अगस्त २०२१ – अधिकतम पढ़ी गई कविताएं
August-2021: 1) ज़िंदगी मेरे घर आना लेके प्यार ~ चाँदनी झा, 2) कलम चलती रही ~ प्रभाकर डंगवाल, 3) मैंने देखा ~ सूरज भंडारी चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) ज़िंदगी मेरे घर आना लेके प्यार हर पल मौत…
August-2021: 1) ज़िंदगी मेरे घर आना लेके प्यार ~ चाँदनी झा, 2) कलम चलती रही ~ प्रभाकर डंगवाल, 3) मैंने देखा ~ सूरज भंडारी चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) ज़िंदगी मेरे घर आना लेके प्यार हर पल मौत…
July-2021: 1) रोटी और बेटी ~ चाँदनी झा, 2) उत्कर्ष - महिमा प्रियम्वदा, 3) उसने बहुत रुलाया है ~ गोविंदा चौधरी (आदित्यराज) चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) रोटी और बेटी हर किसी की भूख मिटाती रोटी,अमीर हो या…
June-2021: 1) सुकून के कुछ पल बिताते हैं ~ चाँदनी झा, 2) कड़वा सच - डॉ. राहुल भारद्वाज, 3) मैं बूढ़ा हूँ, मेरे साथ वक्त बिताया करो आकर ~ भरत कुमार दीक्षित चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) सुकून…
MAY-2021: 1) काश तुम आ जाते ~ चाँदनी झा • 2) पिता ~ चाँदनी झा • 3) बेटी का हिसाब ~ जय अग्निहोत्री ‘यथार्थ’ चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) काश तुम आ जाते काश तुम आ जाते.याद आते…
विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day: 5 June 2021Theme: Ecosystem Restoration • प्रकृति शक्ति सौम्य रूपा ~ प्रियंका पांडेय त्रिपाठी प्रकृति वसुंधरा का आवरणसभी के जीवन का आधारपुष्य लताओं से करती मां का श्रृंगारबनी सब का खेवनहारमां की तू असली सेवकअदम्य…
१) इच्छाएं इच्छाएं अनंत हैं,एक पूरी होती हैं तो,दूसरी जन्म लेती हैंयह सिलसिला चलता रहता है,जीवन भर, जो हमें प्रेरित करती हैं,सब कुछ पा लेने कोइसी पा लेनी की मृगमरीचिका के पीछे,हम दौड़ते रहते हैं,कभी अपने लिए, कभी अपने बच्चों…
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के लिए तारीख '28' इसलिए चुनी गई क्योंकि पीरियड्स साइकल 28 दिनों का होता है। इसका उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत अवधारणाओं को दूर करना, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी…
APRIL-2021: 1) अप्रैल फूल • 2) शिव वंदना • 3) हमारा पैगाम ~ चाँदनी झा चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल India १) अप्रैल फूल जमाना चाहे ना चाहे, तुम्हारी चाहत है मुझे।बेबसी हो या बंदगी, तेरी आदत है मुझे।खुदा ही…
1. मां- जीवन का सार ~ प्रियंका पांडेय त्रिपाठी मां तुम हो सागर,मैं नदियां की धार।तुम बिन मेरा नही हो सकता उद्घार।।तुमने हंसना बोलना,चलना सिखाया।धीरज धैर्य सच्चाई की राह दिखाया।।तुम प्रथम गुरु,नेकी का पाठ पढ़ाया।तुमने जीवन का हमें सार समझाया।।जब…
1. बिन कहे हर बात समझती~ कमल राठौर साहिल आज भी वो आखरी शब्दमेरे कानों में गूँजते हैजब उखड़ती साँसों सेमेरी माँ ने कहामें जीना चाहती हु !में मरना नही चाहती!आज भी मुझे याद हैथरथराते हाथों से जबमेरी माँ ने…
1. बिन कहे हर बात समझती~ सुहानी राय बिन कहे हर बात समझतीजीवन में रंग भर जाती माँ!दर्शाती है रोष कभी तोकभी अनुराग लुटाती माँ!आषाढ़ की तपती दोपहरी में,शीतल छांव बन जाती माँ!बंजर वसुधा के ऊपर भी,मेघ फुहार बरसाती माँ!डूबते…
चांदनी झा मैं भी मजदूर ~ चांदनी झा मजदूर, श्रमिक, कुली, दास- जाने क्यों लोग उड़ाते उपहास?गर्मी कड़कती हो, या ठंड बरसात, उसके लिए क्या दिन, क्या रात?मजदूरों की होती इतनी कहानी, प्यास दिल में होती और आंखों में पानी।काले…
MARCH-2021: 1) बेटियां ~ चाँदनी झा • 2) एहसास ~ अमित गौड़ • 3) नजर ना लगे ~ अजीत लेखवार १) बेटियां चाँदनी झाकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2512 हमारी बेटियां, तुम्हारी बेटियां बड़ी प्यारी, प्यारी बेटियांबेटियां होती है सच में…
नीताराम शर्मा इस बार होली के बिना अधूरे ~ नीताराम शर्मा होली के बिन हम सबरंग रंग करके आया ये पर्वहोली इस बार खिली नहींसारे संसार में रंग नहीं खिल पाएहम सबके चेहरे रंग से खिल नहीं पाएसारा संसार दुःखी…
भरत लाल गौतम होली के उमंग मे ~ भरत लाल गौतम भाँति भाँति रंग चुन, लेके आया फागुन,होली मे मचाए धूम, फागुन के रंग मे. ढोल नगाड़ा मृदंग, संग लेके आओ भंग,मिल के लगाए रंग, होली के हुड़दंग मे. लाल…
डॉ. रमाकांत 'क्षितिज' रंग ~ डॉ. रमाकांत 'क्षितिज' जो भी आंखों से देख पाता हूंवह तुम ही तो होसफेद हो नीले हो हरे हो पीले होजो देखता हूंहर रूप में तुम ही तुम होहम तुम्हारे साथ खेलते हैं यातुम हमारे…
विज्ञान का उपयोग और सफलताएं ~ मनीषा कुमारी ~ मनीषा कुमारी प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता हैं। लेकिन विज्ञान है क्या और इसका क्या उपयोग है। इसके बारे में हमने बहुत सारे बाते पढ़े और सुने…
World Poetry Day: 21 MarchInternational Day of Happiness: 20 MarchIndian Ordnance Factory Day: 18 MarchNational Vaccination Day: 16 MarchWorld Consumer Rights Day: 15 March 1. अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस बाँटने सें बढ़ती खुशियाँ और घट जाता है गमतो आओ बाँटे हसीं…
वह कविता है ~ साकेत हिन्द जब बहुत कुछ कहना है और शब्द कम पड़ जाएँ हृदय से जो बात निकले वह कविता है। जब दूरियाँ बढ़ जाती हैं और विरह वेदना सताएमन में जो पीड़ा उठेवह कविता है। जब…
FEBRUARY-2021: 1) होता कोई महत्व नहीं ~ हरिओम गौड़ • 2) विदाई ~ मधु शुभम पांडे • 3) मन की प्रीत ~ अर्चना शर्मा १) होता कोई महत्व नहीं हरिओम गौड़कलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2463 बार-बार कोशिश करने परजब हार…