कोरोना वायरस आया

चीन से कोरोना वायरस आया पूरी दुनिया मे आतंक मचाया जनता मे है खौफ छाया शिक्षा संस्थान बंद बंद हुए सब माल सहम गये सब लोग हुआ हाल बेहाल वायरस ने भारतीय संस्कृति को आगे बढाया पूरे विश्व ने भारतीय…

0 Comments

कोरोना और भारत

पूरे विश्व का कातिल चीन, मानवता का हत्यारा हैकरने विनाश दुनिया का वायरस ये बनाया हैभूलाता रहा विश्व अब तक चीन की हर नादानी कोपर अब तो मिटना है कोरोना संग चीन की हर निशानी कोकर भ्रमण विदेश का भारत…

0 Comments

जीतेगा इंसान

निश्चित जीतेगा इंसान हमारी न विस्मृत होगी पहचान तुम न बन सकोगे सर्वशक्तिमान इंसान में बसते हैं भगवान कुछ काल के लिए हारा है विज्ञान निश्चित होगा कोरोना तेरा निदान इंसान ही सबसे बलवान हर कोई शामिल है तुम्हारे विरुद्ध…

0 Comments

नन्ही सी गुड़िया

नन्ही नन्ही बच्चियों में डर नहीं पनपना चाहिए किंतु कुछ असामाजिक तत्वों के कारण उन्हें डरना ही पड़ता है। कलमकार रोहिणी दूबे ने अपनी कलम से एक गुड़िया की भावनाएं वयक्त की हैं। हमें एक बेहतर और सुंदर समाज का…

0 Comments

रंग बदलती होली

वक्त के साथ-साथ त्यौहार मनाने के तरीके भी बदल रहे हैं। इसी बात को कलमकार रूपेन्द्र गौर ने एक व्यंगात्मक कविता में होली के त्यौहार को संबोधित करते हुए लिखा है। ना चेहरे का अपने रंग छुटा रहा हूँ, ना…

0 Comments

तू जो मिल के भी न मिला मुझे

तू जो मिल के भी, न मिला मुझे, इस सब्र का, क्या हिसाब दूं? तेरी हिचकियों का सवाल मैं, मेरी सिसकियों का जवाब तूं । तू जो कह सका, ना समझ सका, उस जख्म का, क्या गिला करूं। तू जो मिल…

0 Comments

अनमोल धन- स्वास्थ्य

स्वास्थ्य है अनमोल धन रहता इससे तंदुरुस्त मन चाहे  पैसे कमा लो चार बिन स्वस्थ जीवन बेकार स्वास्थ्य  से चमकती काया चाहे कमा लो कितनी माया माया को भी उसने कमाया जो स्वास्थ्य शरीर रख पाया विकट समस्या आ पड़ी…

0 Comments

ओ प्यारी नर्स

ओ प्यारी नर्स! तुम देवी का रूप हो नर सेवा में लीन तुम अभी चुप हो दिनरात मरीज़ो की ऐसे करती सेवा जैसे पूजा की धूप हो। ओ प्यारी नर्स! तूने मदर टेरेसा बन जन्म लिया मानवता को बचाने को…

0 Comments

बदतर हालात

पिछले दिनों दिल्ली के बदतर हालात पर सविता मिश्रा द्वारा लिखी एक कविता पढ़ें। हम कैसे भूल जाते हैं कि इस तरह का माहौल दिलो-दिमाग पर एक भयावह छाप अंकित कर देता है, अतः अमन और शांति बनाए रखने में…

0 Comments

दीप जलाएं

दीप जलाएं, शंख बजाएं, कोरोना को दूर भगाएं। घर पर रहे, करें न मनमानी, आंगन को बुहारें, फूल व पौधों को दें पानी, हर क्यारी में रंग रंग के सुन्दर सुन्दर फूल खिलाएं। दीप जलाएं शंख बजाएं, कोरोना को दूर…

0 Comments

बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं

बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं, अखंड एकता दिखाने की है। बात सिर्फ घर प्रकाशमय करने की नहीं, माँ भारती को मनाने की है। बात सिर्फ औपचारिकता निभाने की नहीं, हम सब की आस्था दिखाने की है। बात सिर्फ एक…

0 Comments

भाग कोरोना भाग

कोरोना की जात नहीं, कोरोना की कोई पात नहीं, जात- पात विहीन कोरोना, जिसका कोई धरम नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना मानव नहीं, कोरोना कोई प्राणी नहीं, बस केवल है वायरस कोरोना, वायरस का वजूद नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना…

0 Comments

जश्न मनाओ उस जीत का

कलमकार विकास सिंगौर की एक रचना पढें जिसमें वे लिखते हैं कि जीत का जश्न ऐसा हो किसी दूसरे को यह न लगे कि उसकी हार हुई है। खुशियों में सबको शामिल कर उसे और बड़ी कर लेना चाहिए। जश्न…

0 Comments

इन दिनों

कुछ ऐसा ही होने "लगा" है इन दिनों, सारा समाज मानो "जगा" है इन दिनों!" कब से था जो ख़्याल क़ैद इस दिल में, राख़ से उठ फिर से "सुलग़ा" है इन दिनों! महामारी से जंग करने की खातिर, सब…

0 Comments

वो सुहाना सफर

वो सुहाना सफर, किसे थी ये खबर, ये भी दिन आएगें. हम चले थे कहाँ, आ गये हैं कहाँ, ये भी दिन आयेगे. भागमभाग जीवन, मन में था कुछ लगन, ठहर जायेगे. अब दिल डरता है, मन मचलता है, जीवन…

0 Comments

मजदूर

गुनहगार नही जो सजा आज पा रहे जाने किस ग़ुनाह की कीमत चुका रहे। दूरिया तोड़ी तय करने निकले रास्ते। मौत की फिक्र नही बच्चो के वास्ते कोई नही मददगार आस बस पाव पर पहले ही जख्म लाखो फिर मार…

0 Comments

मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ

मेरी ऐसी स्थिति नहीं कि अभी मैं मारा जाऊँ और न मेरी मौत आई है मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ पर मैं मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ। अपने लिए नहीं, और न केवल अपने परिवार के लिए बल्की अपने देश…

0 Comments

मत आना घड़ियाल कोरोना

घर में बैठे बैठे यूं ही देह हमारा जकड़ गया है थे कितने बलशाली बाहर चोरी हमरी पकड़ गया है सुख चैन की नींद गवाया गाया गाना रटा रटाया खटिया खींच खांच कर देहरी पे ही राग लगाया जैसे किशोर…

0 Comments

दरिंदों की कमी नहीं

आज देश कोरोना से लड़ रहा बालात्कार का केश, दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है तीसरी विश्वयुद्ध जैसी हालात है पर, उन दरिंदों की कमी नहीं जो राह पर शिकारी बन बैठा है मदद करने नहीं साहब दमन, शोषण करने लड़कियों…

0 Comments

बाहर निकलने की गलती मत कर

बाहर निकलने की गलती मत कर खुद से तू ऐसी यह गद्दारी मत कर। ये दुनिया तो तेरी अपनी ही है समझदारी तू ऐसी तो मत कर। हाथ मिलाना इतना जरुरी तो नहीं थोड़ा दूर से नमस्कार तो तू कर।…

0 Comments