कविता हमें रच रही है
कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की एक खास रचना जिसमें वे बताती हैं की कवितायें हमें रचतीं हैं। विश्व कविता दिवस के अवसर पर उनकी इन पंक्तियों को अवश्य पढ़ें। गलतफहमी थी हमें कविता को हम सब रच रहे एहसास खुद को…
कलमकार साक्षी सांकृत्यायन की एक खास रचना जिसमें वे बताती हैं की कवितायें हमें रचतीं हैं। विश्व कविता दिवस के अवसर पर उनकी इन पंक्तियों को अवश्य पढ़ें। गलतफहमी थी हमें कविता को हम सब रच रहे एहसास खुद को…
विश्व कविता दिवस के अवसर पर कलमकार अजय प्रसाद जी के एक विशेष प्रस्तुती पढ़िये। कविता पेट नहीं भरती है मगर हाँ, भूख ज़रूर बढ़ा देती है लिखने वालों का । और ज्यादा लिखने के लिए और ज्यादा छपने के…
जंगल का संरक्षण हम इंसानों का ही कर्तव्य है। वनों की क्षति हमारे द्वारा ही की गयी है। अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर इमरान सम्भलशाही की यह रचना पढ़ें। हम सभी जंगलों में कभी रहते थे कंद मूल, पात,…
भगवान भोलेनाथ की एक स्तुति कलमकार अनिरुद्ध तिवारी ने प्रस्तुत की है। कृपया इसे पढ़े और सभी का कल्याण करनेवाली प्रार्थना प्रभु से करें। तू जीवन का आधार है, तू ही निराकार हैतू ही सत्य है, तू ही संसार हैतू…
जीवन की गाथा, उसका सार कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने अपनी इस रचना में प्रकट किया है। हर पल शुभ होता है और उसे जी भरकर जीना चाहिए। पल पल मन घबड़ाता है यही सोचकर रह जाता है। जाने…
कविता की भिन्न भिन्न परिभाषा सुनने में आती है। विश्व कविता दिवस (21 मार्च) के अवसर पर कलमकार इमरान संभलशाही ने बताया है कि एक कविता क्या-क्या हो सकती है। सभी रचनाकारों को कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। कविता सारा…
कलमकार मुकेश ऋषि वर्मा हर क्षण को जीने की राय देते हैं। यथार्थ और जीवन की कुछ सच्चाई को प्रस्तुत करतीं हुईं पंक्तियाँ पढें। गुजर रहा वक़्त पल-पल, आओ साथी जी लें जीभर हर क्षण। रुठने-मनाने का दौर चलता रहेगा,…
कलमकार विजय कनौजिया आँसुओं में छिपे दर्द और यादों के सागर को अपनी इस रचना में दर्शाया है। चलो आज फिर से कहानी लिखेंगे वही पहले जैसी रवानी लिखेंगे..।। तेरी याद में अक्सर बहते हैं अब तक उन्हीं आंखों का…
निर्भया के मामले पर अपराधियों को मिली सजा पर सभी के मन में खुशी और न्याय के प्रति आदर उतपन्न हुआ है। कलमकार मनीषा प्रसाद ने इस खुशी को जाहिर करने के लिए यह कविता लिखी है। जी उठी निर्भया…
कोरोना का क़हर- कलमकार अनुभव मिश्रा की इस रचना में उनका संदेश पढें और स्वयं को सुरक्षित रखें। हर तरफ़ कोरोना का ही क़हर छाया है। अब तो मानो हवा में भी ज़हर समाया है।। सम्पर्क में आने पर सावधानी…
प्यार की गलियों से गुजरे हर इंसान की अपनी एक कहानी होती है। कलमकार शुभम पांडेय 'गगन' भी प्रेम से जुड़े हुए कुछ भाव इन पंक्तियों में प्रकट करते हैं। न जाने क्यों मैं उसकी हर गलती को दरकिनार कर…
कोशिश यही सबकी होनी चाहिए कि वे सावधानी, स्वच्छता और सतर्कता अपनाते हुए कोरोना वायरस से बचें। कलमकार विजय कनौजिया का संदेश इस कविता में पढें। कोरोना का खौफ आजकल हर जीवन पर भारी है कितनों को ये निगल चुका…
पहले प्यार की यादें हृदय से नहीं मिटती हैं। जाने-अनजाने उसकी स्मृति हमारे मन को कुरेदती है। कलमकार तृप्ति मित्तल जी की इन पंक्तियों में पहली मोहब्बत का जिक्र हुआ है, आप भी पढें। उफ्फ़ ये हँसी, ये शोखियां ये…
कलमकार सुबोध कुमार वर्मा की रचना 'एक सुबह' पढ़ें। वैसे तो हर सुबह सुहानी लगती है लेकिन कभी किसी सुबह कुछ अच्छा फैसला हम ले लिया करते हैं। एक ख़्वाब बुन लिया मैंने, एक शहर चुन लिया मैंने सुबह होते…
कलमकर डॉ. कन्हैया लाल गुप्त 'किशन' नारी की महानता और अनेक रूपों को अपनी कविता में रेखांकित किया है। सचमुच वे महान हैं, आओं हम इनका अभिनंदन करें। जिसने नर को जना, जिसने ममता है पायी। जिसके आँचल तले ही…
कलमकार पूजा कुमारी साव ने निर्भया मामले पर सात साल बाद मिले न्याय के प्रति अपने विचार इन पंक्तियों में जाहिर किया है। निर्भया, आज न्याय पा गयी आत्मा उसकी, आज शांत हुई होगी आज की सुबह का, सूर्योदय न्याय…
प्रभू श्री राम में अपार निष्ठा रखनेवाली तपस्विनी शबरी के बारे में कलमकार राज शर्मा लिखते हैं कि उसका तन मन सब कुछ राममय था। पल पल मार्ग निहारती, शबरी भक्तन महान। राम का नाम जिव्हा पर, न समय का…
हमारी तो अनेक इच्छाएं होती है, किंतु क्या आपने कभी सोचा है कि पत्थर की भी अभिलाषा हो सकती है? नहीं ना! ऐसा केवल कवि ही सोचते हैं और अपनी कविता में सभी लोगों से बताते हैं। आइए कलमकार अजय…
हमारा हिंदुस्तान बहुत ही प्यारा है, यहाँ विविध धर्म, संस्कृति और भाषा के लोगों हैं जो विविधता में एकता और अखंडता को कायम रखते हैं। कलमकार इरफान आब्दी मांटवी की रचना पढें जिसमें उन्होंने हिंदुस्तान को अपना दिल और अरमान…
किसी को तकलीफ़ से उबार लेना बहुत ही उत्तम व्यवहार है। कलमकार विजय कनौजिया लिखते हैं कि तुम्हे कभी भी रोने का अवसर नहीं मिलेगा क्योंकि मीत बनकर मैं तुम्हें मना लूँगा। जब रूठ कभी तुम जाओगे तो बनकर मीत…