वेलेंटाइन वीक

वैलेंटाइन सप्ताह में इससे जुड़ी हुई कुछ काव्य पंक्तियाँ कलमकारों ने प्रस्तुत की हैं और उन्हीं में से एक है इमरान संभलशाही की 'वैलेंटाइन वीक'। कइयों के जीवन में यह सप्ताह उनके सच्चे जीवनसाथी से परिचय करा देता है। कुछ…

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गाँव

भारत किसानों का देश है और किसान गाँवों में रहते हैं। हम भले ही शहर में हों किन्तु गाँव से सभी लोगों का अनूठा रिश्ता होता है। कलमकार सौरभ अज्ञानी की यह कविता सभी के हृदय में अंकित गाँव की…

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उपदेश

कोई जब हमारे हित की बात कहता है तो हमें प्रतीत होता है कि यह बकवास कर रहा है। परंतु वे कथन उपदेश ही होते हैं जो आपके जीवन को सरल और सुखद बनाने में बड़ी भूमिका रखते हैं। कलमकार…

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लौटकर आता नहीं

जीवन के सफर में हर चीज़, रिश्ते-नाते सब पीछे छूट जाता है। जो बीत गया सो बीत गया, यहाँ पर स कुछ आकर्षण मात्र है अतः सही निर्णय करना ही सर्वोत्तम होता है। कलमकार राहुल प्रजापति की चंद पंक्तियाँ पढें-…

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मेरा भारत

एक आदर्श राष्ट्र की कल्पना कीजिये। आप अपने देश का नव निर्माण कैसे करेंगे? कलमकार कुमार किशन कीर्ति ने अपनी कल्पना को लिखकर बताया है कि मेरा भारत कैसा हो। मेरी कल्पना का भारत कैसा होगा? सच पूछो, तो स्वर्ग…

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विवाह

दहेज़ एक बुराई है, इस कुप्रथा को समाज से दूर करना हम सब का कर्तव्य है। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने विवाह के शुभ बंधन पर इस कविता के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किये हैं। विवाह दो हृदयों…

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अपना घर

जिस घर को खूबसूरत बनाने के लिए हम अपना तन मन सब लगा देते हैं क्या वह घर अपना होता है? वह घर कभी-कभी पराया सा महसूस लगता है।कलमकार स्वाति बर्नवाल की कविता भी अपने उसी घर की दास्तान बता…

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जरूरत या चाहत

कलमकार निहारिका चौधरी कहतीं हैं कि अगर प्रेम की बात करें तो चाहत या जरूरत किसी एक को चुनने वाली कोई बात ही नहीं है। ईश्वर की भक्ति के लिए जैसे उनका साक्षात होना जरूरी नहीं होता, तो किसीको चाहने…

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परिस्थितियाँ

हमारे सामने कई विकट परिस्थितियाँ निर्माण हो जातीं हैं जिनका सामना धैर्य के साथ करना पड़ता है। कलमकार डॉ. कन्हैया लाल गुप्त 'शिक्षक' का इन परिस्थितियों के बारे में जो मत है वह उन्होंने अपनी रचना में प्रकट किया है।…

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चाहता सबका भला हूँ

दूसरों का बुरा चाहने वालों के मन कपट भरा हुआ होता है और उनकी सफलता की राह में बहुत से रोड़े मिलेंगे। यदि हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं तो सफलता भी हमसे दूर नहीं रह पाती है। कलमकार…

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आंखें फिर भर गईं

मन के भावुक हो जाने से आँखें भर जाती हैं, चाहे मौका खुशी का हो या फिर गम के पल। कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि प्रेमवश भी आंखों में नमी आ जाती है। आज उनसे मुलाकात फिर हो…

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बे-वतन की हालत

अपने वतन से दूर रहने का गम किसी परदेशी से बेहतर और कौन जान सकता है। दूसरे वतन में रहकर अपने देश की बातें और लोगों की याद आना स्वाभाविक है। कलमकार इरफ़ान आब्दी मांटवी ने भी इसी दुविधा को…

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कलम पर पहरा

विचार तो स्वतंत्र होते हैं, न चाहते हुए भी तरह तरह के विचार मन में उतपन्न हो जाते हैं। कलमकार अपने विचार और भावों को शब्दों में अपनी कलम से लिखते रहें हैं, किंतु उन्हे भी कभी-कभी सोचना पड़ता है…

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ख़ुदा के बंदे संभल जा

अपनी बुरी हरकतें भी हमें बुरी नहीं लगती है। हम लगातार गलतियाँ करते हैं जिनका अंजाम बहुत बुरा होता है। कलमकार अपरिचित सलमान लिखते हैं हमको ऐसी आदतों पर लगाम लगाने की सख्त जरूरत है; उनकी एक कविता पढ़िए- ख़ुदा…

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तुम मेरे मनमीत

दिल को जब कोई अच्छा लगने लगता है तो उसका साथ छोड़ने को मन ही नहीं होता है। कलमकार लाल देवेन्द्र श्रीवास्तव जी की पंक्तियाँ उन लोगों की परिस्थितियाँ दर्शाती हैं जिन्होने किसी को अपना मनमीत मान लिया हो। मैंने…

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ये साल बदलेगा

क्या यह साल सचमुच बदलेगा? बदलने से तात्पर्य है कि क्या इस साल समस्याएँ, बदहाली, नीयत, कर्तव्य आदि भी बदलेंगे? कलमकार अजय प्रसाद जी इस साल के लिए कुछ सवाल कर रहे हैं और जवाब की उम्मीद करते हैं। सुन…

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युवा

युवाओं में अपार शक्ति होती है, वे जो चाहे आत्मबल से प्राप्त कर सकते हैं। हार का तो प्रश्न ही नहीं आना चाहिए युवाओं के मन में; कलमकार कुमार संदीप ने 'युवा' कविता में नवजवानों का मनोबल बढ़ाने का प्रयास…

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न मानों तुम खुद से हार

कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि न मानों तुम खुद से हार। 'मन के हारे हार है और मन के जीते जीत' यह कहावत हमारा मनोबल बढ़ाने में प्रेरक सिद्ध होती है। खुद को लाचार कभी नहीं मानना चाहिए…

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शौक

लोगों के न जाने कितने शौक होते हैं, लेकिन क्या उनसे समाज कल्याण भी होता है? कलमकार डॉ कन्हैयालाल गुप्त 'शिक्षक' कुछ ऐसे शौक भी पालने को कहते हैं जिनसे किसी का भला हो जाए। आइए वह सब इस कविता…

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विद्यार्थी जीवन

हमारी नज़र में विद्यार्थी को सिर्फ एक चुनौती स्वीकार करनी होती है और वह है वार्षिक परीक्षा। किंतु ऐसा नहीं है, उन्हें इस दौरान कई बड़े-बड़े फैसले लेने होते हैं। जीवन में सफल बनने का पहला पड़ाव है छात्र बनना।…

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