सुलगते सवाल

कवि मुकेश अमन के रचना "आवारा सांड" काव्य संग्रह से एक कविता प्रस्तुत है, जिसका शीर्षक है- सुलगते सवाल। तुम्हारी निष्ठुर हंसी ही, आज हमारा, सबसे बड़ा सवाल, हो गई है। तुम्हारी आदाएं, तुम्हारी चालें भी, अब तो बड़ी कमाल,…

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मुक्तक व क्षणिकाएँ

हिन्दी बोल इंडिया के पाठक कई क्षणिकाएँ प्रस्तुत करतें हैं, उनमें से कुछ इस पृष्ठ पर संकलित की गई हैं। मैंने परिंदों की जिद्द को उड़ते देखा हैकोशिश करने वालों को आगे बढ़ते देखा हैमैंने मांझी की जिद्द को पहाड़…

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नम्रता

विनम्र स्वाभाव से आप लोगों के स्नेह और आदर के पात्र बनते हैं, उनके हृदय को जीत जाते हैं। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी ने अपनी कविता में नम्रता के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है, आप भी पढें और स्वयं…

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बस थोड़ा प्यार जता देना

रिश्ता चाहे जैसा हो थोड़ा सा प्यार उसे निखार देता है। यह प्रेम मित्र, बहन, पत्नी व पारिवारिक सदस्य किसी से भी होता है। कलमकार विजय कनौजिया जी लिखते हैं कि हम सब को बस थोड़ा सा प्यार जताने और…

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मोबाइल फोन के आदी

जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार हर तकनीकी के फायदे और नुकसान भी होते हैं। यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसका इस्तेमाल किस ढंग से करना चाहते हैं। मोबाइल और इंटरनेट के क्षेत्र…

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विधवा की वेदना

कुमार संदीप ने विधवा के मन की पीड़ा इन पंक्तियों में वयक्त की है। पति के बिना उसे अपने जीवनकाल में अनेक प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं। अपने ही परिवार के सदस्यों द्वारा भी कई तकलीफें उसे झेलनी पड़ती…

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शारदे माता की वंदना

माँ शारदे की भक्ति माँ शारदे की भक्ति से बन जाते सारे काम। माँ शारदे के भक्तों को कन्हैया का प्रणाम। विद्या, व्यवहार सीख दे हमको बनाया तुने। दे भक्ति, श्रद्धा, ज्ञान से हमको सजाया तुने। तेरा ही गुणगान कर…

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जीना चाहता हूँ

कलमकार डोमन निषाद लिखते हैं कि हमें हर पल जीना चाहिए। आशावादी बनकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए जीना चाहिए। इस अनमोल जीवन को व्यर्थ ही नहीं गंवाना हम सब का ध्येय होना चाहिए। हर मुश्किल राह से, लड़कर…

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इंतज़ार में जब भी मिरी आंखे जली होती है

इंतजार की एक गाथा कलमकार इमरान संभलशाही ने इन पंक्तियों में लिखी हैं। इंतज़ार करना बहुत कष्टदायक होता है, कभी-कभी आँखें नम हो जाती हैं तो कभी दिल उदास। यह तो हम सभी जानते हैं इंतज़ार के बाद सच का…

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विश्व रक्तदाता दिवस की बधाई

इसका मुख्य उद्देश्य है दुनिया में आवश्यकता के अनुसार खून उपलब्ध करना। रक्तदान करिये और इस महान कार्य हेतु सभी को प्रोत्साहित करनेवाली कविताएं इस पेज के कमेंट बॉक्स में लिखिए। पोस्ट हुईं रचनाएँ पढ़ें

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वेदना (मासिक धर्म)

स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान कई प्रकार की तकलीफें झेलनी पड़ती है। कुछ स्थानों पर उन्हे अनेक सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। जैसे हम साँस लेते हैं और यह क्रिया जीवन में होनी ही है उसी तरह मासिक…

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हाथी और दर्जी

शरारतें कभी-कभी पुरानी दोस्ती को भी दुश्मनी में बदल देतीं हैं। एक ऐसा ही प्रसंग कवि मुकेश अमन ने अपनी कविता में लिखा है, आप भी पढें कि कैसे हाथी और दर्जी की दोस्ती शत्रुता में परिवर्तित हो गई। एक…

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एक शाम जिंदगी के नाम

यह जिंदगी किसी कहानी से कम नहीं है, हर इंसान का जीवन कई चुनौतियों से भरा हुआ है। यदि हम चाहें तो अपने ही जीवन के संघर्ष को कहानी में बदल सकते हैं जो दुनिया को एक सीख अवश्य देगा।…

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जैसलमेर की सैर

बच्चे जैसलमेर शहर की सैर करना चाहते थे और शहर की नयी-पुरानी जगहों पर उन्हे पहुंचना है। बालकवि मुकेश अमन ने इस दृश्य को बखूबी अपनी कविता में चित्रित किया है। अब आप जैसलमेर को जानने के लिए यह कविता…

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मिट्टी

माटी से जुड़ा हुआ हर व्यक्ति दूसरों की कद्र करता है। वह वहां की कला, संस्कृति और भाषा को सम्मान दिलाने में सदैव आगे होता है। कलमकार कन्हैया लाल गुप्त जी की पंक्तियाँ पढें जो मिट्टी और इसके कद्रदानों की…

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तरुणाई अब जाग उठी

राष्ट्रीय युवा दिवस पर एकजुट होकर आगे बढ़ने की बात कलमकार लाल देवेंद्र करते हैं। भविष्य की बागडोर हमें ही संभालनी है, अतः सुनहरे आज में सभी युवाओं को सजग होना चाहिए। इस कविता में आप युवाओं का मनोबल बढ़ाने…

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बिकने को जी चाहता है

रिश्तों का अनादर नहीं होना चाहिए अन्यथा वे सिर्फ नाम मात्र के लिए ही रहेंगे। आजकल तो रिश्तों को निभाना लोगों के लिए कष्ट प्रतीत होता है, हर कोई इससे छुटकारा पाना चाहता है। कलमकार खेम चन्द ने अपनी कविता…

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आनंद सिंह, नई दिल्ली

मेरा जन्म बिहार के एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ और जैसा कि हर मध्यमवर्गीय परिवारों की यह विशेषता है या यूं कहें कि विडम्बना है कि भले ही औकात छोटी हो पर सपने बरे होते कुछ ऐसा ही मेरे…

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