मानवता

कोरोना महामारी से इंसान सकुचाया है।हर जगह भय का साया है।क्रूर, निर्दय ह्रदय भी सहज हुआ है।अपने मन का अहम भी भगाया है।अपनी सोच का दायरा भी बढ़ाया है।इस कहर में भी अपना हाथ बढ़ाया है।अपनी लालसा को सिमेटकरनिर्बल, गरीब…

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ख़ुद को सुलझाने में

जीवन की उलझनों में फंसे होने के कारण हम ख़ुद को सुलझाने का बहुत प्रयास करतें हैं। कलमकार हिमांशु बड़ोनी कुछ उदाहरण द्वारा इस उलझन को व्यक्त कर रहें हैं जिसमें हर कोई कैद है। मीलों मीलों का रास्ता तय करके,…

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चाहत

चाहत यूँ ही समाप्त नहीं होती है। कलमकार सविता मिश्रा ने चाहत की कुछ पंक्तियाँ इस कविता में संजोकर प्रस्तुत की हैं। ये हवा में महकती भीनी भीनी खुशबू तेरे वजूद का आभास दे जाती है। तेरे ख्याल इस स्याह…

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वे लौट रहे हैं

वे लौट रहे है उम्मीदों का शहर छोड़कर आंखों के दरिया का रुख़ मोड़कर। रूखा ही सही, भुखा नहीं है कोई गाँव में शहरों ने तो छाले दिये है पाँव में। जिन घरों में कमरा अलग से हो सग का…

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कोविड-१९

ये कैसी सजा दी तूने खुदा, जो सबको ठहरा दिया, भागते दौड़ते थे जो, उनको ठिकाने पर रुका दिया। ये होड़ थी जो सबकी एक दूसरे से आगे बढ़ने की, अब ठहरने वाले को ही तूने विजेता बना दिया। जो…

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राहुल सांकृत्यायन से महापंडित

सूर्य रश्मियों की तरह रहे वह प्रकाशवान, राहुल सांकृत्यायन हुए एक लेखक महान। 'महापंडित' के अलंकार से हुए सुशोभित, साहित्य में है उनका एक विशिष्ट स्थान।। महान घुमक्कड़ व प्रकांड पंडित रहे राहुल, साहित्य में न जाने कितने नव प्रतिमान…

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कोरोना को हराना है

कोरोना वायरस आया है,दुनिया का अंत लाया है।भारत को जिताना है,कोरोना वायरस को हराना है।भारत में करोना आया है,चीन ने इसे बनाया है।भारत को बताना है,मिलकर कोरोना वायरस को मिटाना है।हाथों को साबुन से धोना है,कोरोना वायरस को हटाना है।अपने…

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माँ-बेटी

माँ से बिटियाँ का स्नेह होता है लाजवाब बिटियाँ को सुलाती अपने आँचल में लगता है जैसे फूलों के मध्य पराग हो झोली में । माँ की आवाज कोयल सी और बिटियाँ की खिलखिलाहट पायल की छुन -छुन सी लगता…

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नारी होना कठिन है

कलमकार देवकरण गंडास अरविन्दजी जी का मानना है कि नारी होना आसान नहीं बल्कि बहुत कठिन जिम्मेदारी होती है। कोई भी काम उतना कठिन नहीं, जितना कठिन होता है नारी होना। सब को रखना है खुश हर हाल में, पड़े…

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हनुमान स्तुति

चिरंजीवी शिवांश भक्तवत्सल भगवान आञ्जनेया महावीर महातपस्वी बलवान कपीश्वर महाकाय दैत्यकार्य विघातक रामदूत बजरंगी दशग्रीव कुलान्तक परविद्या परिहार सिंहिकाप्राण भंजन परशौर्य विनाशन महारावण मर्धन लंकापुर विदायक सीतान्वेषण पंडित सर्वमाया विभंजन केसरीसुत सुरार्चित सीताशोक निवारक कुमार ब्रह्मचारी संकटमोचन महाबली भक्त हितकारी…

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थाम ले तू महामारी

विश्व गुरु बनने का अवसर आया है थाम ले तू महामारी को, नाम अमर कर जाओ तुम। दिखा दे तू दम मिट्टी का, है यह राम का पावन धरती सकल राष्ट्र तेरे साथ है, सकल विश्व को मार्ग दिखाओ। दिखा…

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शशिवल्लभ जी के घनाक्षरी छन्द

महावीर हनुमान जयंती विशेष रात दिन साधना में, राम की आराधना में, शत्रु को विनाश और, काल हु पे भारी है। धीर बीर बल धारी, उमा पति अवतारी, अंजनी के जाए सुत, बाल ब्रह्मचारी है। बल को बखान हनु, रीछ…

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कोरोना की बात

आओ बच्चों आज लिखें कोरोना की बात लिखें। कोरोना महामारी को हम, मानवता पर घात लिखें।। कोरोना ही कोरोना बस, सारे जग का रोना है। मास्क लगाना, दूरी रखना, और हाथों को धोना है।। चाइना से पैदा होकर, सारे जग…

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हनुमान जयंती- संकट हरेगें हनुमान

हनुमान जयंती आज हनुमान जयंती है, ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया बंसती है। आज दिवस है बड़ा ही पावन, आज अवतरण राम मनभावन। अंजनी सुत वो केशरी नंदन, मंगल करण जग महा जग वंदन। अष्ट सिद्धि नव निधि के…

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कोरोना- विकट समय

विकट समय विकराल घड़ी तू पंछी पछतायेगा, रहले कुछ दिन पिंजरे में, या प्राण पखेरू उड़ जाएगा, विकट समय विकराल घड़ी तू पंछी पछतायेगा, तू सदियों से उड़ने की सोचे धरती का तू चांडाल रहा, प्रकृति में हाहाकार मची, सज़ा…

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जीतेंगे हम

जीतेंगे हम ये जंग भी बड़ी शान से कोरोना को हराएंगे हम जी जान से अब और नहीं सहेंगे कोरोना की मार अब हम भी करेंगे वार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर इसके हैं ये हथियार सब मिलकर पालन करो…

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कोरोना से लड़ना है

सुनसान है गलियाँ विरान पड़े हैं सभी चौराहे कोरोना नामक वायरस हर जगह फैलाये बैठा है बांहें। न जाने किस राष्ट्र पर है इसकी नापाक निगाहें सतर्क रहें सजग रहें पांवों को कुछ दिन घर पर ही टिकायें। बेवजह-बेमतलब इधर…

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हम जीत सकते हैं

न कोई योजना थी न कोई था उपाय महामारी टूट पड़ी हर व्यक्ति हुआ असहाय इटली, चीन, अमेरिका या भारत ,पाकिस्तान कोरोना की बीमारी से हर मुल्क हुआ परेशान अब बनी योजनायें सारी अब सारे किये गये जतन कितनी मौतें…

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कोरोना- घर मे रहना

घर में रहना, घर में रहना, सबसे विनती, कहना है। कोरोना है बड़ी बीमारी, सबको बचके रहना है।। मुंह पर पट्टी, हाथ धुलाई, रखना हर पल साफ-सफाई। कोरोना से बचना है तो, आइसोलेशन सहना है।। दुनिया भर के देश दुरूखी…

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नफ़रत

कलमकार अजय प्रसाद जी ने अपनी सुपुत्री अंशु प्रसाद की एक कविता हम सबसे साझा की है। बहुत अच्छा लगता है जब नई पीढ़ी भी साहित्य में रूचि दिखाती है। आइए इस नन्हे कलमकार की स्वरचित पंक्तियाँ पढें। जीने की…

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