Category: कविताएं

  • कोरोना वायरस आया

    कोरोना वायरस आया

    चीन से कोरोना वायरस आया पूरी दुनिया मे आतंक मचाया जनता मे है खौफ छाया शिक्षा संस्थान बंद बंद हुए सब माल सहम गये सब लोग हुआ हाल बेहाल वायरस ने भारतीय संस्कृति को आगे बढाया पूरे विश्व ने भारतीय संस्कारो को.अपनाया हैंडशेक की जगह नमस्कार को अपनाया मासाहारी से मास छुडवाया शाकाहारी का पथ…

  • कोरोना और भारत

    कोरोना और भारत

    पूरे विश्व का कातिल चीन, मानवता का हत्यारा हैकरने विनाश दुनिया का वायरस ये बनाया हैभूलाता रहा विश्व अब तक चीन की हर नादानी कोपर अब तो मिटना है कोरोना संग चीन की हर निशानी कोकर भ्रमण विदेश का भारत में ये आया हैसंग में अपने मौत का संदेशा लाया हैनहीं जानता कोरोना भारत भी…

  • जीतेगा इंसान

    जीतेगा इंसान

    निश्चित जीतेगा इंसान हमारी न विस्मृत होगी पहचान तुम न बन सकोगे सर्वशक्तिमान इंसान में बसते हैं भगवान कुछ काल के लिए हारा है विज्ञान निश्चित होगा कोरोना तेरा निदान इंसान ही सबसे बलवान हर कोई शामिल है तुम्हारे विरुद्ध तुम चाहे जितने हो जाओ कुद्ध इस दहशत की लड़ाई में शायद उतनी मुश्किलें न…

  • नन्ही सी गुड़िया

    नन्ही सी गुड़िया

    नन्ही नन्ही बच्चियों में डर नहीं पनपना चाहिए किंतु कुछ असामाजिक तत्वों के कारण उन्हें डरना ही पड़ता है। कलमकार रोहिणी दूबे ने अपनी कलम से एक गुड़िया की भावनाएं वयक्त की हैं। हमें एक बेहतर और सुंदर समाज का निर्माण करना चाहिए जहाँ हर कोई सुरक्षित हो। एक नन्ही सी गुड़िया जो इस दुनिया में…

  • रंग बदलती होली

    रंग बदलती होली

    वक्त के साथ-साथ त्यौहार मनाने के तरीके भी बदल रहे हैं। इसी बात को कलमकार रूपेन्द्र गौर ने एक व्यंगात्मक कविता में होली के त्यौहार को संबोधित करते हुए लिखा है। ना चेहरे का अपने रंग छुटा रहा हूँ, ना कपड़ों के अपने  दाग हटा रहा हूँ। सच तो ये है कि मैं होली के दिन से ही, व्हाट्सएप के मेसेजेस मिटा रहा हूँ। अब नहीं घूमा करते हुरियारे गली गली,…

  • तू जो मिल के भी न मिला मुझे

    तू जो मिल के भी न मिला मुझे

    तू जो मिल के भी, न मिला मुझे, इस सब्र का, क्या हिसाब दूं? तेरी हिचकियों का सवाल मैं, मेरी सिसकियों का जवाब तूं । तू जो कह सका, ना समझ सका, उस जख्म का, क्या गिला करूं। तू जो मिल के भी, न मिला मुझे … तेरी बज्म  का हूं मलाल मैं मेरी नज़्म का है…

  • अनमोल धन- स्वास्थ्य

    अनमोल धन- स्वास्थ्य

    स्वास्थ्य है अनमोल धन रहता इससे तंदुरुस्त मन चाहे  पैसे कमा लो चार बिन स्वस्थ जीवन बेकार स्वास्थ्य  से चमकती काया चाहे कमा लो कितनी माया माया को भी उसने कमाया जो स्वास्थ्य शरीर रख पाया विकट समस्या आ पड़ी बीमारियाँ सबके द्वार खड़ी गर बिमारियों से हैं बचना स्वास्थ्य का ध्यान रखना पिज़्ज़ा बर्गर…

  • ओ प्यारी नर्स

    ओ प्यारी नर्स

    ओ प्यारी नर्स! तुम देवी का रूप हो नर सेवा में लीन तुम अभी चुप हो दिनरात मरीज़ो की ऐसे करती सेवा जैसे पूजा की धूप हो। ओ प्यारी नर्स! तूने मदर टेरेसा बन जन्म लिया मानवता को बचाने को जो तूने प्रण किया निज सुखों का त्याग कर तूने हिंदू मुस्लिम की सेवा की…

  • बदतर हालात

    बदतर हालात

    पिछले दिनों दिल्ली के बदतर हालात पर सविता मिश्रा द्वारा लिखी एक कविता पढ़ें। हम कैसे भूल जाते हैं कि इस तरह का माहौल दिलो-दिमाग पर एक भयावह छाप अंकित कर देता है, अतः अमन और शांति बनाए रखने में एक साथ कदम उठाना चाहिए। भारत की शान है दिल्ली हम सब की जान है…

  • दीप जलाएं

    दीप जलाएं

    दीप जलाएं, शंख बजाएं, कोरोना को दूर भगाएं। घर पर रहे, करें न मनमानी, आंगन को बुहारें, फूल व पौधों को दें पानी, हर क्यारी में रंग रंग के सुन्दर सुन्दर फूल खिलाएं। दीप जलाएं शंख बजाएं, कोरोना को दूर भगाएं।। कोई भूखा प्यासा जो दिखे, उसकी परेशानी हम बांटे, कट जाएंगे उसके दुःख भी…

  • बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं

    बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं

    बात सिर्फ दिए जलाने की नहीं, अखंड एकता दिखाने की है। बात सिर्फ घर प्रकाशमय करने की नहीं, माँ भारती को मनाने की है। बात सिर्फ औपचारिकता निभाने की नहीं, हम सब की आस्था दिखाने की है। बात सिर्फ एक साथ प्रकाश करने की नहीं, अपनी इस एकता की शक्ति निभाने की है। बात सिर्फ…

  • भाग कोरोना भाग

    भाग कोरोना भाग

    कोरोना की जात नहीं, कोरोना की कोई पात नहीं, जात- पात विहीन कोरोना, जिसका कोई धरम नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना मानव नहीं, कोरोना कोई प्राणी नहीं, बस केवल है वायरस कोरोना, वायरस का वजूद नहीं, भाग कोरोना भाग। कोरोना राग नहीं, कोरोना कोई अनुराग नहीं, राग- अनुराग से विरक्त कोरोना, विरक्त से जगत का…

  • जश्न मनाओ उस जीत का

    जश्न मनाओ उस जीत का

    कलमकार विकास सिंगौर की एक रचना पढें जिसमें वे लिखते हैं कि जीत का जश्न ऐसा हो किसी दूसरे को यह न लगे कि उसकी हार हुई है। खुशियों में सबको शामिल कर उसे और बड़ी कर लेना चाहिए। जश्न मनाओ उस जीत का, जिसमे किसी की हार न हो।। मिल ही जाती है मंजिल,…

  • इन दिनों

    इन दिनों

    कुछ ऐसा ही होने “लगा” है इन दिनों, सारा समाज मानो “जगा” है इन दिनों!” कब से था जो ख़्याल क़ैद इस दिल में, राख़ से उठ फिर से “सुलग़ा” है इन दिनों! महामारी से जंग करने की खातिर, सब पर कर्फ़्यू हर “जगह” है इन दिनों! ख़ुद की साफ सफाई का रखो ख़्याल, बहकावे…

  • वो सुहाना सफर

    वो सुहाना सफर

    वो सुहाना सफर, किसे थी ये खबर, ये भी दिन आएगें. हम चले थे कहाँ, आ गये हैं कहाँ, ये भी दिन आयेगे. भागमभाग जीवन, मन में था कुछ लगन, ठहर जायेगे. अब दिल डरता है, मन मचलता है, जीवन गया है ठहर. राह सूझे ना, मन तो बूझे ना, क्या करू अब किधर. कभी…

  • मजदूर

    मजदूर

    गुनहगार नही जो सजा आज पा रहे जाने किस ग़ुनाह की कीमत चुका रहे। दूरिया तोड़ी तय करने निकले रास्ते। मौत की फिक्र नही बच्चो के वास्ते कोई नही मददगार आस बस पाव पर पहले ही जख्म लाखो फिर मार रहे खाव पर।। आँखों मे अश्क़ है जुबान पर न ला रहे सजा अमीरों की…

  • मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ

    मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ

    मेरी ऐसी स्थिति नहीं कि अभी मैं मारा जाऊँ और न मेरी मौत आई है मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ पर मैं मौत के दरवाजे पर खड़ा हूँ। अपने लिए नहीं, और न केवल अपने परिवार के लिए बल्की अपने देश के लिए, अपने देशवासियों के लिए, क्योंकि देश का हर व्यक्ति हमारे परिवार का सदस्य…

  • मत आना घड़ियाल कोरोना

    मत आना घड़ियाल कोरोना

    घर में बैठे बैठे यूं ही देह हमारा जकड़ गया है थे कितने बलशाली बाहर चोरी हमरी पकड़ गया है सुख चैन की नींद गवाया गाया गाना रटा रटाया खटिया खींच खांच कर देहरी पे ही राग लगाया जैसे किशोर कुमार बने थे गला हमारा अकड़ गया है जितना मेरा दुलार भया है बचपन सारा…

  • दरिंदों की कमी नहीं

    दरिंदों की कमी नहीं

    आज देश कोरोना से लड़ रहा बालात्कार का केश, दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है तीसरी विश्वयुद्ध जैसी हालात है पर, उन दरिंदों की कमी नहीं जो राह पर शिकारी बन बैठा है मदद करने नहीं साहब दमन, शोषण करने लड़कियों की, चीख सुनने। संकट के समय, साथ होगा हर कोई पर, इन दरिंदों की भूख…

  • बाहर निकलने की गलती मत कर

    बाहर निकलने की गलती मत कर

    बाहर निकलने की गलती मत कर खुद से तू ऐसी यह गद्दारी मत कर। ये दुनिया तो तेरी अपनी ही है समझदारी तू ऐसी तो मत कर। हाथ मिलाना इतना जरुरी तो नहीं थोड़ा दूर से नमस्कार तो तू कर। जो कोरोना वायरस से पीड़ित है उनसे संपर्क की कोशिश मत कर। बाहर निकलना जरूरी…