हे भगवान अंतर्यामी
हे राम दूत चले आओ पवन की चालहरो जगत संकट रूप धरो विकरालमाँ अंजनी के पुत्र केसरी नंदन हनुमानकरत करत विनती हुए हम बेहालहे राम दूत चले आओ पवन की चाल हे प्रभु सुमिरन करे दिन-रात तुम्हारापड़ी विपदा ध्यान करो…
हे राम दूत चले आओ पवन की चालहरो जगत संकट रूप धरो विकरालमाँ अंजनी के पुत्र केसरी नंदन हनुमानकरत करत विनती हुए हम बेहालहे राम दूत चले आओ पवन की चाल हे प्रभु सुमिरन करे दिन-रात तुम्हारापड़ी विपदा ध्यान करो…
करोना रे करोना ।तुम इससे मत डरो ना ।हर पल हाथ धोओ ना।ता पीछे काम दूजा करो ना।घर से तुम मत निकलो ना।घर में ही तुम रूको ना।छुआ छूत से बचो ना।खुद का जीवन बचाओ ना।सोशल डिस्टेनशिंग अपनाओ ना।देश हित…
आपसे मिले बहुत दिन हुए,जीवन रहा तो हम सदा की तरह मिलतें रहेगें.अभी कोरोना संकट काल चल रहा है,मिलना जुलना मुहाल हुआ है.हमें वो सब बातें याद है, भूला कुछ नहीं,जब मिलेगें तो सारे शिकवे गिले दूर होगें.बहुत दिन हुए…
अभी वक्त है हमलोगों को सम्भल जाना है, घर में ही रहकर कोरोना को हराना है अपने देश से भगाना है! इस माहौल में घर से कहीं बाहर न जाना है हमलोगों को लोक-डाउन का पालन करना है, घर में…
इस महामारी से दुनिया दंग हैमानवता को बचाने का जंग है लॉकडाउन में नहीं घूमना है कोरोना के कड़ी को तोड़ना है लक्ष्मण रेखा नहीं पार करना है बाहर रावण रूपी बैठा कोरोना हैपरिवार संग समय बिताना है भूल कर…
एक विपदा आई हैसम्भले रहो, सम्भले रहोबैठ कर देखो तमाशा हो रहा है जो, संसार मेंपर करना कुछ भी नहींयदि, करना है तो बस ये करोकेवल अपनी 'खटिया' से चिपके रहो, चिपके रहोहो कर चुपचाप देखोटी. वी. पर सबकी बात…
ऐ! प्रकृति प्रदत्त चीजो से इंशा, मत करो खिलवाड़ तुमरौद्र सा तेवर जागेगा जब, क्या सह पाओगे दहाड़ तुम?युगों युगों से देती आई जो, जीवनदायिनी सतरंग भी"मां" बन पोशी अपने अंचल में, सदा निभाई संग भीसुख सागर सा प्राण दिया…
माना विद्यालय बंद हैतो क्या अध्ययन, अध्यापन सब बंद रहेगा?माना सड़क पर नहीं जाना हैतो क्या हम ऐसे ही घूमते रहेगे?माना कि कुछ राष्ट्र द्रोही पत्थर फेंक रहे हैंतो क्या हम राष्ट्र धर्म छोड़ देगें?माना कि आवागमन बंद हैतो क्या…
कलमकार उमा पाटनी कोरोना को हराने की बात अपनी पंक्तियों में लिखती है। उनका कहना है कि हमें ऐसा कुछ करना चाहिए जिससे हमारी जीत हो और यह कदम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाए। जी हाँ सो जाने…
रोशनी से जागतीउम्मीदों की किरणअंधेरों को होतीउजालों की फिक्रसूरज हैचाँद हैबिजली हैइनमें स्वयं काप्रकाश होताये स्वयं जलतेदिये में रोशनी होतीमगर जलाना पड़तासब मिलकर दीप जलाएंगेधरती परकरोड़ो दीप जगमगाएंगेऔऱ ये बताएंगेसंक्रमण के अंधेरों कोएकता के उजाले सेदूर करकेस्वस्थ जीवन कोदूरियां बनाकरदेखा…
खतरे से दूरी मास्क जरूरी,नहीं ये मजबूरी, जीवन के लिए जरूरी।नहीं मिलती दवाई, संयम से इसकी विदाई।अब तो समझो भाई, बिमारी ने रफ्तार बढाई।घर में रहों सुरक्षित रहों,खूद बचों, परिवार को बचाओं।जीवन दो चार माह की नहीं,मानों यह बात सबकी…
गुनाह तोह पासपोर्ट का था,दरबदर राशन कार्ड हो गए।प्रकृति के इस भूचाल ने हम,सभी को सबक सीखा गए।दुरपयोग करने की सजा हमसबको दे दिए गए।मंदिर-मस्जिद की जरूरत नहीं,शिक्षा, चिकित्सा के महत्व को बढ़ाये गए।नए दुश्मन के आने से जरूरतमंदो,से मुलाक़ात…
जादू की छड़ी जब वक्त कीघूमती है, तोसब कुछ ऐसे पलट जाता है,जैसे-कदम हैं रुके सेऔर धरती चल रही है,आसमां है झुका साऔर हम उठ रहे हैं,सूरज है शीतल साऔर चांद तप रहा है,पशु-पक्षी हैं उन्मुक्त सेऔर हम कैद हो…
महामारी का दौर है सब घर में ही करो विश्राम,बाहर घूम रहा है कोरोना, है बाहर जाना हराम,मंदिर मस्जिद गिरजा गुरुद्वारा सब ताले में बंदघर में बैठकर ही भजो, सभी अपने अपने राम।नर सेवा में लगे हुए वो नरवीर संभाल…
मन में पीड़ा इतनी है, जितना बड़ा है रत्नाकर।यह सोच कर निकल पड़े, सुकून मिलेगा घर जाकर। कितनी दूर पैदल चलेंगे, वो हैं निरेहाल।चेहरे से स्मित है गायब, हालात है खस्ताहाल। एक बीमारी ऐसी आई मानो वह है डायन।श्रम साधक…
कोरोना के योद्धाओं को, मैं प्रणाम करता हूँ। लड़ रहा विश्व, आज जिस त्रासदी से , आगे आएं, इन मनुज अवतारों की, भूमिका को सलाम करता हूँ। कोरोना के योद्धाओं को, मैं प्रणाम करता हूँ। उन डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों, सफाई…
दीवारें नफरतों की गिरा दीजिए, किसी रोते हुए को हसा दीजिए। जीना ना हो जाये दूभर कहीं, जख्मों को ना इतनी हवा दीजिए। मुसीबत में मदद का हाथ बढाकर, उनके दुखों को थोड़ा गला दीजिए। वह अभागा रातभर सोया नहीं,…
इस दूनिया की भीड़ में आज आदमी तन्हा है । जो प्रकाश दे जग में वो सूरज आज तन्हा हैं। जो खेतों में धान निकाले वो अन्नदाता आज तन्हा हैं। जो औरों के दर्द दूर करे वो भगवान आज तन्हा…
कुछ वक़्त अब तो ठहर घर में आख़िर क्या है, जान से बढ़कर और इस दुनिया में रखा क्या है, जिन बन्द पेटियों में तुम शराब लाते थे, हां वही है जो अब उनमें लाश आ रहे हैं, महज़ खेल…