पाठशाला की किरना

खेम चन्द अपने स्कूल के दिनों और सहपाठियों को याद करते हुए यह कविता लिखी है। हम सभी के जीवन में विद्यालय की ढेर सारी यादें हैं जो किसी भी पल चेहरे पर मुस्कान बिखर देती हैं, यकीं न हो…

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इमरान संभलशाही, प्रयागराज

मै एक हिंदी शिक्षक हूं। प्रयागराज स्थित मजीदिया इस्लामिया कॉलेज प्रयागराज उत्तर प्रदेश में कार्यरत हूं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से एक्टिंग में वर्कशॉप किया हूं। इंदु आर्ट थियेटर एंड फिल्म सोसाइटी नई दिल्ली से थियेटर करना शुरू किया।…

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दावेदार बहुत है

राहुल प्रजापति की चंद पंक्तियाँ बता रहीं हैं कि दुनिया में हर चीज़ के लिए दावा करने वाले बहुत लोग हैं किन्तु उसे सही ढंग से संभालने और निभाने वाले नहीं मिल पाते। जिंदगी में दावेदार बहुत है झूठे सच्चे…

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डॉ. कन्हैया लाल गुप्त “किशन”, सिवान

मैं अत्यंत ही स्पष्टवादी, निडर और निर्भिक व्यक्ति हूँ। साहित्य, कला, इतिहास, संगीत, समाज सेवा आदि में विशेष रुचि है। मंचीय एवं साहित्यिक कार्यक्रमों के संयोजन में विशेष रुचि है। मेरी कलम संपर्क नाम: डॉ कन्हैया लाल गुप्त "शिक्षक"उपनाम: "…

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सच का साथ

कलमकार मयंक व्यास ने सच का साथ देने की बात कही है। सच का सामना तो हर किसी को करना पड़ता है, इससे पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता है। मैंने सच से कभी मुँह चुराया नहीं, आईना आईने को दिखाया…

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प्यारे सैंटा

निक्की शर्मा रश्मि की भी एक कविता क्रिसमस के अवसर पर पढ़ें। सैंटा से विशेष अनुरोध करती हुईं पंक्तियाँ... प्यारे सैंटा, प्यारे सैंटा! इस बार कुछ नया कर दो चांद सूरज से आते हो, सबके दिल को भाते हो नीलगगन…

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क्रिसमस

मानवता का पाठ पढ़ातीं कुछ सुंदर पंक्तियाँ - क्रिसमस के पर्व पर सूर्यदीप कुशवाहा की कविता पढें। क्रिसमस का त्यौहार आया सबकी खुशियां अपार लाया सैंटा से मिलने का मौसम आया उपहार पाने का समय आया जीवन में दूसरे के…

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प्रिय सैंटा

आज क्रिसमस का त्यौहार है और मान्यता है कि सैंटा हर जरूरतमंद की मदद किया करते हैं। कलमकार कुमार संदीप की कविता पढें, उन्होंने सैंटा से चारों ओर खुशियों को बिखरने की कामना की है। उनकी मनोकामना पूर्ण हो- यही…

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हमारी बेटियाँ

हम किसी से कम नहीं- यह बात बेटियों को हमेशा कहनी चाहिए और पुरुष प्रधान समाज को भी बेटियों को कमतर आँकने की भूल कदापि नहीं करनी चाहिए। बेटियां हमारे लिए क्या हैं- यह बात कलमकार कुमार संदीप ने अपनी…

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तू मौन क्यों है

जो लोग निःसवार्थ भाव से दूसरों की सेवा और मदद करते हैं वे अक्सर अपने कार्यों का ढिंढोरा न पीटकर मौन रहना पसंद करते हैं। ऐसे परोपकारियों को कष्ट भी पहुंचाया जाता है, फिर भी उनके मौन रहने पर कलमकार…

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सार्थक मृत्यु

हर चीज़ के अस्तित्व की एक समय सीमा होती है। हमारी कविताओं का क्या होगा? हमारे बाद क्या वे अपना असर दिखा पाएँगी? रचयिताओं की कल्पना का आप अनुमान नहीं लगा सकते, कलमकार तान्या सिंह जी लिखती हैं कि हमारी…

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जब कोई रूठ जाता है

हम सभी चाहे जितनी बहस या ज्ञान की बातें कर लें, किंतु जीवन में रूठना और मनाना कम नहीं हो सकता है। जब कोई रूठ जाता है तो मनोदशा किस प्रकार की होती है, यह विजय कनौजिया ने अपने विचारों…

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दर्द-ए-रूह

अंतर्मन से मिलने वाले सुझाव और सवालों के जवाब सदैव उत्तम ही होते हैं। रूह/आत्मा को जब ठेस पहुंचती है तब शांति प्रदान करने वाली सलाह मन ही देता है। कलमकार खेम चन्द ने इस कविता में रूह के दर्द…

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कुछ पाकर ही लौटा हूँ मैं

सकारात्मक सोच हमारे जीवन को ऊर्जावान बनाती है। हर पहलू में अच्छाई का विचार करें तो हार और जीत दोनों ही पसंद आएगे। हर रोज हम कुछ नया ही सीखते और पाते हैं क्योंकि खोने जैसी चीज तो बनी ही…

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मन की बात

इरफ़ान आब्दी मांटवी ने इन पंक्तियों में अपने मन की बात हम सब से साझा की है। आदर, प्रोत्साहन, संघर्ष और सरलता की बातें हमारा मनोबल बढ़ाने में प्रेरक सिद्ध होती हैं। मैं अपने अश्क में खुद को भिगो रहा…

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अपने पराये

जिन लोगों के बीच हम घिरे होते हैं और जिनसे हमारी दुनिया पूरी सी लगती है उन्हे हम अपना मानते हैं, किंतु यह अपनापन सदैव कायम नहीं रहता। कई बार गलतफहमियां तो कभी विश्वासघात उन्हें पल-भर में पराया बना देते…

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तख़्ती-कलम: यादें पाठशाला की

शिक्षा ग्रहण करने हेतु हम सभी विद्यालय जाते हैं और वहाँ ज्ञान के साथ-साथ अनमोल मित्र और सुनहरी यादें हासिल करते हैं। कलमकार खेमचंद ने अपने स्कूल के दिनों की याद एक कविता में सँजोया है। आप भी पढ़ें यह…

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लिखते रहो- ज़िन्दगी की सच्चाई

जीवन में अनेकों प्रसंग घटित होते हैं जिनमें से कुछ याद रहता है और कई भूला दिए जाते हैं। कलमकार भवदीप कहते हैं कि हमें हर सुनहरे पल की यादें लिखनी चाहिए। खुद को लिखते रहो, खुद के सपने को…

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असमंजस

कभी-कभी साधारण सी बात पर भी असमंजस सी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। साकेत हिन्द की कुछ पंक्तियाँ भी असमंजस की दशा वयक्त करतीं हैं। सामने हैं इतनी राहें इसे चुनूँ या उसे दुविधा है कई मन में। विकल्पों में…

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दर्द आंसुओं का

हम अपनी व्यथा को बयान कर सकते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आंसुओं को भी कष्ट हो सकता है? कवि ऐसा सोच सकते हैं और उनसे बात भी कर सकते हैं। कलमकार खेम चन्द ने आँसुओं का…

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