Category: कविताएं
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मातृ शक्तियों को शत शत नमन
जिस देवी ने है मुझे लिखा, उस पर मैं क्या लिख सकता हूँजिस देवी से सीखा पढ़ना, उस को कितना पढ़ सकता हूँजब आँख खुली तो माँ ही थी, उसकी साँसों से जन्मा था बस उसको ही समझा था मैंने, बाकी सब कुछ तो भ्रम सा था हर पाठ पढ़ाया जीवन का, जिंदगी का मतलब…
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वो है माई
ममता की माटी से, स्नेह के जल से,आदर के परिश्रम और आशीर्वाद के फल से,प्रभु ने जो दीप जलाई,वो है माई- वो है माई|नो माह तक हमें खुद मे रखा,ध्यान पूरे परिवार का रखा,न जाने कई पीड़ा की मार है जिसने खाई,वो है माई- वो है माई|हमको ये संसार दिखाया,अपने ह्रदय से हमें लगाया,अमृत से…
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माँ तुम गंगा-यमुना हो
माँ शब्द कहने को तो बहुत छोटा शब्द है, किंतु इसमें पूरा संसार समाया हुआ है। दुनिया में माँ का दर्जा भगवान् से बढ़कर है, क्योंकि भगवान भी माँ सामने अपना सिर झुकाते हैं। मेरी माँ ममता की देवी है। मेरी माँ मेरी आदर्श है। माँ ईश्वर के द्वारा दिया एक वरदान है, जिसके आंचल…
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माँ है ईश्वर का अनुपम वरदान
मुसीबतों में भी हरदम मुस्काती।प्यार से सिर मेरा सदा सहलाती।। खुद भूखी, भरपेट भोजन कराती।सदन उपवन सा अपना महकाती।। कुशल प्रबन्धन से गृहस्थी चलाती।पिता की डांट से सदा हमें बचाती।। बुरी नजर का काला टिका लगाती।सारी बलायें हमारी अपने सर लेती।। जीवन भर हमें सदा दुआएँ देती।कष्टों में भी कभी नहीं घबराती।। माँ की ममता…
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माँ आ जाया करो
अब मैं रुठता नहीं, न देर तलक होता हूं।वो स्पर्श औषधि थी,गोद जन्नत… बस स्मृतियां शेष है।हां मां जब आंखें नम हो मेरी आया करो।ख्यालों में बस जाया करो।हां मां आया करो।जब नींद न आए तो वहीं लोरी की मुखड़े सुनाया करो।यादों में बस जाया करो पर आया करोहां! मां, आ जाया करो ~ संजय…
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मां की आंचल
बहुत मन करता है तेरी आंचल में रहने का तेरी लोरी सुनने के लिए बैचन रहती हूं तेरे बिना इस दुनिया में कोई पूछता ही नहीं तेरी हाथो से खाने का मन करता है पर तू कभी आती ही नहीं तूने मुझे जन्म तो दिया पर अपने गोद में खिलाया ही नहीं मां तूने कभी…
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मुझे आज भी याद है मां
मुझे आज भी याद है मांजब उंगली पकड़कर चलाने परअचानक बीच में छोड़कर मुझेखुद के पैरों पर खड़ा होना सीखती थी। मुझे आज भी याद है मांतेरी ममता का मैला ऑचलजिससे सुरक्षा देकर मुझेहर कष्टो से लड़ना सिखाती थी। मुझे आज भी याद है मांतेरी वह प्यारी सी गोंदीजिसकी गहराई में बिठाकर मुझेकष्टमयी संसार में…
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ममता की छाँव में
माँ तेरी ममता की छाँव मेंकब बड़े हो गए,पता ही ना चला।माँ तेरी उँगली पकड़करकब चलना सीख गए,पता ही ना चला।माँ तेरी गोदी में सिर रखकरकब समझदार हो गए,पता ही ना चला।माँ तेरे पीछे भागते-भागतेकब जिंदगी के पीछे भागने लगे,पता ही ना चला।माँ तेरा आँचल पकड़ते-पकड़तेकब जिम्मेदारियाँ पकड़ ली,पता ही ना चला।माँ तेरे हाथ से…
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मां ही है वह भगवान
मां ने इस दुनिया में लाया।मां ने ही दुनिया दिखलाया।मां ने ही चलना सिखलाया। मां से ही तो है यह घर बार,मां ना हो तो लागे सब कुछ बेकार।मां है तो है ये संसारमां के बिना सब कुछ बेकार। कहने को तो है पूरा घर परिवार,मां ना हो तो सुना है घर बार।हम जहां कहीं…
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शब्द नहीं, संसार है माँ
शब्द नहीं, संसार है माँखुद में ही त्योहार है माँ।हो गरीब या अमीर कीएक पवित्र प्यार है माँ।दुख, सुख, फिक्र, सब्ररात, दिन इन्तजार है माँ।गुस्सा, झिड़क, चिंता, खुशीलाड़ ओ पुचकार है माँ।अच्छा, बुरा, पसंद, नापसंदबच्चों की जानकार हैं माँ।लोरी, थपकी, मान, मनौवलडांट और फटकार है माँ।घर में सब अभिनय करतेसबसे अहम किरदार है माँ। ~…
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परम्पराओं की संवाहक माँ
रीति-रिवाजों और परम्पराओं की संवाहक माँ,घर एक संस्था तो इस संस्था की संचालक माँ।ऊंच-नीच, भेदभाव रहित, सबको ही मिले और बराबर,आशा और विश्वास की केंद्र, ऐसी एक अभिभावक माँ। माँ का साथ तो रीति-रिवाज़ और परम्पराएं हैं,गर साथ नही तो सब भूली-बिसरी यादें हैं।धर्म-कर्म और रिवाजों को पीढ़ियों तक संचारित करती,परम्पराओं को जिन्दा रखने की…
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माँ तेरी महिमा महान
मां तेरी महिमा महानतेरी महिमा का करूँ बखानहम पर सदा लुटाई जानदिए हमें अच्छे संस्कारसिखाया हमें बौद्धिक ज्ञान मां तू ममता की है मूरतभगवान से मिलती तेरी सूरतहमेशा करी हमारी जरूरतप्यारी छवि बेहद खूबसूरत मां के विना जीवन अधूरामां के प्रेम निश्छल और पूरा मां ही जीवन की प्रथम गुरुआदर्शों से पहचान कराएभले बुरे का…
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सारी बलाओं से अकेली ही लड़ती है माँ
हर गम को ख़ुशी में बदलती हैं माँ,सारी बलाओं से अकेली लडती हैं माँ। जब भी आये कोई भी परेशानियां,निर्भीक होकर ढ़ाल बनती हैं माँ। ऊँगली पकडकर चलना सिखाया,निश्छल, निस्वार्थ प्रेम करती हैं माँ। ममता के आँचल की प्रतिमूर्ती है,हर दिन कसौटी पर ढ़लती है माँ। हर मर्ज की दवा रखती है माँ,कभी दुलारती तो…
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जन्नत का दूसरा नाम “मां” है
या खुदा!मुझे सुख नहीं चाहिए!दुख नहीं चाहिए!मुझे जगत का चर अचर नहीं चाहिए!मुझे गगन तारे चांद भी नहीं चाहिए!नहीं चाहिए मुझे अप्सराएं!नहीं चाहिए मुझे खुशियां व सौगात!खेत खलिहान,हरियाली भी नहीं चाहिए!मत देना तुम मुझे शीतल वायु!मत देना तुम लंबी आयु!मत देना आंखों में ठंडक! मेरे ख़ुदा!मुझे तो बस मेरी “मां” दे दो!मुझे बस “मां” ही…
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माँ के बिना जहां का कोई अस्तित्व नहीं
आधा निवाला खुद खा आधा मुझे खिलाती थी।अपने रक्त की बूँद-बूँद से वो मुझे सींचती थी।। ख्वाहिशें उन्होने अपनी सारी जलाई ।जब मैं उनकी कोख से गोद में आई।। कोई ना देखे मुझे बुरी नजर से इस बात की वो फिक्र करती।धीरे-धीरे मैं बड़ी हो रही हूँ इस बात का वो जिक्र करती।। अँगुली पकड़…
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माँ की कृपा बड़ी निराली है
माँ की कृपा बड़ी निराली हैकरो समर्पण फिर जिंदगी में खुशहाली हैभले ही माँ भूखी रह जाती हैमुझे आई तृप्ति की डकार से माँ संतुष्ट हो जाती हैसंसार में माँ ही शक्तिशाली हैबिन माँ के दुनिया की बदहाली हैमाँ रातो को लोरिया सुनाती हैनींद में मीठे सपनो को बुलाती हैकभी नींद में हँसाती गालो में…
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छोड़ गया मैं तुझे माँ
छोड़ गया मैं तुझे मां, तेरी बेहया हाल मेंशहर को गया मैं मां, तेरी ख्वाहिश की अरमान में। छलक रही थी आशु मां, जुदाई भरी आंखों सेममता की चदर से मां, निकलकर उबरने से। याद आ रही हर लम्हें मां, जिन्हें बिताए थे हम खुशी सेएक ही थाली से मां, रोटी छीनकर खाने से। छोड़…
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दुःख दर्द में माँ को पुकारा
दुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारादौड़ी चली आई माँ, उसने दिया सहारादुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारा न सिर्फ खुशियाँ ही बाँटेमेरे दुःख भी बाँट लेती वोजीवनपर्यन्त मुझपर ऋण रहेगा तुम्हारादुःख में, दर्द में, मैंने उसे पुकारा न सिर्फ हमको समझाये वोहमको आगे बढ़ना भी सिखाये वोहमारा उज्ज्वल भविष्य है निखारादुःख में, दर्द…
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तुम ही मेरी माँ बनना
अपनी आंचल के साए में सदा महफ़ूज रखा हर बला से तुमने मुझको बहुत दूर रखा मेरी उंगली पकड़कर तुमने चलना सिखाया दुनियां के झंझावातों से निपटना सिखाया तुम्हीं ने मुझे सबसे पहले पढ़ना सिखाया पंख देकर आसमानों में उड़ना सिखाया एक तुम ही तो मेरी हर गलती माफ करती थी जब मैं बीमार पडती…
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महाराणा प्रताप
राणा जैसा हुआ ना कोईवो थे एक महान।वीर प्रताप वही एक थेउनकी अलग थी शान। झूठा है इतिहास जो कहताअकबर एक महानअपनी धरती माँ की उन्होंनेझुकने ना दी शान। दूत भेजता रहा वो अकबरझुके नहीं वो महान।हल्दीघाटी युद्ध हुआ जबअकबर था हैरान। अकबर भी राणा प्रताप काकरता मन में सम्मान।इन धरती पर वही एक थेहिंदुत्व…