बसंत पंचमी विशेष कविताएं
हिन्दी कलमकार ऋतुराज का वर्णन अपनी कविता में कर रहे हैं। बसंत ऋतु के आने से चारों ओर प्रकृति का नया रूप दिखाई देता है और सभी प्राणियों में हर्ष की एक नई लहर सी दौड़ जाती है। बंसत पंचमी…
हिन्दी कलमकार ऋतुराज का वर्णन अपनी कविता में कर रहे हैं। बसंत ऋतु के आने से चारों ओर प्रकृति का नया रूप दिखाई देता है और सभी प्राणियों में हर्ष की एक नई लहर सी दौड़ जाती है। बंसत पंचमी…
तुम प्रीति रूप हो माँ मनीषा कुमारीकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2455C तुम विद्या की देवी हो, तुम वेद की ऋचा हो।संगीत रूप हो माँ, तूम प्रीति रूप माँ।।वीणा बजाने वाली माँ, तम को मिटाने वाली माँ।ज्योत फैलाने वाली माँ, विद्या…
दिनेश सिंह सेंगरकलमकार @ हिन्दी बोल India21MON01315 ऋतु ये वसंत आई ऋतु ये वसंत आई फूलों की बहार लाईमन में सुमन खिल रहे हैं दिन रात मेंयौवन पे ये निखार करके सौलह श्रृंगारइठलाती जा रही हो बात बिना बात में।…
कलमकार इमरान संभलशाही जी ने 'वैलेंटाइन वीक' की व्याख्या अपनी कुछ कविताओं के माध्यम से की है। आइए उनके विचार पढ़ें- वैलेंटाइन डे वेलेंटाइन मैंने तुम्हेंदेखा है ऐसेफिर सोचा है ऐसेऔर तब जाकर चाहा है ऐसे जैसे कोईबरसींग की फसल…
Valentine's Day- Sunday, 14 February 2021: Valentine's Day, also called Saint Valentine's Day or the Feast of Saint Valentine, is celebrated annually on February 14. इश्क का ताजमहल कमल राठौर 'साहिल'कलमकार @ हिन्दी बोल India21TUE01252 इश्क के नाम परइश्क की…
JANUARY-2021: 1) जिंदगी ~ राजीव रंजन पाण्डेय • 2) यादों का कोई मोल नहीं ~ कुमार उत्तम • 3) विरहणी कान्हा की ~ मधु शुभम पांडे १) जिंदगी राजीव रंजन पाण्डेयकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2270 मुश्किल इतनी बड़ी की आशा…
खुशी का त्योहार है गणतंत्र दिवस रवींद्र कुमार शर्माकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2370A खुशी का त्योहार है अपनासबके मन में उमंग हैअपने वतन में भाईचारादेख कर पूरी दुनिया दंग हैखुश हों सारे भारतवासीगणतंत्र दिवस यह आया हैआपसी सौहार्द कायम रहेयह…
मूलमंत्र आजादी ~ डॉ.राजेश पुरोहित आत्मबल अंतर में रख जिसने स्वतंत्रता दिलाई थी।गौरों को सबक सिखाकर जिसने वीरता दिखाई थी।।आज़ादी जिसका मूलमंत्र कसम देश की खाई थी।नेताजी संग नोजवानों ने ली तब अंगड़ाई थी।।दूर फिरंगियों को करने की ताकत तभी…
मकरसंक्रांति महापर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ हिन्दी रचनाकारों के सन्देश इन कविताओं मे पढिए। मकर संक्रांति शुभमस्तु ~ संजू 'गौरीश' पाठक आते आदित्य मकर में जब,संक्रांति पर्व होता पावन ।तिल गुड़ की फिर मिठास देखो,लगती सबको है मनभावन ।ऊंची…
DECEMBER-2020: 1) हे नारी ~ आशुतोष गौतम • 2) नि:शेष तेरा साम्राज्य ~ डॉ. सरिता नेगी • 3) दिखा दे शक्ति का अवतार है तू ~ प्रियंका पान्डेय त्रिपाठी १) हे नारी आशुतोष गौतमकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2220A हे नारी!तुम…
स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन और देश के सभी युवाओं को “राष्ट्रीय युवा दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएँ। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कुछ कविताएं पढ़िए। १) युवा शक्ति ललिता पाण्डेयकलमकार @ हिन्दी बोल India…
कलमकारों ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर चंद पंक्तियाँ हम सभी से साझा की है जो बतातीं हैं कि हिंदी साहित्य की जड़ें बहुत मजबूत हैं और यह सदैव विकास के मार्ग पर अग्रसर रहेगा। १) प्रिय हिन्दी ओ!…
हिन्दी बोल इंडिया के फेसबुक पेज पर पाठकों ने साल २०२० में इन दस कविताओं को बहुत पसंद किया। आप भी पढ़ें औए अपनी राय बताएं। १) वो दिन यूँ तो अक्सर यादों की बरसात होती है,गुजरे लम्हों में बीते…
१. नव वर्ष की पहली सुबह ~ प्रियंका जेना है नया साल ये आया,नव वर्ष की पहली सुबह,नए दिन के साथ नये साल का ये आगाज़ है,लगता है कुछ होने को है बहुत खास,नए साल के पहले सूर्योदय की लालिमाकह…
१. नया साल सबको मुबारक रहे ~ डॉ आनन्द किशोर ये नया साल सबको मुबारक रहेहर ख़ुशी ज़िन्दगी में बिना शक़ रहे और मुक़म्मल मिले दिल को चैनो-सुकूँजल्दबाज़ी न कोई भी धकधक रहे सब गले मिल के आपस में बातें…
१. नया साल, नई उम्मीद ~ राजीव डोगरा नया सालनई उम्मीद लेकर आया है।छोड़ चुके हैं जोउनका हिसाब लेने आया है।नया साल मां रणचंडी कोसाथ लाया है,उठाए खड्ग खप्परशत्रु का संहार करने आये है।बीते हुए वक्त मेंजो बन गए थे…
१. नया वर्ष और हमारा संकल्प ~ इरफ़ान आब्दी मांटवी समझ में ये नहीं आताजो पिछला वर्ष गुज़रा हैबधाई इसकी भी दी थीमगर अफसोस होता हैकभी ये भी नया वर्ष थापरेशानी परेशां थीदुखों की आप बीती थीसड़क सुनसान दिखती थीचमन…
नारी प्रियंका विनयकलमकार @ हिन्दी बोल इंडिया नारी को नारी रहने दोवो भी एक इंसान हैैसुख दुख के भावों से बनताउसका भी संसार हैदेवी का प्रतिरूप बनाकरलज्जा का अंबर न लपेटोपौरूषता के झूठे दंभ मेंना उसकी कोई सीमा बनाओउङती है…
१) प्रकृति विध्वंसक धुँध से आच्छादितदिख रही सृष्टि सर्वत्रकिंतु होता नहीं मानव सचेतकभी प्रहार से पूर्वत्र सदियों तक रहकर मौनप्रकृति सहती अत्याचारकरके क्षमा अपकर्मों कोमानुष से करती प्यार आता जब भी पराकाष्ठा परमनुज का अभिमानदंडित करती प्रकृति तबअपराध होता दंडमान…
NOVEMBER-2020: 1) हम तुम एक है ~ कुमार उत्तम • 2) बेटे ~ मधु शुभम पांडे • 3) प्रेम में ठगी हुई स्त्री ~ कलमकार- गीता बिष्ट १) हम तुम एक है कुमार उत्तमकलमकार @ हिन्दी बोल IndiaSWARACHIT2089 हम तुम…