माँ की थपकी
कन्हैया लाल गुप्त माँ की थपकी याद दिला रहे हैं, इन पंक्तियों में माँ से जुड़ी अनेक स्मृतियाँ नज़र आती हैं। हालांकि माँ के गुणों और ममता का वर्णन लिखा नहीं जा सकता है फिर भी हम कलमकार एक छोटी…
कन्हैया लाल गुप्त माँ की थपकी याद दिला रहे हैं, इन पंक्तियों में माँ से जुड़ी अनेक स्मृतियाँ नज़र आती हैं। हालांकि माँ के गुणों और ममता का वर्णन लिखा नहीं जा सकता है फिर भी हम कलमकार एक छोटी…
कलमकार चुन्नी लाल की ओर से नया साल 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ। लो फिर से आ गया है नया साल जिसके आने का था सभी को मलाल बहुत सी उमंगो और खुशियों से भरा रहे ये साल हो पूरे सभी…
नया साल मनाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है लेकिन उत्साह हर मन में एक जैसा ही रहता है। कुमार संदीप ने नए साल को निर्मल और पवित्र हृदय के साथ मनाने की राय दी है। भूल कर सारे राग-द्वेष…
तकनीकी के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति मोबाइल की मानी जा सकती है। यह हमारे जीवन से इस तरह जुड़ गया है जैसे कोई अभिन्न अंग हो। इसका हस्तक्षेप भी हमें बुरा नहीं लगता। बुजुर्ग हों या बच्चे, सभी का प्रिय…
बेटियों की सुरक्षा आज के दौर में एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह एक चुनौती सी क्यों लगती है? उन्हें आदर और सम्मान मिलता रहे तो सुरक्षा सुनिश्चित है। इस जिम्मेदारी को यदि हर इंसान निभाने लगे तो बेटियों पर कोई…
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। कलमकार मुकेश वर्मा की पंक्तियाँ पढें जो नूतन वर्ष के स्वागतम के लिए वयक्त हुईं हैं। यह साल सभी के जीवन में मंगलमय पलों की भरमार कर दे। कुदरत ने रंग दिखाया प्यारा नूतन वर्ष आया।…
नया साल तो आ गया है, किंतु, क्या आप कुछ भी नया महसूस कर पा रहे हैं? केवल कैलेंडर नया लग रहा है बाकी सब तो पहले जैसा ही है। कलमकार इरफान आब्दी अपनी ओर से मुबारकबाद दे रहे हैं…
नए साल में हम सभी को अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को सम्मान देने का प्रण लेने की जरुरत है। यह उत्सव सिर्फ एक दिन का नहीं होना चाहिए बल्कि प्रतिदिन लोगों का आदर कर अपना मानव धर्म…
वक्त बहुत जल्दी बीत जाता है, इसी साल के बारे में सोचिए तो लगता है कि इतनी जल्दी एक वर्ष बीत गया। कलमकार विजय कनौजिया कहते हैं कि यह वर्ष भी नया था लेकिन आज कुछ पल का ही मेहमान…
वेलकम न्यू ईयर हर-पल, हर-घड़ी शुभ होती है। यह तो केवल हमारी सोच है जो कभी बुरा सोचकर गलत कदम उठाने के लिए उकसाया करती है। यदि नीयत साफ हो तो कभी कोई पाप या दुष्कर्म घटित ही न हो।…
कलमकार अजय प्रसाद जी हम सभी को नए साल की शुभकामनाएं और बधाई दे रहे हैं, लेकिन साथ ही एक बड़े बदलाव की कामना करते हैं जो हम सभी को अपने जीवन में लाना है। अभी तक जैसे चला आ…
कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। मेरी कलम संपर्क नाम: अजय प्रसादजन्मतिथि: १0 मार्च १९७३जन्मभूमि: बर्धमान, पश्चिम बंगालकर्मभूमि: नालंदा, बिहारशिक्षा: एम ए (इंग्लिश), बी एडशौक: लेखन प्रकाशित पुस्तकें आज़ाद गज़लें Above mentioned information are shared by the author…
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और सुंदरता हमारी ही जिम्मेदारी है। नदियाँ सूख जा रही हैं, जलाशय समाप्त हो रहें हैं, दूर दराज़ के इलाकों में पीने के पानी की कमी हो रही है, भूगर्भीय जलस्तर कम हो रहा है। खेम…
पानी के बुलबुले जैसे ही यह जीवन है, न जाने कब फूटकर पानी में विलीन हो जाए। कुछ दिनों के इस जीवन में कड़वाहट न आने दें; अमन, प्रेम और प्रगति निरंतर विद्यमान रहनी चाहिए। कलमकार इमरान खान की रचना…
कविता लिखने की वजह चाहिए तो विजय कनौजिया की इन पंक्तियों को पढें। आपको भी अनेक कारण मिल जाएँगे जो लिखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आप भी अपने विचार और भावों को शब्दों में जताकर एक सुंदर कविता…
हमारे पास तो शिकायत और तारीफ का पिटारा होता ही है, यदि जिंदगी आप से मिले तो आप उससे क्या बातें करेंगे? कलमकार सौरभ अज्ञानी इस कविता में जिंदगी से कुछ सवाल पूछ रहे हैं और अपना तर्क भी रख…
हिमाचल के बन्जार में एक बस हादसे का जिक्र अपनी कविता में करते हुए कलमकार खेम चन्द ने बताया है कि दुर्घटनाओं के बाद परिवार में खामोशी छा जाती है और सभी का हृदय विचलित हो जाता है। घर था…
बीते हुए दिनों और आने वाले समय की चिंता हमें दुःखी करती है। कलमकार निहारिका चौधरी ने इन सब की चिंता भूल कर आज में ही जीने की बात अपनी इस रचना में कही है। सच भी है कि हम…
कलमकार स्वाति बरनवाल का मत है कि समाज के बनाए हुए रीति रिवाजों में खुद को ढाल कर अनेकों स्त्रियाँ अपनी इच्छाओं को रोक लिया करतीं हैं। उन्हें पता होता है कि यह रीतियाँ न्यायसंगत नहीं हैं फिर भी वे…
बड़े सौभाग्य से मानव तन प्राप्त हुआ है, इसे व्यर्थ न जाने देना चाहिए। आजकल इंसान की मानसिकता इतनी बदली हुई है कि वे बहुत चापलूस और स्वार्थी बन गए हैं। सत्कार और आदर भी लोगों की पूंजी देखकर किया…