Category: कविताएं
-
मित्रता दिवस- २ अगस्त २०२०
अगस्त के पहले रविवार को फेंड्रशिप डे मनाया जाता है। इस वर्ष भारत में २ अगस्त को फेंड्रशिप डे (मित्रता दिवस) है और इस अवसर पर हिन्दी कलमकारों की रचनाएँ पढ़ें जो मित्रता को संबोधित करतीं हैं। दोस्त है तू है फूल तू है हार तू है अहले चमन तू!जिस रूप मिलो दोस्त मेरे दिल…
-
सावन का मौसम
आजा परदेसी ~ शुभम पांडेय गगन सावन की बहार है,बाहर गिरी बौछार हैआज मेरे परदेसी,तेरा इंतज़ार है। तुझसे मिलन की आस है, जिया मेरा उदास हैआज मेरे साजन, मिलन की प्यास है। दूर दूर से होती बात है, देखने की आस हैनयनों से गिरते आँशु, लगता है उपवास है। तुमसे मिलने को तड़पे, मेरे जिया…
-
प्रेमचंद- हिन्दी पाठकों के प्रिय साहित्यकार
धनपत राय श्रीवास्तव को हम सभी प्रेमचंद के नाम से जानते हैं, वे हिन्दी भाषा के लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार थे। सभी हिन्दी पाठकों और रचनाकारों ने उनके द्वारा लिखी कहानियाँ अवश्य ही पढ़ीं हैं। साहित्य के इस नायक को नमन करते हुए कलमकारों ने कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत की हैं- आप भी पढ़िए। प्रेमचंद जी प्रेमचंद…
-
कोरोना काल को संबोधित करती कविताएं
कुछ अच्छा भी देखा दुनिया लॉक है पर डाउन नहीं है,आओ देखें,इस लॉक डाउन में कैसा अच्छा देखा। देश विदेश का हाल यहाँ बेजान देखा,बंद दरवाजे बाहर जहाँ वीरान देखा।पर इस बदहाली में भी कुछ ऐसा देखा,पहले जो कभी ना हुआ, कुछ वैसा देखा। देश सम्भालने सबका अनुनय विनय देखा,हौसला जगाने सुर संगीत सुरमय देखा।पुनः…
-
प्रकृति और हम
प्रकृति और प्रेम ~ अनिरुद्ध तिवारी हिलती डोलती हवाओं के साथ बारिश का आनाऔर पेड़ पौधे का मस्त हो जाना,अनुभव करो प्रकृति प्रेम को!ना कोई गिले-शिकवे , ना कोई शिकायत।जैसे झूमती है प्रकृति, अपने तन बदन को भिगोकरबारिश के वक्त, ध्यान से देखना किसी पौधे कोकितना खुश होकर प्रेम को जताने की चेष्टा करती हैठीक…
-
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस – २०२०
प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। World Nature Conservation Day 2020 प्रकृति का सन्देश ~ स्नेहा धनोदकर प्रकृति ये देती संदेशमानव, बदल अपना वेषप्रदुषण को कर कम,आंखे अब करले नमना कचरा फैले सब ओर,कम करदो ध्वनि का शोरपानी को ना व्यर्थ बहाओ,हर माह एक पेड़ लगाओस्वच्छ हुयी है जो धरती,उसे…
-
शिवजी की काव्यमय वंदना
नमो शिव ~ सविता मिश्रा अनादि तू अनंत तूसत्य तू ओमकार तूधर्म तू ग्यान तूसाधू संतो का मान तूहाथ में त्रिशूल धरजटा में गंगधारीमस्तक में सोहे चन्द्रमाजय हो त्रिपुरारीतन पे लपेटे भस्मगले में सर्पमाल हैकालों के भी काल हैशिव शंकर महाकाल है । बस बेल पत्र और एक लोटा जलखुश हो जाते निमिष मात्र मेंदेते…
-
राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को सलाम करतीं कवितायें
मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) जी की पुण्यतिथि पर हिन्दी कलमकारों ने कुछ कविताएं उनके जीवन और व्यक्तित्व को बताने की लिए लिखी हैं। ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ~ मनीषा कुमारी नहीं था वह हिन्दूना केवल मुसलमानउसके…
-
मैं उसे शिद्दत से लिखता हूँ
मैं आज भी उसे हाँ! सिर्फ उसे हीबड़ी शिद्दत से लिखता हूँ। पूछा था किसी ने एक बार हँसकर मुझसेकि उसे पाने के बाद तो नहीं लिखोगे तुम?जब हो जाएगी तुम्हारी तलाश पूरीआस पूरी, उसमें होकर मुकम्मलफिर तो नहीं लिखोगे तुम।मैंने कहा नहीं, मैं उसे कल भी लिखता थामैं आज भी उसे हाँ! सिर्फ उसे…
-
सावन: तीज – त्योहार – बरसात – बाढ़
कलमकारों द्वारा रचित श्रावण मास की कुछ कविताएं पढिए। देखो आया सावन झूम के ~ शिम्पी गुप्ता आसमान में छाए बदरा घूम केदेखो, देखो आया सावन झूम के सावन में जब कारे बदरा आते हैंसबके मन को बहुत रिझाते हैंघूम-घूम के जब मँडराते हैंआसमान में फिर ये छाते हैंलाते हैं ये सबके संदेशे दूर केदेखो,…
-
COVID19 के दौरान लॉकडाउन
मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है ~ अतुल कृष्ण बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथबसेरा बहुत दूरवतन से हो तो जाता हैपर जड़ों में की घर की यादऔर सोच में मिट्टी की महक बाकी हैयही वो एहसास है की”ज़िंदा हूँ” ना ही वो बचपन भूलता है –ना ही बिताये पल !बस अब फ़ोन ही…
-
हिन्दी दोहे
श्रृंगार के दोहे नील कमल से नैन हैं, पलकें पात समान।मधुर अधर मकरन्द हैं, रम्भा रूप समान।। चन्द्रानन सा गोल है, पूनम सी है देह।मंगल सी बिंदिया लसे, केतू हुआ विदेह।। स्वर्णलता सी देह पर, मधुर अधर से फूल।दिव्य फलों से दिख रहे, कर्ण रहे जो झूल।। रजताभा से माथ पर, अलक गयी है छूट।बंक…
-
सावन का महीना और बरसात
बरसात की बूदें प्रकृति में जीवन का संचार करतीं हैं। सावन का महीना बारिश के मौसम की शान है, इस मौसम में प्रकृति का सौन्दर्य अपने अलग रूप में होता है। हिन्दी कलमकारों द्वारा सावन के मौसम का अनूठा वर्णन किया गया है, उनकी स्वरचित कविताएं पढिए। सावन का महीना ~ सोनल ओमर बंजर धरती…
-
विश्व जनसंख्या दिवस (११ जुलाई २०२०)
विश्व जनसंख्या दिवस- (World Population Day) प्रतिवर्ष ११ जुलाई को जाता है। जनसंख्या सम्बंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जागृत करना ही विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य है। इस वर्ष हमारे हिन्दी कलमकारों ने भी इस अवसर पर अपने मन के भाव इन कविताओं मे प्रकट किए हैं। १) जनसंख्या हर बार बिना पूछे तुम,अपना रूप…
-
विजय कनौजिया की दस कविताएं
अम्बेडकर नगर से कलमकार विजय कनौजिया ने अनेक कविताएं साझा की हैं, आइए उनकी १० विशेष रचनाएँ पढ़ें। १) मुझको तो राहत हो गई है सिसकियों से आज मेरीदोस्ती सी हो गई हैअब एकाकीपन में भीरहने की आदत हो गई है..।। खुद को खुद से ही मनाऊंमाने न फिर भी मनाऊंरोते-रोते आज फिरहंसने की आदत…
-
अशोक शर्मा की दस कविताएं
रक्षा मंत्रालय से सेवानिवृत्त, साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि रखने वाले कलमकार अशोक कुमार शर्मा (वशिष्ठ) की दस कविताएँ हिन्दी-काव्य प्रेमियों के लिए प्रस्तुत हैं। १) मुझे कभी भूलना नहीं मान अपमान मैं भूलता नहींदंभ और घमंड से मैं कभी फूलता नहींकिसी प्रकार के नशे में मैं कभी झूमता नहींअहं के सरूर को कभी चूमता…
-
बारिश की कहानी लिखती कलम
बरसात की बातें हिन्दी कवियों ने बड़ी खूबसूरती के साथ इन कविताओं में बताई है। यह मौसम जीवन में स्फूर्ति और पर्यावरण में हरियाली भर देता है। तपती धारा को शीतलता प्रदान करनेवाली वर्षा ऋतु की कविताएं इस पृष्ठ पर संकलित की गईं हैं, आइए इन्हें पढ़ें। वर्षा ~ अंजनी चौरसिया दूर गगन में बदरा…
-
भारत की सीमा के वीर जवान
सरहद पर देश के रक्षक वीर जवान तैनात रहतें हैं और इनकी वीरता की गाथाएँ जन-जन में देशभक्ति और शौर्य की ऊर्जा का संचार करतीं हैं। हिन्दी कलमकारों ने भारतीय सेना, वीर जवानों और शहीदों के प्रति अपनी भावना इन कविताओं अभिव्यक्त की है, आइए इन कविताओं को पढ़ें। शहीदों का सम्मान ~ पवन सैनी…