Category: COVID19
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चल दिये हैं पैदल
बड़ी खुद्दारी के साथ वो अपनी नन्ही सी बच्ची को कंधे पे बिठाये अपने गॉव के तरफ निकल पडा है। शहर से गॉव कि दूरी लगभग हजारो किलोमिटर होगी फिर भी वह चले जा रहा है । उसके पॉव के छाले अब घाव मे बदल गये है, फिर भी हिम्मत नही हारा चलता चला जा…
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रक्तरंजित रोटियाँ
पटरियों पे रक्तरंजित रोटियाँ, रोटियों संग पड़ी थीं बोटियाँ। थक गये क़दम मुसाफ़िरों के, झपकियाँ पटरियों पे सुला गईं। मुफ़लिसी फिर तितर-बितर हुई, घर पहुँचने की आरज़ू कुचल गई। चीत्कार चौखटें कई करने लगीं। दर्द के दामन में वीरानियां सोने लगीं। वो लौट कर फिर ना आयेंगे कभी, ये जानकर दीवारें दर्द से दरकने लगीं।…
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राष्ट्रधर्म- कोरोना के दौरान
विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र भारत ‘कोरोना’ संकट का सामना कर रहा हैं । जिस धैर्य, संयम, अनुशासन, राष्ट्रप्रेम, दृढ़ इच्छाशक्ति व मजबूती से हम इससे निपट रहें हैं सम्पूर्ण विश्व ‘भारत’ का लोहा मान रहा हैं । आज अमेरिका, इटली जैसे देश ‘कोरोना’ के आगे नतमस्तक हैं इस दरम्यान विश्व के अनेक देशों…
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कोरोना सब पर भारी है
न जात देखे न धर्म देखेअमीर देखे न गरीब देखेबड़ी बेरहम बीमारी हैंइससे दुनिया हारी हैंकोरोना सब पर भारी है। सात समंदर पार सेचीन के बाजार सेऐसी ये महामारी हैंत्रासदी ये सारी हैंकोरोना सब पर भारी है। विश्व सारा जूझ रहाहल न अब सूझ रहावुहान से ये आया हैंकहर इसने ढाया हैंकैसी ये लाचारी हैंकोरोना…
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बन्द रहेंगे मंदिर-मस्जिद
बन्द रहेंगे मंदिर-मस्जिद, खुली रहेंगी मधुशाला। गांधी जी के देश मे देखो, क्या होता है गोपाला हर जगहा त्राहि त्राहि है, पल पल संकट बढ़ता है। रक्त बीज असुर कोरोना दिन प्रतिदिन ये बढ़ता है। इस आलम में निर्णय ऐसा समझ नही आने वाला बन्द रहेंगे मंदिर मस्जिद खुली रहेगी मधुशाला महामारी ले काल रूप…
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श्रम साधक
श्रम साधक को विश्राम नहीं कर्म से नहीं फुर्सत ,आराम नहीं मेहनत उसका कार्य ,करता उसे हराम नहीं चलता ही जाए ,लेता कभी विराम नहीं कर्म ही उसकी सच्ची पहचान ईश्वर का इक अनमोल वरदान राष्ट्र का सदा बढाता मान समाज की आन बान और शान श्रमसाधक है देश का कर्णधार श्रम से करे राष्ट्र…
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समय है अपनी चेतना जगाने का
प्रकृति का बलात्कार तो आदम ने बहुत किया हर शतक हमने अनदेखा तो कर दिया विकराल काल के संकेत को कलियुग का है यह अदृश्य असुर सुन सके तो ठीक से सुन इसके तांडव का हर एक सुर एक ताल को एक शतक के अंतराल फिर खड़ा है ये विकराल “काल” करोना प्रकृति का और…
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शराब की मज़बूरी
और देशों की बर्बादी से हम कुछ नया ना सीखेंगे,खबर आई है एक अजीब कि मदिरालय रोशन होंगे।इतने दिनों की मेहनत पर अब पानी फिरने वाला है,लगता है कोरोना का खेल अब तगड़ा होने वाला है।फिर से भीड़ लगेगी अब तो मदिरा की दुकानों में,सोशल डिस्टन्सिंग का बनेगा तमाशा अब बीच बाज़ारो में।अब तक जो…
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कोरोना महामारी से जूझ रहा संसार
आज कोरोना नामक महामारी से सारी दुनिया जूझ रही है। सम्पूर्ण विश्व इसकी चपेट में आ चुका है। दुनियाभर में लाखों लोग इस कोरोना वायरस ( कोविड-19) से जान गंवा चुके हैं। अधिकांश देश इस महामारी की भीषण मार झेल रहे हैं। जिनमें एक भारत भी है। माना जा रहा है कि दिसम्बर 2019 में…
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शराबी की कथा
लाकडाउन के चलते मंदिर बंदमस्जिद बद गुरुद्वारे बंदबंद विधालय और महाविद्यालयलाकडाउन खुला तो,खुले तो केवल मदिरालय इस ढील के दौरान देखा अजब़ नजाराशराब के ठेकों पर भीड़ थी,शराब की तलब मेशराबी फिर रहा था मारामाराशराब के लिए पैसा है,मगर ढूंढता सरकारी सहारानशे मे होता शेर,सूफी हालत मे होवें बेचारा नशे की होती बुरी आदतसभ्य समाज…
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लॉकडाउन १९+२१
रहते हम सब घर में हीचाहे दिन हो या रात,सारा कुछ है बंद पड़ाहो गई पुरानी बात।पहले तो संतोष थाबीत जाएँगे दिन इक्कीस,थोड़ा मन तब घबड़ायाजब प्लस हो गए और उन्नीस।थोड़ी सी परेशानी हैपर ठीक ठाक है हाल,लेकिन चिंता की बात येअब बढ़ गए हैं बाल।शायद सब कोई मानेंगेहै बड़ी समस्या आई,जब भी आईना देखते…
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छलक के बोतल, दो बूंद गिरा
आओ मिलकर करें तज़किराहे! कहां मिला, पीने को मदिरा? जल बहुत पिएऔर ऊब गएबिना सांझ केदिनकर डूब गएजब खुलेकोई मधुशालातभी जमेगीदिल का प्याला छलक के बोतल, दो बूंद गिराहे! कहां मिला, पीने को मदिरा? एकांतवास सेसूख गएबिन दारू के सबभूख गएबन्दी जैसनजीवन बनामुर्गा दारू कानहीं ठना किया है ठेका, खूब मुजाहिराहे! कहां मिला, पीने को…
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नज़राना (कुंडलियाँ छंद)
कैसा नजराना मिला, सकल विश्व को आज।चलते चलते थम गये, आवश्यक सब काज।।आवश्यक सब काज, बला ये कैसी आयी।काली मेघ समान, घटा बनकर जो छायी।सबके समक्ष उदास, ठाड़ा असहाय पैसा।व्यथित मनुज समाज, मिला नजराना कैसा।।१॥ नजराने की सोचकर, दिल हो जाता बाग।बजने लगते हर तरफ, तरह तरह के राग।।तरह तरह के राग, पुण्य की बछिया…
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हर ओर एक अजब सन्नाटा है
भोर से साँझ तक औरसाँझ से रात तक भोर तकहर पल अब यूँ है लगताजिंदगी ही एक रहस्य हो जैसेपेड़ों पे गौरैइया, दिन में भी चुप हैंलगता है एकदम बौउरा गये हैंऔर ये गली के कुत्तेरात के सन्नाटे में भी सब चुप हैं अजब खामोशी हैघर के भीतर अपनों केसिर्फ दिल की धड़कनऔर पड़ोसियों के…
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एक युद्ध ऐसा भी- कोरोना
हुए युद्ध जब धरा पर,कांपे रण और थल।आपत्त में सब लोग,हुआ था काल विकराल।। घर में रहे सुरक्षित,जन जन को ये फरमान।हुआ एक युद्ध ऐसा भी,करे फैसले का सम्मान।। दिन इक्कीस पूरे है,एक एक ये बीत जाएंगे ।फतह हासिल होगी,मुक्ति महामारी से पाएंगे।। रह जाएगा इतिहास में,महामारी का यह युद्धबिना शस्त्र के जीता होलड़ा एक…
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संकट कोरोना काल का
जूझ रहा संकट से जग, कैसी महामारी आई है। जीवन कष्टों में झूल रहा, कैसी लाचारी छाई है।। त्राहिमाम मचा हुआ है, धरती के हर कोने में। देखो दुनिया सहम रही है, सांसे भी अब लेने में।। मिलकर सबको संग, एक संकल्प लेना होगा। बीमारी के जाने तक, संयम से रहना होगा।। कर्मवीर योद्धाओं का…
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विषाणु
तबाही के आसार नज़र आने लगेलोग घरों में बीमार नज़र आने लगेरौनक ए शहर फ़ीकी पड़ गई यहाँठप्प सारे कारोबार नजर आने लगेमुख्तलिफ रंगों सी ज़िंदगी जीने वालेसुफियाने उनके विचार नज़र आने लगेघर से निकलना तो ख़तरे में पड़ना हैवक़्त के आगे नाचार नज़र आने लगेशहर ए ख्याल में ही मिला किए जोजिंदगी के तलबगार…
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खुली रहेगी मधुशाला
बंद रहेगी मंदिर मस्जिदखुली रहेगी मधुशालायह कैसी महामारी हैचुप देख रहा ऊपरवाला। नहीं मिल रहा राशन पानीमिलेगी लेकिन मधुशालाघर में बैठके मक्खी मारोदर्द में है पीने वाला। नशा मुक्त भारत हो जाताकैसे चलती मधुशालाव्यवसाय रुका है गरीबों काजो नोट की जपते थे माला। आपत्ति नहीं जताओ कोईखुलने दो ये मधुशालाकोरोना शायद मुक्त हो सकेजब भीड़…