Category: विशेष दिन

  • वो नाचती थी

    वो नाचती थी

    जीवन की,हकीकत से,अनजान। अपनी लय में,अपनी ताल में,हर बात से अनजान। वो नाचती थीसोचती थी नाचना ही जिंदगी है।गीत-लय-ताल ही बंदगी है।नाचना ही जिंदगी है।नहीं शायदनाचना ही जिंदगी नहीं है। इंसान हालात से नाच सकता है।मजबूरियों की,लंबी कतार पे नाच सकता है। लेकिन अपने लिए,अपनी खुशी से नाचना। जिंदगी में यहीं,संभव-सा नहीं। हकीकतें दिखीपाव थम…

  • आया महीना रमज़ान का

    आया महीना रमज़ान का

    आया महीना रमज़ान का खुशियों और अज़ान का रोज़ा रखें मिलकर, सब दुआ करेंखुशियों के हिंदुस्तान का इस बार कुछ अलग करें देश के साथ चलें इस संकट से सब मिलकर लड़ें घरों में ही नमाज़ पढ़ें नहीं मस्जिदों में यूँ जुटें जरूरतमंदों की मदद करें ये दिन भी गुजर जायेंगे रोज़ा, सहरी और नमाज़…

  • परशु के राम- परशुराम

    परशु के राम- परशुराम

    परशुराम जयंती हिन्दू पंचांग के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे “परशुराम द्वादशी” भी कहा जाता है। अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन दिये दान कर्म पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता। अक्षय तृतीया से त्रेता युग…

  • शस्त्र और शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान भगवान परशुरामजी

    शस्त्र और शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान भगवान परशुरामजी

    युग और काल से परे शस्त्र और शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान भगवान परशुरामजी भगवान नारायण के षष्टम अवतार परशुरामजी को माना जाता है । भगवान के आवेशावतार के रूप में भी इन्हें जाना जाता है इसी कारण इनका स्वभाव अतिक्रोधी था । सृष्टि में वैदिक संस्कृति को तदवत बनाए रखने में भगवान परशुराम जी का…

  • परसुराम जयंती

    परसुराम जयंती

    भारत भूमि पर अवतरित हुए एक वीर महान पापियों का विनाश करने विष्णु अवतारी परसुराम भृगुवंशी के जमदग्नि का लाल बड़ा ही विकराल था परसा धारण करने वाला बल में बड़ा ही विशाल था एक्कीस बार अधर्मी राजाओं का धरती से विनाश किया पाप मिटा कर उस वीर ने माँ वसुधा का उद्धार किया भीष्म…

  • भगवान परशुराम को समर्पित पँक्तियाँ

    भगवान परशुराम को समर्पित पँक्तियाँ

    जमदग्नि के तेज पुंज जय महावली नर धारी तुम दया धर्म के रखवाले और दुष्टों के संहारी तुम माना क्रोध बहुत है लेकिन पाप नाश आवश्यक तुम अखिल विश्व के स्वामी हो नारायण अवतारी तुम कर्ण द्रोण हाँ भीष्म गुरु, ज्ञान औऱ विज्ञानक तुम धर्म ध्वजा फहराने वाले, संस्कार विस्तारक तुम महादेव से फरसा पाकर,…

  • इश्क़ करना किताबों से

    इश्क़ करना किताबों से

    तुम इश्क़ करना और जरूर करना पर किताबों से। इंसान से किये तो बर्बाद हो जाओगे। किताब से किये तो आबाद हो जाओगे। दिल ऐसे टूटेगा वीराना भी ना रहने देगा। खुद खुदा हो जाएगा, तुझे इंसान भी ना रहने देगा तुम इश्क़ करना और जरूर करना पर किताबों से। बस अपना कर्तव्य करो और…

  • किताबें

    किताबें

    किताबें, वो सच है जो हमें केवल, शिक्षित नहीं करती जीवन जीने का, सलीका बताती है किताबों का हर एक, पन्ना जीवन का सार, देती है। किताबें! हर उस सच से हमें वाकिफ़, करवाती है जिसके विषय में, जानने की हममें, ललक है किताबें ही, वो ज़रिया है जो, हमें जीवन के इतिहास, भूगोल, गणित,…

  • विश्व पुस्तक दिवस

    विश्व पुस्तक दिवस

    आज विश्व पुस्तक दिवस है, इसकी महत्ता सनातन युगों से चली आ रही है. आज भी प्रासंगिक है और अनंत युगों तक प्रासंगिक रहेगी. पुस्तके ज्ञान पुंज है, ये जहाँ रहेगी, स्वत: ही स्वर्ग वह स्थान बन जाएगा. पुस्तकों में युगों युगों की ज्ञान राशि संचित पड़ी है, तभी तो वेदों में कहा है. आ…

  • ज्ञान की भंडार हैं किताबें

    ज्ञान की भंडार हैं किताबें

    सभी प्रश्नों के उत्तर मिलते पढ़कर सबके चेहरे खिलते हर कोई ही मग्न है इसमें ज्ञान की है भण्डार किताबें। बचपन में कविता है भाती बहुत सी ऐसी कहांनी आती बच्चों को इक सीख है देती रंग भरी सारी वो किताबें। गणित से लेकर हिंदी पढ़ते इन्हीं से हमें भौतिकी आती रासायन मन को है…

  • पढ़ना सीखें

    पढ़ना सीखें

    घर पर बैठे बैठे सुस्ताओ नहीं, पास आओ मेरे घबराओ नहीं! चलो आज कुछ नया करें हम, किताबों से भला क्यों डरें हम! विद्या जगत की रोचक बातें, आओ आज हम गढ़ना सीखें! चलो मित्र आज हम मिलकर, बस खेल खेल में पढ़ना सीखें! हिन्दी अंग्रेज़ी दोनों भाषा ऐसी, दोनों लगे नई कोई पहेली जैसी!…

  • किताबों की दुनिया

    किताबों की दुनिया

    किताबों की दुनिया कितना अच्छा वक्त जब रहता था इंतज़ार एक नई किताब आने का छोड़ के सारे काम किताब नई पढ़नी थी बिना पढ़े न दिन में चैन था न रात में आराम अब तो वो समय ही कहाँ वाचनालय सुना है पुस्तकालय भी सुना है किताबें है बंद अलमारी में लगी है उन…

  • आओ चलें पाठ करें

    आओ चलें पाठ करें

    किताब स्वयं में है संसार आओ चलें पाठ करें किताब नहीं कोई व्यापार, आओ चले पाठ करें किताब की जैसी मां मेरी है जो कहती पल में, सब तेरी है इसमें नदियां है व इसमें झील चलना होता है लंबे मील शाख व पत्ते पेड़ भी रहते भौवरें गुन गुन गीत भी कहते सागर की…

  • मेरी किताबें

    मेरी किताबें

    किताबों पर मैं जाऊं वारी-वारी इसकी पंक्ति-पंक्ति जैसे हो कोई मेरी सवारी जिस पर बैठ मने घूमी दुनिया सारी किताबों ने मेरी जिंदगी संवारी इसके शब्दों की लीला है, न्यारी। इसमें होकर सवार कभी मैं घूमी दुनिया पुरानी तो मने बुद्धा की लुम्बनी जानी चाणक्य की नीति पहचानी एकलव्य की सुनी कहानी किताबों में हैं…

  • ये किताबें

    ये किताबें

    वर्तमान को, भविष्य को भूत के इतिहास को सजोये हुई है ये किताबें। वतन के परवानों को प्रेम के दीवानों को सजोये हुई है ये किताबें। वेदों को, शास्त्रों को बड़े-बड़े महाकाव्यों को सजोये हुई है ये किताबें। कृष्ण के मीरा को तुलसी के राम को सजोये हुई है ये किताबें। रसो को, अलंकारों को…

  • पावन धरती

    पावन धरती

    हे सुचित, पुलकित, हर्षित, मनभावन व पावन धरती।“मां” तुम ही सबके दु:ख दर्द को समय समय पे हरती।। सबके घर-द्वारे, अन्न-धन के, तुम ही भण्डार हो भरती।कृषक के कर्म की कल्पना को, तुम ही साकार हो करती।। गगन तुमसे, अग्नि तुमसे, है शीत मौसम-पानी तुमसे।तुमसे है अस्तित्व हमारा, है यह बुढ़ापा-जवानी तुमसे।। ऐसी असीम ममता…

  • धरती का श्रंगार है पेड़

    कलमकार डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी की सुपुत्री शुभांगी शर्मा ने पृथ्वी दिवस यह कविता लिखी है, आइए इस नन्हें कलमकार की यह रचना पढ़ें। पेड़ धरती का श्रंगार है, पेड़ जीवन का आधार है।सर्दी गर्मी वर्षा सब ऋतुओं में फल फूल देते।। पेड़ बड़े हितकारी, सबके पालनहार है।छाया में मनुज पशु पक्षी, बैठ…

  • पृथ्वी का मान बढ़ाते हैं

    पृथ्वी का मान बढ़ाते हैं

    है पृथ्वी जीवन पृथ्वी माताये ही हमारी भाग्य विधाता जन-जीवन शून्य बिन इसकेहै ये ही हमारी जीवन दाता ये है उद्‌गम ये ही अंत हैसारी ऋतुएं सह बसंत है पृथ्वी है अनाज की दातापृथ्वी से ही हम जीवंत हैं ये ही वृक्ष है, ये ही हवा हैइसके बिन बे-असर दवा है पृथ्वी के बिन कोई…

  • पृथ्वी का संतुलन बनाओ

    पृथ्वी का संतुलन बनाओ

    मिलकर इक अभियान चलाएं“पेड़ लगाओ प्रकृति बचाओ”आस-पास हरियाली दिखेकुछ ऐसा वातावरण बनाओ।आने वाले उस कल के लिएजिम्मेदारी अपनी सभी निभाओ।आज पीढ़ी समझो इसकोप्रकृति बचाओ जीवन पाओ।उपहार स्वरूप में वृक्षों को दोप्रदूषित होने से शहर बचाओ।वातावरण को शुद्ध रखना हैहरियाली सब मिल करके बढ़ाओ।अपनों का हो सुनहरा भविष्य“पृथ्वी का संतुलन बनाओ”। ~ साक्षी सांकृत्यायन

  • आओ बच्चों मिलकर

    आओ बच्चों मिलकर

    आओ बच्चों सब मिलकर लगायेंहरे-भरे पेड़-पौधा और उपवनअमर रहे पेड़-पौधा और उपवनप्राणियों के लिए विश्व बने महान। हम सदा यहीं करते रहे पुकारउनसे लोगों को मिलते रहे प्यारउपवन होते हैं माँ-बाप के समानउनका रक्षा करों अब हर इंसान। पेड़-पौधा से मिलते हैं हमें शिक्षाहरपल करते रहेगें हम उनकी रक्षाउपवन हैं धरती का मोती, भूषणसदा जन…