहुंओर से संकट का सामना कर रहा हैं।
वर्तमान परिदृश्य में हमारी सरकारों व प्रशासन को चाहिए की ‘जनसुरक्षा व जनसहायता’ हेतु मजबूत निर्णय लेवें । इसप्रकार के निर्णय ना करें जिससे जनतंत्र के लिए समस्या व परेशानी खड़ी हो। देश में व्याप्त संकट के समय राजनैतिक दलों को सियासत करने से बचना चाहिए। तबलीगी जमात व शराब की तलब वाले लोगों हेतु सरकार को उचित प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता हैं।
हमें ‘कोरोना यौद्धाओं’ व देश के लिए शहीद हुए जवानों के सम्मान में कोरोना’ संकट के समय में कतई लापरवाही नहीं बरतनीं चाहिए। सरकार व प्रशासन का सहयोग करना चाहिए । प्रवासी श्रमिकों को चाहिए की घर वापसी पर वे अपने राष्ट्रधर्म का पालन कर स्वयं अपनी जांच करवाएं तद्उपरांत हम सभी को प्रवासी श्रमिकों की मदद या सहायता करनी चाहिए ।
अतः देश मे ‘कोरोना’ व ‘आतंकवादी गतिविधियों’ के मद्देनजर व्याप्त आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक संकट के समय में हमें अधिक सचेत, सर्तक रहना हैं। भारत पर चहुंओर से हुए प्रहारों को दृष्टिगत रखतें हुए हम सभी देशवासियों को एकजुट होकर परस्पर सहयोग, समरसता पूर्वक संघर्ष कर इस संकट की घड़ी में अपने राष्ट्र की मजबूती हेतु अपना राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए।
“देशहित में घर पर रहें – स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें”
जय हिन्द।
लेखक- मयंक शर्मा, (पाली, मारवाड़)