धुआँ

राजेश्वर प्रसाद जी लिखते हैं कि धुंआ जब भी उठता है वह कोई विनाश जरूर कर देता है। उठते धुएँ से किसी घटित अनहोनी की आशंका मन में आ ही जाती है। धुआँ, तू जब भी मेरे पास आएं हो…

0 Comments

शहीद दिवस २०२०

भारत में हर साल शहीद दिवस मनाया जाता है, इस दिन लोग स्वतंत्रता सेनानी और शहीद हुए सैनिकों को नमन करते हैं। भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को सलाम करतीं हुई कुछ पंक्तियाँ कलमकार इमरान संभलशाही द्वारा श्रद्धांजली स्वरूप समर्पित हैं।…

0 Comments

तिनके का सहारा हो

डूबते हुए को यदि किसी तिनके का भी सहारा मिल जाता है तो वह खुद को संकट से उबर लेता है। हम सभी को भी एक दूसरे का सहारा बनकर हर एक संकट की घड़ी को भागा देना चाहिए। कलमकर…

0 Comments

कोरोना वायरस से सामना- ५ कलमकारों के संदेश

१. कुंडलिया छंद- कोरोना भी कह रहा कोरोना भी कह रहा, बनो तुम समझदार।हाथ मिलाना छोड़कर, करो सब नमस्कार।करो सब नमस्कार, रहोगे स्वस्थ सदा तुम।छोड़ो खाना मांस, कोरोना भगे दबा दुम।कहे 'नवल' कविराय, हाथ पैरों को धोना।रखना सबकुछ साफ, डरेगा…

0 Comments

वक्त की झुर्रियाँ

वक्त थमता नहीं है और न ही हमारी उम्र। यह हमेशा एक जैसा नहीं रहता इसलिए हमें अपनी ताकत व रूप रंग पर घमंड नहीं करना चाहिए। कलमकार पूनम भारती की कविता कहती है कि वक्त की झुर्रियों में सब…

0 Comments

शहीदी दिवस- उनको याद करो

उनको भी याद करो जो लौट के घर को न आये, गांधी, बापू की धरती को, जिन्होने है जन्नत बनाये। उनको भी याद करो जो लौट के घर को न आये। बलिवेदी को परिणय वेदी, फांसी को वरमाला गाये। वे…

0 Comments

कोरोना वाइरस- अभिषेक भारद्वाज की ४ कविताएं

वर्ष २०२० के आरंभ से ही विश्व कोरोना वाइरस के संकट से जूझ रहा है, इसी मुद्दे पर कलमकार अभिषेक भारद्वाज अपने शब्दों के माध्यम से कुछ बातें बता रहे हैं। १. नमस्ते करो करना है तो करो नमस्ते, शेक…

0 Comments

मिलकर कदम बढ़ाना होगा

कलमकार राकेश कुमार कहते हैं हम सभी को मिलकर कदम बढ़ाना होगा और कोरोना को हराना होगा। मिलकर कदम बढ़ाना होगा कोरोना को हराना होगा आओ सामाजिक दूरी अपनाएँ घर आते ही हाथ-मुँह धोएँ न छुएँ नाक और मुँह तभी…

0 Comments

कोरोना तुम हार जाओगे

कलमकार अतुल जी का मानना है कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस को हरा देंगे। कोरोना तुम हार जाओगे, हिंदुस्तान छोड़ तुम भाग जाओगे, हम न टूटे हैं, न टूटेगें, तुम हमेसा के लिए, खुली मौत पाओगे... कोरोना तुम हार…

0 Comments

बाहर जो आज कर्फ़्यू है

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देख भारत सरकार ने आज २२ मार्च २०२० को 'जनता कर्फ़्यू' का आवाहन किया है। सभी लोग अपने घरों में सीमित हैं। यही देख कलमकार इमरान संभलशाही ने इस माहौल को अपनी कविता में…

0 Comments

सुन्दरी

सौंदर्य वर्णन पढिए, कलमकार योगेश कुमार पाण्डेय की इस कविता में एक सुंदरी के रूप और स्वभाव को दर्शाया गया है। जब तेरे सुकोमल अधरों से मुस्कान तरंगित होती है मन मन्त्रमुग्ध हो जाता है जब तू एसे मुस्काती है…

0 Comments

हे मातृ भूमि

मातृभूमि से सभी को लगाव रहता है। हर इंसान के मन में इस मिट्टी के प्रति आदर का भाव सदैव रहता है। कलमकारों कर्मवीर कौशिक की यह कविता भी उन्ही भावों को शब्दों में दर्शाती है। हे मातृ भूमि तेरे…

0 Comments

कोरोना जानकारी और सुरक्षा

कलमकार चुन्नी लाल ठाकुर कोरोना वायरस की जानकारी और सुरक्षा के उपाय अपनी इस कविता में बता रहें हैं कोरोना बना है अब वैश्विक माहमारी, सबको होनी चाहिए इसकी जानकारी। खाँसी, बुखार, थकान व साँस लेने में समस्या है इसके…

0 Comments

कोरोना तोहरा नी होना

कोरोना वायरस पर कलमकार खेमचन्द की यह कविता पढ़ें मची है जगत में कैसी हाहाकार सारी सुख सुविधाओं को कर दिया लाचार नाम है इसका वायरस कोरोना हाथों को तुम बार-बार धोना बड़ा खतरनाक जानलेवा है इसका विषाणु बचाव ही…

0 Comments

कोरोना वायरस का फैला है कहर

कोरोना वायरस बहूत तेजी से लोगों के बीच फैल रहा है और लोग इस घातक बीमारी से संक्रमित हो रहें हैं। कलमकार लाल देवेन्द्र की यह कविता इससे बचाव का संदेश दे रही है। कोरोना वायरस का फैला है कहर,…

0 Comments

कोरोना को भगायें

कोरोना बीमारी से आज विश्व परेशान है ऐसे में केवल सावधानी ही एक विकल्प है, इससे चिंतित कलमकार प्रीति शर्मा का संदेश इन पंक्तियों में पढ़ें। स्वच्छता को अपनायें कोरोना को भगायें। धोए हाथ बार-बार, जीवन को कीटाणु मुक्त बनायें।…

0 Comments

दमघोंटू शैतान- कोरोना

कोरोना वायरस की बीमारी और संकट से चिंतित कलमकार इमरान का संदेश इन पंक्तियों में पढ़ें। क्या कभी सोचा था कोई वो आयेगा और सभी को सभी से दूर ले जाएगा लोग डरेंगे अपनों से मिलते हुए सुघेंगे नहीं देख…

0 Comments

कोरोना: जन-जागरूकता

कोरोना महामारी जैसे विकराल संकट से चिंतित कलमकार प्रभात कुमार का संदेश इन पंक्तियों में पढ़ें। हे देशवाशियों यह कोरोना बीमारी नही महामारी है, इससे निपटने की केवल सरकार की नही अपनी भी जिम्मेदारी है| बिना जरूरी निकले न घर…

0 Comments

प्रेम गीत गाता कैसे

जीवन में किसी खास के आगमन से हममें बहुत परिवर्तन हो जाता है। कलमकार मनोज कुमार लिखते हैं कि यदि तुम न होते तो मैं प्रेम के गीत भला कैसे गुनगुनाता। तुम न होते तो प्रेम गीत गाता कैसे, शब्दों…

0 Comments

बिहार दिवस

मेरा बिहार मेरी शान है, मेरा बिहार मेरी शान है। ये गणतंत्र की पहचान है जन्मभूमि है ढेरों वीरों की, यहाँ 'शुन्य' का हुआ अनुसन्धान है। साहित्य का उद्गम है ये, विद्या ग्रहण का मुख्य स्थान है। हर कार्य में…

0 Comments