प्रकृति शक्ति- सौम्य रूपा

हे प्रकृति शक्ति-सौम्य रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन! शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा नमन! त्राहि त्राहि मचा हुआ है जगत में,विनाश हो रहा है जगत का शमन अपनी शक्ति रौद्र रूपा, तुझको मेरा नमन, मेरा…

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कैसी लीला तेरी भगवन

ये कैसी लीला तेरी भगवन, कैसी ये घडी आई है।बेबस असहाय लगता मानव, कैसी ये महामारी छाई है।।जहाँ हैं वहीं रहने को, लोग हो गए हैं मजबूर।'कोरोना" ने अपनों को, अपनों से भी कर दिया है दूर।।सर्वशक्तिमान का दंभ भी,…

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कलयुगी कोरोना

हे कलयुग! तुम्हारे राज़ में सभी कलयुगी क्यों है? तुम्हे नहीं पता? तब तो, खेदजनक बात है! हमारे ही बुजुर्गों ने ही तो कहा था! अन्याय होगा!अधर्म होगा! नहीं पता तुम्हे? बताता हूं, फिर सुनो!! लोग बाप पर हाथ उठाते…

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खुदा से पूछना है

खुदा से पूछना है ये सब क्या माज़रा है इंसानों को अब इंसान से डर है। खुदा से पूछना है ये सब क्या नज़ारा है गलियों में सन्नटा और बंद हर घर है।। खुदा से पूछना है ताबीर क्या देखना…

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तालाबंदी का समर्थन

सुनसान शहर हर गली वीरान हैं। कहाँ गए इंसान यह सोच पशु भी हैरान हैं।। कुदरत का यह कैसा कहर बरस रहा हैं। इंसान अब बाहर निकलने से भी डर रहा हैं।। बड़े-बड़े महल भी अब जेल लगने लगे हैं।…

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वह वक्त आएगा

वह वक्त आएगा जब विनाश टलेगा मानवता जीतेगी और कोरोना भाग जाएगा । वह वक्त आएगा जब इस रास्ते के कांटे को सभी मिलजुल कर हटाएंगे और फिर से मानव प्रेम की माला बनाएंगे । वह वक्त आएगा जब कैद…

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मैं नारी हूँ

कलमकार सुनील कुमार जी महिलाओं के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, आप भी पढिए। न मैं अबला न बेचारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं मां-बहन- बेटी-बहू रूप अनेक धारी हूं मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं। बाबुल की मैं…

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मुकेश बिस्सा रचित दस कविताएं

१) आदमी बिखर गया वो जाने किधर आया हैंआदमी ही बिखर आया हैं। मंजिले अजीब सी लगती हैंअरसे बाद कोई घर आया हैं। आस उसकी निराश हो गईखाली हाथ कोई आया हैं। वो गया पाने की तलाश मेंहौसला हार कर…

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आया महीना रमज़ान का

आया महीना रमज़ान का खुशियों और अज़ान का रोज़ा रखें मिलकर, सब दुआ करेंखुशियों के हिंदुस्तान का इस बार कुछ अलग करें देश के साथ चलें इस संकट से सब मिलकर लड़ें घरों में ही नमाज़ पढ़ें नहीं मस्जिदों में…

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रक्तबीज कोरोना महामारी

आओ सुनाऊं- तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की, कोई देश बच ना सका, उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी। आओ सुनाऊं- तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की, छूने से ही फैल गया, एक देश से दूसरे देश गया। लाखों…

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बस एक कदम

बस एक कदम और इस बार किनारा होगा।असफलता एक चुनौती है जब तक सफलन हो एक जंग जारी है।बस एक कोशिश और कही तो उज्जाला मिलेगा।आसमा के निचे उस बदली के पीछे कोईतो किरण होगी।इस अंधकार से लड़ने की कोई…

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जीवन और संघर्ष

जीवन वैभव का नहींसंघर्षों का पथ होता हैजीवन के पथ परअगर कोई रोके तो मत रुको, बढ़ते रहोनिरंतर चलते रहो, सतत चलते रहोप्यार की रेत समेतउम्मीद और विश्वास की ऊर्जा लिएसमर्पण की इमारत खड़ी करते रहोजीवन के पथ पर चलते…

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थोड़ा घरों में रुक कर तो देखो

यह वक्त भी गुजर जाएगा,थोड़ा संभल कर तो देखो,यह समय भी खुशनुमा हो जाएगा,थोड़ा घरों में रुक कर तो देखो, यह जंग भी जीत जायेंगे,घरों में ठहर कर तो देखो,जंग से सब साथ निकल जायेंगे,थोड़ी सहायता करके तो देखो, इस…

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हे भगवान अंतर्यामी

हे राम दूत चले आओ पवन की चालहरो जगत संकट रूप धरो विकरालमाँ अंजनी के पुत्र केसरी नंदन हनुमानकरत करत विनती हुए हम बेहालहे राम दूत चले आओ पवन की चाल हे प्रभु सुमिरन करे दिन-रात तुम्हारापड़ी विपदा ध्यान करो…

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करोना रे करोना

करोना रे करोना ।तुम इससे मत डरो ना ।हर पल हाथ धोओ ना।ता पीछे काम दूजा करो‌ ना।घर से तुम मत निकलो ना।घर में ही तुम रूको ना।छुआ छूत से बचो ना।खुद का जीवन बचाओ ना।सोशल डिस्टेनशिंग अपनाओ ना।देश हित…

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बहुत दिन हुए

आपसे मिले बहुत दिन हुए,जीवन रहा तो हम सदा की तरह मिलतें रहेगें.अभी कोरोना संकट काल चल रहा है,मिलना जुलना मुहाल हुआ है.हमें वो सब बातें याद है, भूला कुछ नहीं,जब मिलेगें तो सारे शिकवे गिले दूर होगें.बहुत दिन हुए…

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परसुराम जयंती

भारत भूमि पर अवतरित हुए एक वीर महान पापियों का विनाश करने विष्णु अवतारी परसुराम भृगुवंशी के जमदग्नि का लाल बड़ा ही विकराल था परसा धारण करने वाला बल में बड़ा ही विशाल था एक्कीस बार अधर्मी राजाओं का धरती…

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उमंग में लालिमा

कलमकार हिमांशु बड़ोनी (शानू) की एक कविता पढें। हमारे भीतर अनेक उमंगे होती है लेकिन क्या हर उमंग सकारात्मक होती है? कह कर चोरी करूंगा,क्या चोरी कर कह सकूंगा?सह कर दिया करूंगा,क्या ठोकरें सब सह सकूंगा?चलूंगा साया बन कर,क्या साये-सा…

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भगवान परशुराम को समर्पित पँक्तियाँ

जमदग्नि के तेज पुंज जय महावली नर धारी तुम दया धर्म के रखवाले और दुष्टों के संहारी तुम माना क्रोध बहुत है लेकिन पाप नाश आवश्यक तुम अखिल विश्व के स्वामी हो नारायण अवतारी तुम कर्ण द्रोण हाँ भीष्म गुरु,…

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भ्रष्टाचार की दुनिया

कलमकार विमल कुमार वर्मा ने भ्रष्टाचार पर अपने विचार इस कविता में व्यक्त किए हैं। भ्रष्टाचार एक बीमारी की तरह सबको ग्रसित करता है और यह कदापि हितकारी नहीं होता है। अरे! यहां क्या देखते हो, जरा वहां भी तो…

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