छोटी सी मदद

आज समाज में हर इंसान को चाहिए कि वह परिचित/अपरिचित सभी जरूरतमंद की सहायता करे, उन्हें बेसहारा न महसूस होने दें। भाईजान सुनो! चावल नहीं है घर में, भूखा है मेरा बच्चा दो दिनों से। मिल जाएगी बड़ी राहत हमें,…

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अंतिम सफर- मेरी यात्रा

हमारा जीवन अनेक संघर्षों और कसौटियों से भरा होता है। सभी को उनसे पार पाते हुए आगे बढ़कर अपना सफर तय करना ही पड़ता है। कलमकार खेम चन्द जी ने इसी सफर को काव्यात्मक ढंग से प्रस्तूत किया है। टूट…

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तुम्हारा मैं

रिश्तों को निभाने में अहम को दरकिनार कर देना चाहिए। हमारा 'मै' कई बड़ी समस्याओं की जङ है। एक अच्छा इंसान खुद को कभी बड़ा नहीं मानता, वह तो सबकी सुनता और प्रेम भाव रखता है। तुम अपने मैं में…

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अपने मुँह मियां मिट्ठू

तारीफ सभी को अच्छी लगती है, लेकिन खुद ही खुद की बड़ाई नहीं। जब अन्य लोग किसी के गुणों की बेझिझक प्रशंसा करते हैं तो सचमुच वह बेहतरीन इंसान होता है। नीरज त्यागी उन लोगों से कुछ कह रहे हैं…

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भाग दौड़ की जिंदगी

भाग दौड़ की जिंदगी- अमित मिश्र की स्वरचित रचना आजकल की व्यस्त जीवन शैली में छूट जाने वाली कुछ बातों को बताती है। कुछ समय स्वयं के लिए निकालना बहुत आवश्यक होता है। इस भाग दौड़ की जिन्दगी में रंगत…

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प्यार को जताने से क्या फायदा

हम सभी अक्सर उन कामों से बचना चाहते हैं जिससे कोई फायदा नहीं हो। इसी प्रकार राघवेंद्र ने भी प्रेम से जुड़ी हुई कुछ बातों का जिक्र अपनी कविता में की है। प्यार को जताने से क्या फायदा। बेवजह मुस्कराने…

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मैं और तुम

कलमकार शहंशाह गुप्ता की कविता "मैं और तुम" पढ़ें, जिसमें स्वाभिमान, विरह और प्रेम की झलक है। कविताओं के जरिए हम उन बातों को भी जता सकते हैं जिन्हें कहने से कतराते हैं। मुझे आँखों में भरने की कोशिश न…

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उम्मीदों का वृक्ष

उम्मीद रखनेवाले आशावादी लोग हमेशा सफलता के लिए प्रयासरत रहते हैं। उम्मीद और कर्म के बल पर ही कठिन कार्य भी निपटा दिए जाते हैं। उम्मीद रूपी पेड़ हमेशा फलदायी होता है। नीरज त्यागी ने उम्मीदों का वृक्ष कविता में अपना मत…

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कुछ तुम कहो कुछ हम कहें

कलमकार रज़ा इलाही के अनुसार कुछ तुम कहो कुछ हम कहें- इससे किसी भी प्रकार की गलतफहमी नहीं रहेगी और आपस में प्रेम पनपता रहेगा। चाहतों को एक नया मोड़ दें वादों को एक नया हर्फ़ दें दिल की सदाओं…

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तेरा प्यार बनाम मेरा यार

दोस्त और प्यार में किसी एक का चयन करना मुश्किल जरूर होता है लेकिन यदि थोड़ा सोच विचार कर किसी निर्णय पर पहुंचे तो आसान होता है। समीक्षा सिंह ने कलमकार आशीष तिवारी की एक रचना साझा की है जिसकी…

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तेरे प्यार में

प्रेम को अनुभव कर पाना आवश्यक है। अधिकांशतः लोग इसे महसूस करने के लिए सुनना/जताना पसंद करते हैं, जिसमें वे अतिशयोक्तियों की एक बड़ी श्रृंखला प्रस्तुत किया करते हैं। अमित मिश्र ने प्यार में किए जाने वाले कुछ वादों की…

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पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ

आज के समय में पेड़ हमारे लिए कितने महत्तवपूर्ण हैं यह बात किसी से हुई नहीं है। वृक्ष काटे जा रहें हैं जिसका हर्जाना हम सभी किसी न किसी रूप मे भुगत रहे हैं। प्रकृति से छेड़छाड़ इंसान को भारी…

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रातें तुम्हारी बातें

खेम चन्द ने अपने कुछ खयालात इस कविता में जाहिर किए हैं। रातों से बात करने का मंजर पेश किया है, आप भी पढें उनकी लिखी गई कविता - 'रातें तुम्हारी बातें'। गुजरती नहीं है ये रातें मैं तो यूं…

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तन्हा-तन्हा सा हूँ मैं

भीड़ हो या तनहाई, जब मन उदास होता है तो हर जगह अकेलेपन का अनुभव होता है। और यह अकेलापन किसी को काटने को दौड़ता है तो कोई इसे पसंद भी करता है। कुमार किशन कीर्ती ने भी अपने विचार…

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तेरी याद आई है

यादें तो किसी भी पल आप को भावुक बना देंगी, इनका कोई भरोसा नहीं है कि ये कब आपको अपनी गिरफ्त में ले लें। अमित मिश्र ने इसी दशा को संबोधित करते हुए चंद पंक्तियाँ लिखी हैं- "तेरी याद आई…

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वो काली रात

गुनाहगार न होते हुए भी कभी-कभी हमपर लोगों द्वारा आरोप लगा दिए जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति की मनोदशा क्या होती है - यह कलमकार खेम चन्द जी अपनी कविता 'वो काली रात- झुठ' में बखूबी लिखते हैं। कर…

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गल्तियाँ

जब आप सफलता के बहुत करीब हों और एक किसी कारणवश सफल न हों पाएँ, तब उस कमी पता चलता जो बाधक बनी और एक तरह से पछतावा सा होने लगता है।  साकेत हिन्द की इन पंक्तियों में इसी मंज़र…

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काले बादल आयेंगें

जब हम गर्मी की तपन से खीझ उठते हैं तो बारिश का माहौल बनाते काले बादलों का बेसब्री से इंतजार रहता है। काले बादल आएंगे- यह आश्वासन कवि मुकेश अमन अपनी कविता में दे रहे हैं। आसमान में काले बादल,…

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नफरतों के मीनार

कलमकार खेम चन्द ने आज अपनी एक रचना ‘नफ़रतों के मीनार’ प्रस्तुत की है। रिश्तों में गलतफहमियां अक्सर दूरी/ नफरत का कारण बन जाती हैं। नफरतों के मीनार बनाते रहे उसने लूटी महोब्बत और हम लुटाते रहे। कभी मिलेगी खुशी…

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उम्र भर चोट सहना न आसान है

नियमित पाठक निशा पाण्डेय ने यह कलमकार की रचना साझा कर बताया है- "उम्र भर चोट सहना न आसान है: यह कविता मेरी रचना नहीं है, इसे मैंने एक विद्यालय की किसी पत्रिका में पढ़ा था। इसके रचयिता का नाम…

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