बिन प्यार सब रंग फीका है

हमने तो बस यही सीखा है, बिन प्यार सब रंग फीका है।दिल से दिल जब मिलता है, प्यार का रंग तब खिलता है।खाके झूमे सब भांग धतूरा, बिन प्यार सब रंग अधूरा।प्यार के रंग में रंग जाना है, दुश्मन को…

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प्रेम-भाव

उसके चेहरे से जैसे झलूकता था नूर, पास बैठी थी मुझसे नहीं थी वो दूर। उसके नज़रों से जब मेरी नज़रें मिलीं, दिल में मेरे मोहब्बत की कलियाँ खिलीं। सामने बैठी थी गेसुओं को सवांरती हुई, चुनर उसकी थी हवा…

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जी हाँ जनाब मैं अस्पताल जाता हूँ

जी हाँ जनाब मैं अस्पताल जाता हूँबचपन से ही इस प्रतिकिया को जीवित रखता हूँ,वहीं तो हुई थी मेरी प्रथम पैदाइशी चित्कार वहीं तो हुआ था अविरल जीवन का मेरा स्वीकारइस पवित्र स्थल का अभिनंदन करता हूँ मैंजहाँ इस्वर बनाई…

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हम कैसे शख्स हैं

बढ़ रही हैं मुश्किलें, पहचानने में हमें हम कैसे शख्स, खुद ही नहीं जानते। आरजू और तम्मानाएँ लिए बैठे थे, उन्हें हमपर था यकीं उठ गया कब खुद से यकीं, यह हम नहीं जानते। खुद से ही खफ़ा होते हैं,…

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कर्मवीर

विघ्न-बाधाओ को देखकरकर्मवीर घबराते नहींअसफलताओं को देखकरकर्मवीर कार्य छोड़ते नहींगुणगान करता इतिहास उनकाजो दुःखो से करते हैं संघर्षउनका इतिहास क्या गुणगान करेजो जीवन की युद्ध भूमि से भाग जाते हैंजीवन एक युद्ध भूमि हैजहां जितना तुम्हारा धर्म हैऔरों के लिए…

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मैं और मेरे एहसास

अभी तक जिंदा हूँ कुछ आस अभी बाकी है, थक गया हूँ फिर भी मुस्कान अभी बाकी है। कायम है दोस्ती क्योकि ईमान अभी बाकी है,मौसम जैसे बदला नहीं सच्चाई अभी बाकी है। जानता हूँ दर्द उसका जख्म अपने भी…

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मेरी इच्छा

इच्छा यही है की पंछी बनकरविचरण करूँ इस गगन मेंना कोई डर, ना कोई अभिलाषाहो मेरे मन मेंइच्छा यही है की बन जाऊंबादल और बरसू उस वसुधा पर जहाँ....जहां केवल प्यास हो, औरउस प्यास में मुझे ही पाने की इच्छा होइच्छा…

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मैं अभी हारा नहीं हूँ

जीवन की आपाधापी में हम कई बार थक जाते हैं, निराशा हमपर हावी हो जाती है और स्वयं को टूटता हुए देखकर भी हमें हार नहीं मनानी चाहिए। साकेत की इस कविता में आशावादी होने की सलाह दी गयी है।…

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एक लड़की ऐसी है जो बचपन में बड़ी हो गई

एक लड़की ऐसी है जो बचपन में बड़ी हो गयी,शोर से इस रोज़मर्रा में अनसुनी सी ध्वनि हो गयी।हल्के फुल्के कंधों पे उत्तरदायित्व से सनी हो गयी,भागते से जीवन में रुकी सी खड़ी हो गयी।सिलवटों से छुटपन में क्षण में…

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हम सब हैं आधे-अधूरे

फिल्म अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को भी लिखना पसंद है। उन्हें कवितायें बहुत पसंद हैं और कई ख़ास मौकों पर अपने विचारों और भावों को वे लिखतीं हैं। सोशल मीडिया पर उन्होने अपनी यह कविता साझा की थी - हम सब…

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कुमार किशन कीर्ति, बिहार

साहित्य और संगीत में मुझे काफी रुचि है साहित्य से जुड़ी किताबों को पढ़ना और देश की राजनीतिक व्यवस्था में रुचि है। मेरी कलम संपर्क नाम: कुमार किशन कीर्तिमूल नाम: सोनू कुमार पाण्डेयजन्मदिन: ९ मार्च १९९०जन्मभूमि: बिहारकर्मभूमि: बिहारशिक्षा: ग्रेजुएशन (हिंदी)…

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अमित कुमार मिश्र, मुम्बई

मैं हमेशा सादा जीवन उच्च विचार में यकीन रखता हूँ, आधुनिक युग में जन्म लेने के उपरांत भी मैं पुरानी सभ्यताओं का पूरा पालन करता हूँ। मुझे सामाजिक कार्य में हिस्सा लेना और लोगों की सहायता करना अच्छा लगता है,…

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ईश्वर की अंश होती हैं माँ

ईश्वर की अंश होती हैं माँबच्चों के लिए कितना कष्ट सहती हैं माँउसके नयन खुद भीग जाते हैं जबबच्चों को रोते देखती हैं माँमुझे नहीं पता ईश्वर कैसे होते हैंलेकिन, मेरी माँ तेरी शक्ल जब देखता हूँतब लगता हैं की…

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इंतज़ार

खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें,अभी तो सांसे रुकी हुई हैं।अभी से दिल बेकरार है इतना,अभी तो नज़रें मिली नहीं हैं।। अभी तो मिलना मुमकिन नहीं है,अभी तो वो हैं नाराज बैठे।उन्हें है जिद की मनायें उनको,अभी तो आँखे खुली…

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तसल्ली

तसल्ली! तुम भी क्या चीज हो सच कहूं तो बिल्कुल अजीब हो मुश्किल से तो मिलती होन मिलो तो बडी बेचैनी हो मिलो तो खूब खुशी हो। तसल्ली! तुम कहां रहती हो जब भी किसी से मिलती हो उसे बड़ी…

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इंतज़ार

सूनी सूनी सी यह शाम, कर रही है तेरा इंतजार।जब से तुम गए हो, खो चुकी है यह रंगत हज़ार।। न जाने दिन वो कब आयेंगे, जब हम होंगे एक साथ।मिट जाएँगी दूरियां सब, होगी फिर सुहानी हर शाम।। बिन…

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सबेरा

हम सभी को हर सुबह का स्वागत प्रसन्न मन से करना चाहिए। दिन की शुरुवात यदि अच्छी हो तो दिन सुफल होता है। साकेत हिन्द की पंक्तियाँ आलस को तजने का संदेश देती हैं कर दिया है सबेरा, सूरज ने…

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उम्मीद

उम्मीद के आँगन में,हमारा जीवन गुजारना,एक मज़ाक सा लगता है।हम उम्मीद क्यों लगाए बैठे हैं?जबकि उम्मीद केना-उम्मीद होने का डर रहता है। हम उम्मीद क्यों रखते हैं?जब ना-उम्मीद, उम्मीद की हमसफर है।उम्मीद के साये में हमेशा,खुशियाँ और मुस्कुराहट ही नहीं…

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मां की ममता

माँ की ममता से बढ़कर, कुछ चीज नहीं है प्यारी।तूने मुझको जन्म दिया है, लगती है जग से प्यारी।। तूने कितनी पीड़ा झेली, फिर मुझको जनम दिया।पल भर भी तुमने मुझको, खुद से नहीं दूर किया।। तेरी महिमा है निराली…

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