पर्यावरण दिवस २०२०
प्रकृति का संतुलन बनाने और प्रकृति से मिली सम्पदाओं के सरंक्षण करने के लिए हमें आगे बढ़ना चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आइए हम सभी पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लें। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे…
प्रकृति का संतुलन बनाने और प्रकृति से मिली सम्पदाओं के सरंक्षण करने के लिए हमें आगे बढ़ना चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आइए हम सभी पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लें। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे…
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आइए हम सभी पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लें। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन १९७२ में विश्व पर्यावरण…
विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर बच्चों को साइकिल की महत्ता बताने के साथ-साथ उनको गुनगुनाने के लिए विनय कुमार वैश्कियार की यह कविता पढ़ें... मेरी प्यारी साइकिल मेरी अच्छी साइकिल, मेरी प्यारी साइकिल। चलो घूम आयें, कुछ घूर आयें।…
जिस घर की चारदीवारी में मिल जाये एक संसार वही घर कहलाता है एक सुनहरा परिवार जिस घर में माँ बच्चों को संस्कारों से सजाती है बुराई पर अच्छाई की जीत समझाती है जिस घर में बच्चे पिता को भगवान…
जहां केवल अपने ही अपनों का प्यार होता है एक छोटे से ही घर में खुद का पूरा संसार होता है हां वह परिवार होता है । जहां सुबह से लेकर शाम तक केवल खुशियों के लिए प्रयास होता है…
अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस (International Family Day 2020) के अवसर पर परिवार से जुड़ी कई रोचक जानकारियाँ पढ़ें। दुनिया भर की खबरें आज इंटरनेट के माध्यम से हम सभी को मिलती रहती हैं, हो सकता है आपने भी इन खबरों को…
मेरा परिवार सुखी परिवार हे प्रभु तेरा करूँ मै आभार अशांति की जगह पले प्यार हर पल चले प्रेम की वयार मेरा परिवार मेरी आन सदा करूँ मैं इस पर मान मेरा गरूर और मेरी शान खुशियों की करवाता पहचान…
जीवन को समृद्ध करने के लिए, जब परिवारिक इकाई, समाज ने बनाई। फिर क्यों? आज के परिवेश में, घर बना कर, परिवार बनाकर। जिंदगी बस, अपने-अपने, कमरे तक ही समाई।। जबकि जिंदगी को, समृद्ध करने के लिए, जब हम और…
मुस्कान अपनी बिखेर दो न, ओ प्यारी नर्स! ग़म को खुशियों से घेर दो न, ओ प्यारी नर्स! हर मरीज़ की पीड़ा हर लो न, ओ प्यारी नर्स! नवजीवन का उसको वर दो न, ओ प्यारी नर्स! संकटमोचन का रूप…
माँ के प्रेम को किसी भी एक दिन में बांध पाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन फिर भी मदर डे मनाया जाता है। जिससे बच्चा माँ को प्यार और सम्मान दे सके जिसकी वह हकदार होती हैं। भारत देश में…
मां! मुझे जीवन भर, तेरे आँचल का आश्रय चाहिए आँचल तले स्वर्गीय सुख का, मां! वही अनुभव चाहिए अनुपम सुख और शांति, मां! केवल तुझसे है सब कुछ तेरे आँचल तले, मां! प्रेममय होना चाहिए। कठोर पीडा़ में भी, मां!…
तू ही मेरी पूजा, तू ही मेरा मन्दिर है ममता की खान, तू प्यार का समन्दर हैविपत्तियों मे तू शिखर के समान है'माँ' तेरी चर्चा जग मे महान हैमुझको 'माँ' ने संस्कार दिए, सिखलाया कोई ऐब नहींमुझको मेरी 'माँ' से…
माँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीआगे चल कर तुम्हे तम्हारी माँ ही याद आयेगीसीख लोगी गर माँ से तुम दुनीया तुम्हे कभी ना डरा पायेगीनही सूनोगी ताने तुमससुराल मे भी मुस्कुराओगीमाँ है वोतुम्हे हर गुण सिखायेगीलोक लाज कि बाते भी…
जिस देवी ने है मुझे लिखा, उस पर मैं क्या लिख सकता हूँजिस देवी से सीखा पढ़ना, उस को कितना पढ़ सकता हूँजब आँख खुली तो माँ ही थी, उसकी साँसों से जन्मा था बस उसको ही समझा था मैंने,…
ममता की माटी से, स्नेह के जल से,आदर के परिश्रम और आशीर्वाद के फल से,प्रभु ने जो दीप जलाई,वो है माई- वो है माई|नो माह तक हमें खुद मे रखा,ध्यान पूरे परिवार का रखा,न जाने कई पीड़ा की मार है…
मुसीबतों में भी हरदम मुस्काती।प्यार से सिर मेरा सदा सहलाती।। खुद भूखी, भरपेट भोजन कराती।सदन उपवन सा अपना महकाती।। कुशल प्रबन्धन से गृहस्थी चलाती।पिता की डांट से सदा हमें बचाती।। बुरी नजर का काला टिका लगाती।सारी बलायें हमारी अपने सर…
अब मैं रुठता नहीं, न देर तलक होता हूं।वो स्पर्श औषधि थी,गोद जन्नत... बस स्मृतियां शेष है।हां मां जब आंखें नम हो मेरी आया करो।ख्यालों में बस जाया करो।हां मां आया करो।जब नींद न आए तो वहीं लोरी की मुखड़े…
बहुत मन करता है तेरी आंचल में रहने का तेरी लोरी सुनने के लिए बैचन रहती हूं तेरे बिना इस दुनिया में कोई पूछता ही नहीं तेरी हाथो से खाने का मन करता है पर तू कभी आती ही नहीं…
मुझे आज भी याद है मांजब उंगली पकड़कर चलाने परअचानक बीच में छोड़कर मुझेखुद के पैरों पर खड़ा होना सीखती थी।मुझे आज भी याद है मांतेरी ममता का मैला ऑचलजिससे सुरक्षा देकर मुझेहर कष्टो से लड़ना सिखाती थी।मुझे आज भी…
मां ने इस दुनिया में लाया।मां ने ही दुनिया दिखलाया।मां ने ही चलना सिखलाया।मां से ही तो है यह घर बार,मां ना हो तो लागे सब कुछ बेकार।मां है तो है ये संसारमां के बिना सब कुछ बेकार।कहने को तो…