Category: रोचक जानकारियाँ
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बातें शहद की
हम में से सभी चाहते हैं कि हमे एक लंबा और स्वस्थ जीवन मिले औऱ एक अधिक समय तक जीवित रहें. डॉक्टर वैद्य हकीम साइंसदानों एवं माहेरीन इस खोज में लगे हैं कि मृत्यु को कुछ समय के लिए टाला जा सके, पिछले वर्षों में रूस में एक ऐसे शख़्स पर डाक टिकट जारी किया…
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एक परिवार अनेक लोग
अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस (International Family Day 2020) के अवसर पर परिवार से जुड़ी कई रोचक जानकारियाँ पढ़ें। दुनिया भर की खबरें आज इंटरनेट के माध्यम से हम सभी को मिलती रहती हैं, हो सकता है आपने भी इन खबरों को पढ़ा हो; यदि नहीं, तो हमने कुछ रोचक तथ्य यहाँ संकलित किए हैं। 1) डिहार…
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गंगा-घाट
युगों-युगों से यात्रा मेरी, तेरे साथ-साथ चलती रही। जन्मों-जन्मों से गुजर कर, तुम पर ही तो आ के थमती रही। जिंदगी के एक घाट से, मौत के, दूसरे घाट तक का सफर। युगों-युगों से ना बदला है। ना बदलेगा । जन्मों- जन्मों का यह सफर। देखता हूँ.. तेरे घाट पर, जीवन का अनूठा ही फन।…
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गंगा जन्मोत्सव- ३० अप्रैल २०२०
माँ गंगा जिन्हें सभी नदियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। जो त्रिपथ गामिनी के नाम से भी विभूषित है। वास्तव में माता गंगा पराशक्ति माता जगदम्बा की अनंतानंत महाशक्तियों में से एक है। सृष्टि सृजन करते समय माता दुर्गा ने सात महाशक्तियों को अर्थात सात श्रेष्ठ नदियों को भगवान ब्रह्मा जी को प्रदान की थी।…
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परशु के राम- परशुराम
परशुराम जयंती हिन्दू पंचांग के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे “परशुराम द्वादशी” भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन दिये दान कर्म पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता। अक्षय तृतीया से त्रेता युग…
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शस्त्र और शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान भगवान परशुरामजी
युग और काल से परे शस्त्र और शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान भगवान परशुरामजी भगवान नारायण के षष्टम अवतार परशुरामजी को माना जाता है । भगवान के आवेशावतार के रूप में भी इन्हें जाना जाता है इसी कारण इनका स्वभाव अतिक्रोधी था । सृष्टि में वैदिक संस्कृति को तदवत बनाए रखने में भगवान परशुराम जी का…
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भगवान परशुराम को समर्पित पँक्तियाँ
जमदग्नि के तेज पुंज जय महावली नर धारी तुम दया धर्म के रखवाले और दुष्टों के संहारी तुम माना क्रोध बहुत है लेकिन पाप नाश आवश्यक तुम अखिल विश्व के स्वामी हो नारायण अवतारी तुम कर्ण द्रोण हाँ भीष्म गुरु, ज्ञान औऱ विज्ञानक तुम धर्म ध्वजा फहराने वाले, संस्कार विस्तारक तुम महादेव से फरसा पाकर,…
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस- लिंगवाद विरोध दिवस
लिंगवाद विरोध का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ८ मार्च को प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व भर में महिला दिवस मनाया जाता है। वास्तव में यह दिवस महिलाओं को उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं की आबादी पूरे विश्व में आधी हैं, फिर भी हमारे समाज में…
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अजेय योद्धा शिवाजी महाराज
भारत वर्ष की शौर्यभूमि में अनेक सिद्ध पुरुष व अजेय महायोद्धाओं ने जन्म लिया। जिन्होंने अपने पीछे स्वर्णिम इतिहास अंकित किया ताकि आने वाले हर भारतीय के दिलों में राष्ट्रभक्ति हमेशा जाग्रत रहे। भारत के गौरव अजेय योद्धा छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। 1674 में शिवाजी ने…
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दोहे कैसे लिखे?
दोहा एक मात्रिक छंद है- चार चरणोंवाला प्रसिद्ध छंद। इसके दो पद होते हैं तथा प्रत्येक पद में दो चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। दोहे में चारों चरणों को मिलकर कुल ४८ मात्राएं होती हैं। द्वितीय तथा…
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भारत में सूफी संतों का आगमन
सूफी काव्य निर्गुण भक्ति धारा की दूसरी शाखा है। भारत में सूफी संतों का आगमन १२वीं सदी से माना जाता है। सूफीमत इस्लाम धर्म की एक उदार शाखा है । सूफी फकीरों ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रयास किया और दोनों संस्कृतियों में सामंजस्य बनाए रखा। इनके दोहों में भारतीयता की झलक देखी जा सकती है। सूफी…
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बालाबोधिनी- महिलाओं को समर्पित पहली हिंदी पत्रिका
भारतेंदु जी नारी को पुरुष के बराबर मानते थे और नारी शिक्षा के समर्थक थे। उन्होने 1874 से 1877 तक ‘बालाबोधिनी’ नमक हिंदी की पहली स्त्री-पत्रिका का संपादन महिलाओं को शिक्षित-सचेत करने के उद्देश्य से किया।
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१९वीं सदी की हिन्दी पत्रिकाएँ
हिन्दी के प्रचार प्रसार में पत्र-पत्रिकाओं ने विशेष योगदान दिया है। यही वह समय था जब हिंदी पत्रकारिता फल-फूल रही थी। पत्रिकाओं के माध्यम से लेखकों ने समाज में नई चेतना का संचार किया। ब्रिटिश राज के दौरान सामान्य जन-मानस उनके अत्याचारों से त्रस्त तथा रूढ़िवादी परंपराओ और कुरीतियों से घिरे हुए थे। ऐसे में…
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आखिर गुस्सा आ ही जाता है
हम सभी में प्रेम, ईर्ष्या, दया, करुणा जैसे अनेकों भाव भरे पड़ें हैं, गुस्सा भी इसी श्रेणी में आता है। यह सारे भाव स्वाभाविक हैं और प्रत्येक स्त्री-पुरुष में समाहित हैं। इनपर नियंत्रण कर पाने की क्षमता सभी लोगों में एक समान नहीं होती है और इसी कारणवश गुस्से को सभी लोग बराबर काबू में…
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बच्चों के अजीबो-गरीब सवाल
यदि कलात्मक जवाब सुनने हों तो बच्चों से कुछ प्रश्न पूछिये, उनके उत्तर सुनकर आप अचंभित रह जाएंगे। ये उत्तर उन्होने कल्पना के सागर से काफी सोचकर दिया होता है। कभी-कभी बहुत ही जटिल सवालों का आसान सा उत्तर देकर हमें दंग कर देते हैं। इसी कड़ी से जुड़े हैं उनके प्रश्न भी, बच्चों के…
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सत्य ही उत्तम मित्र है
एक से भले दो- यह कहावत जीवन में उपयोगी साबित होती है जिसके अनुसार अकेले रहने से किसी मित्र के साथ रहना भला होता है। इस मित्र की तलाश आज सभी को है क्योंकि व्यक्ति जब एकाकीपन से गुजरता है तो उसे सच्चे दोस्त की जरूरत अवश्य जान पड़ती है। कहने को तो हम ढेर…
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संतोष ही परम सुख है
‘संतोषं परमं सुखं’ – सन्तोषी सदा सुखी संतों ने कहा है कि जो आपका है उसे कोई आपसे छीन नहीं सकता और जो आपसे दूर/छिन गया वह कभी आपका था ही नहीं। इस तथ्य को यदि हम जीवन में अपनाने में सफल हो जाएँ तो फ़िर क्या बात हो। आधुनिकता के इस दौर में हर…
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नाथ संप्रदाय- एक धार्मिक पंथ
नाथपंथ के प्रेरणाश्रोत भगवान शिव हैं। हिन्दू धर्म में चार प्रमुख धार्मिक संप्रदाय हैं – वैदिक, वैष्णव, शैव, स्मार्त। शैव संप्रदाय के अंतर्गत ही ‘नाथ’ एक उपसंप्रदाय है। नाथपंथ में साधक को प्रायः योगी, सिद्ध, अवधूत व औघड़ कहा जाता है। नाथ-साधु हठयोग पर विशेष बल देते थे। शिवजी के शिष्यों ने नाथ परंपरा को…
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दोहा: तुकांत, सरल और हिन्दी उपभाषाओं में रचित छंदबद्ध पद्यकाव्य
यह बहुत ही लोकप्रिय छंद है, भारत के अनेक कवियों और संतों ने इस काव्य शैली को विकसित करने में अपना पर्याप्त योगदान दिया है। दोहा काव्य रचना हिन्दी कि अनेक उपभाषाओं जैसे- अवधी, ब्रज, मैथली, मारवाड़ी, भोजपुरी, मगही, बघेली, कन्नौजी, बुंदेली खड़ीबोली आदि में की गईं हैं। आपने कई कवियों और संतों के दोहे…