इस लाॅकडाउन ने बहुत कुछ हम सभी को सिखा दिया है। तालाबंदी कठिन समय है लेकिन बहुत सहनशक्ति दे चुका है। यह सब हमारी बेहतरी के लिए ही है, कलमकार विजय कनौजिया जी कहते हैं कि इसने तो अकेला रहना भी सिखा दिया।
चार दिवारी में रहकर
चुप-चुप सा रहना सीख लिया
दीवारों से हुई दोस्ती
तन्हा रहना सीख लिया..।।लॉक डाउन की परिस्थिति ने
सबका हंसना छीन लिया
ऐसे हालातों में रहकर
मैंने जीना सीख लिया..।।जीवन की कीमत अब जाना
अपनों का अपनापन माना
भूले बिसरे रिश्ते को
माधुर्य बनाना सीख लिया..।।परोपकार का धर्म सर्वोपरि
पाप पुण्य का अंतर जाना
मानवता का भाव जगाकर
धर्म निभाना सीख लिया..।।शहरी जीवन में रहकर हम
भूल गए थे गांवों को
आज पड़ी जब विपदा सब पर
गांव में रहना सीख लिया..।।धर्म ग्रंथ की बातें भी अब
सुनने में अच्छी लगती हैं
हर संकट प्रभु राम हरेंगे
राम नाम अब सीख लिया..।।
राम नाम अब सीख लिया..।।~ विजय कनौजिया