Category: कविताएं

  • मजदूर का दर्द

    मजदूर का दर्द

    सोचा नही था कभी ऐसा दिन भी आयेगा,जेल छोड़ घर ही कैदखाना बन जायेगा। मजदूरी करके जब शाम को लौटकर आता थाअपने दोस्तों के साथ चाय पीने जाता थादिनभर के थकान उस पल में भूल जाता थाएक दूसरे के दर्दो का साथी बन जाता था सोचा नही था कभी साथ इस तरह छूट जायेगा,अपने भी…

  • पेट पालने की मजबूरी

    पेट पालने की मजबूरी

    औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मारे गए सभी मज़दूर भाइयों को भावभीनी श्रद्धांजलि…. गाँव मे नहीं था रोजगार का कोई भी साधन,चला गया था दूर शहर मैं लेकर अपने प्रियजन।दिन भर मजदूरी करता था पैसे चार कमाता था,हर शाम थक हार कर मैं रूखा सूखा ही खाता था।घर पर मेरी पत्नी बूढ़ी माँ का ख्याल रखा…

  • फिरता हूँ अजनबी सा

    फिरता हूँ अजनबी सा

    सही माना जाए तो हम सब अकेले हैं और जीवन की उधेड़-बुन में व्यस्त हैं। कलमकार मुकेश बिस्सा की यह कविता पढें। फिरता हूँ अजनबी सा इस माहौल में कौन मुझको शहर में पहचानता है। जो आँसू पी के हँसना जानता है मुहब्बत को वही पहचानता है पड़े हैं पाँव में जिसके भी छाले सफ़र…

  • आखिर क्यों

    आखिर क्यों

    कलमकार खेम चन्द सभी लोगों को गाँव से जुड़े रहने की सलाह देते हैं। गाँववालों ने ही तो शहर बसाया है फिर क्यों वहां बसने के बाद गाँव भूल जाते हैं? ना छोड़ो घरवार, गांव, कस्बा ये ज़मीन पुश्तैनी ऐही तो है हमारे पुर्वजों की युगों-युगों की निशानी. ना बांटों कुटुंब को कभी रक्त सभी…

  • लम्हा 

    लम्हा 

    ठहर थोड़ा अभी और तूँ सब्र रख चमन होगा गुलजार फिर इत्मिनान रख। नाव भले ही फँस गयी मझधार में जिन्दा रहेगा बस अपना खयाल रख । बेशक कैद सी हो गयी जिन्दगी इश्क का इम्तिहां है खुद पर यकीं रख। शिकारी खड़ा बाहर कदम कदम पर आगोश में जकड़ लेगा दरवाजा बंद रख। जीया…

  • सुनहरा परिवार

    सुनहरा परिवार

    जिस घर की चारदीवारी में मिल जाये एक संसार वही घर कहलाता है एक सुनहरा परिवार जिस घर में माँ बच्चों को संस्कारों से सजाती है बुराई पर अच्छाई की जीत समझाती है जिस घर में बच्चे पिता को भगवान सा पूजते हैं पिता की आज्ञा में ही अपने कर्म ढूंढते हैं जिस घर में…

  • जिंदगी लॉकडाउन

    जिंदगी लॉकडाउन

    इस सुनसान सड़क में एक कोना हैं चादर से लिपटा हैं कुछ घर सा दिखता हैं इस लॉकडाउन में भी पूरा खुला हैं बिना दिवार का वो महल सा लगता हैं कुछ आवाज़े आती हैं कुछ सिसकियाँ उस कोने में हैं कई जिंदगिया एक मासूम दौड़ा दौड़ा फिरता है इतना बेख़ौफ़ उसे पहली बार देखा…

  • खतरे में अर्थव्यवस्था

    खतरे में अर्थव्यवस्था

    एक महामारी के कारण, हुई देश की हालत खस्ता, चीन ने ऎसा वायरस छोड़ा, है खतरे में अर्थव्यवस्था। परेशान है सभी देश अब, हुई सभी की हालत पतली, घरों की रौनक भी खोयी है, बाहर की भी रंगत बदली, सभी घरों में बंद हो गए, कुछ भी रह गया ना सस्ता, चीन ने ऎसा वायरस…

  • मधुशाला की बात निराली

    मधुशाला की बात निराली

    हो संकट या, कोई विकट मधुशाला में, लगा है जमघट विपदा हो, या खुशहाली मधुशाला की बात निराली। लोग कोरोना से है, भय पाता मधुशाला का, दौरा लगाता मंदिर-मस्जिद, सब पर ताले मस्त है, फिर भी पीनेवाले यह देश की है, कैसी नीति? मधुशाला की बात निराली। सामाजिक दूरत्व का, ध्यान भी रखते मास्क लगाकर,…

  • मैं तुम्हारे साथ-साथ

    मैं तुम्हारे साथ-साथ

    कोरोना काल में ईश्वर पर दोषारोपण करने वालों को ईश्वर का जबाब- रूठो नही टूटो नही मैं तुम्हारे साथ-साथ सदा तेरे सर पे हाथ। डरो नहीं, झुको नहीं मिलाओ न अभी हाथ-हाथ मैं तुम्हारे साथ-साथ सदा तेरे सर पे हाथ। आओ नहीं, कहीं जाओ नहीं, दो गज दूरी हर बात-बात मैं तुम्हारे साथ-साथ सदा तेरे…

  • घरो में सुरक्षित रहना

    घरो में सुरक्षित रहना

    कैसा ये वक्त आया कि हम सभी घर में ही रह रहें, सभी अपने अपने घरों में रहो ये हमारे प्रिय मोदी जी कह रहे कहते है जो जहां है वो वही रहे तो अच्छा होगा, जल्दी ही भारत का सुरक्षित हर एक नागरिक होगा, देश वासियों देखो चीन और अमेरिका जूझ रहा है इस…

  • वह परिवार होता है

    वह परिवार होता है

    जहां केवल अपने ही अपनों का प्यार होता है एक छोटे से ही घर में खुद का पूरा संसार होता है हां वह परिवार होता है । जहां सुबह से लेकर शाम तक केवल खुशियों के लिए प्रयास होता है चाहे जितनी भी मुश्किल हो सभी का हमेशा साथ होता है हां वह परिवार होता…

  • चिलबिल का पेड़

    चिलबिल का पेड़

    चिलबिल के पेड़ से तो सभी वाक़िफ होंगे। मेरे घर के सामने एक चिलबिल का पेड़ है। अभी कुछ दिन पहले मार्च महीने में पूरा पेड़ हरा भरा था। हरे रंग में सारे फल खूब सुशोभित हो रहे थे लेकिन कुछ दिनों से अप्रैल माह में सारे फल सुख कर पीले पड़ने लग गए है।…

  • परिवार

    परिवार

    मेरा परिवार सुखी परिवार हे प्रभु तेरा करूँ मै आभार अशांति की जगह पले प्यार हर पल चले प्रेम की वयार मेरा परिवार मेरी आन सदा करूँ मैं इस पर मान मेरा गरूर और मेरी शान खुशियों की करवाता पहचान मेरा परिवार एकजुट संकट मे भी रहे अटूट सब स्वतंत्र और बोलने की छूट कभी…

  • जीवन और परिवार

    जीवन और परिवार

    जीवन को समृद्ध करने के लिए, जब परिवारिक इकाई, समाज ने बनाई। फिर क्यों? आज के परिवेश में, घर बना कर, परिवार बनाकर। जिंदगी बस, अपने-अपने, कमरे तक ही समाई।। जबकि जिंदगी को, समृद्ध करने के लिए, जब हम और आपने, परिवारिक इकाई, समाज के विकास के लिए बनाई। क्यों हमने सोचा नहीं? हर आने…

  • मन का तोता

    मन का तोता

    मन का तोता बोल रहा। खतरा सब पर डोल रहा। लापरवाही तौबा तौबा, जीवन है अनमोल रहा। कोरोना का कहर जहा, सब की ताकत बोल रहा। कोरोना है जानलेवा, अंतर का बज ढ़ोल रहा। बाहर घूम, आफत लाना, कोरोना का कौल रहा। रुकें, थमें, दूर रहे सब, अमन बचेंगे बोल रहा। ~ मुकेश बोहरा ‘अमन’

  • प्रकृति और मनुष्य

    प्रकृति और मनुष्य

    प्रकृति और मनुष्य का रिश्ता बहुत ही प्यारा है, इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है। कलमकार सुमित सिंह तोमर बताते हैं कि किस प्रकार प्रकृति को क्षति पहुंच रही है, अनेक प्राणी तो विलुप्त होने के कगार पर हैं। हम सब को मिलकर इसका संरक्षक बनना है। हर ओर व्याधि की व्याकुलता हैं त्रस्त…

  • निगाहों की बातें

    निगाहों की बातें

    आँखें बातें करना भी जानती हैं और इशारों की यह बोली हर कोई जानता है। कलमकार अभय द्विवेदी निगाहों की बात का उल्लेख अपनी कविता में कर रहे हैं। निगाहों ने की हैं निगाहों की बातें, नीली नहर सी निगाहों की बातें, मेरे सुख़न में लिखी हैं मैनें, उसकी प्यारी निगाहों की बातें, मिलो तो…

  • ओ प्यारी नर्स

    ओ प्यारी नर्स

    मुस्कान अपनी बिखेर दो न, ओ प्यारी नर्स! ग़म को खुशियों से घेर दो न, ओ प्यारी नर्स! हर मरीज़ की पीड़ा हर लो न, ओ प्यारी नर्स! नवजीवन का उसको वर दो न, ओ प्यारी नर्स! संकटमोचन का रूप हो तुम, ओ प्यारी नर्स! बसन्त ऋतु की धूप हो तुम, ओ प्यारी नर्स! तुमसे…

  • कोरोना से जंग

    कोरोना से जंग

    कोरोना वायरस से छिड़ी हुई जंग शत्रु है शक्तिशाली अदृष्य और अनंग पूरी दुनिया को किया है तंग महाशक्तियाँ हुई है अवाक और दंग पूरी दुनिया पर कर रहा है वार इस के आगे सब लाचार सारे उपाय हैं बेकार इस का कोई नहीं उपचार बचाव ही एकमात्र उपाय घरों मे रहें और बाहर न…