७४वाँ स्वतंत्रता दिवस- १५ अगस्त २०२०

७४वाँ स्वतंत्रता दिवस- १५ अगस्त २०२०

कोरोना जैसी घातक महामारी से पूरी दुनिया प्रभावित है और इस कारण हम स्वतंत्रता दिवस के पर्व को धूम-धाम के साथ मनाने से वंचित हैं। हमारे देश के हिन्दी कलमकारों ने अपनी भावना को कविताओं में लिखा है- स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशप्रेम, तिरंगे का सम्मान, शहीदों का स्मरण और आजादी के गीत लिखकर यहाँ प्रस्तुत किए हैं।

तिरंगा

देश की आन बान और शान है,
गर्व से कहते मेरा देश महान है।
तीन रंग का है ये झंडा हमारा,
यह हम सबका अभिमान है।

लाल किले की प्राचीर पर लहराये
प्रधानमंत्री जी हैं इसे फहराये,
सीमा पर लहराये जो यह तिरंगा
दुश्मन भी है देख घबड़ाये।

इसकी रक्षा की खातिर हम जान लुटाये,
इसके लिये हम सब कुछ कर जाये
बना रहे आत्मसम्मान हम सबका,
यह देखो कभी झुकने न यह पाये।

आओ मिलकर गान करें हम,
इस झंडे का सम्मान करें हम
जन गण मन गीत सुनाए सब,
मिलकर इसका मान करें हम।

तिरंगा हमारी जान है,
राष्ट्र के गौरव की पहचान है।

रूचिका राय
कलमकार @ हिन्दी बोल India

ये झंडा पहचान बन जाए

थामू हाथ में झंडा
मेरी पहचान बन जाए
मेरी ये जान बन जाए
मेरा अभिमान बन जाए

वतन मेरा मुझे प्यारा
ये बातें आम करता हूँ
आऊँ काम मैं इसके
यही अरमान बन जाए

वीरों की है ये धरती
वतन पर जान देते हैं
कफ़न बन जाए ये झंडा
यही सम्मान बन जाए

कहता है वतन मेरा
किसी से वैर ना करना
बढ़े जो दोस्ती का हाथ
यही पहचान बन जाए

मेरे इस देश की मिट्टी
ने नित प्यार ही बाँटे
मिलूं जो खाक में इसकी
मेरा सम्मान हो जाए

कहता है सुजित ये सुन
वतन से वैर मत करना
फना हो जा वतन पर तो
ये फिर पैगाम बन जाए

सुजीत संगम
कलमकार @ हिन्दी बोल India

साथिओ! खुशियां मनाने का ये मौसम आ गया

साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया।
झूम कर अब नाचने, गाने का मौसम आ गया।।
साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया

हर गली, हर गांव में, हर नगर में,हर शहर में।
आज लहरादो तिरंगे, का ये मौसम आ गया।।
साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया

जिनकी यादों को भुलाता, जा रहा था ये वतन्।
उन शहीदों की हर एक, यादों का मौसम आ गया।।
साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया

तन समर्पित, मन समर्पित, धन समर्पित कर दिया।
हर घड़ी हर पल समर्पण, का ये मौसम आ गया।।
साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया

“मेरे मन” ख्वाहिश तिरंगा, ही कफ़न मेरा बने।
अब वतन् पर ज़ां लुटाने, का ये मौसम आ गया।।
साथिओ खुशियां मनाने, का ये मौसम आ गया

दिनेश सिंह सेंगर
कलमकार @ हिन्दी बोल India

हिंदुस्तान

हिंदुस्तान मेरी पहचान
है तुझमें छिपी मेरी शान।।
तुझसे ही तो है मेरी आन-बान-शान
कुर्बान है तुझपर मेरी जान।।
मर मिटे तुझपर ना जाने कितने वीर जवान
गिरने ना दिया तिरंगा,भले हो गए बलिदान।।
बन शहीद तीन रंगों में लिपट गए वीर महान
बयां करती है आज भी शिलाओं पर उनके निशान।।
हो रहा आज हम सबको जिस पर अभिमान
रखी है लाज जिसने हमारी सम्भाला पल-पल कमान।।
कभी ना झुकाए सर, मुड़े ना पीछे
कभी, जो डटे रहे मैदान
हर तरफ जिन्होंने
रचा इतिहास क्या भूगोल क्या विज्ञान।।
जो देश के लिए जान दे दी
जिसने चुन-चुन कर मारा एक-एक दुश्मन
पावन, अमर हो गए वो
ऐसे वीर सपूतों को आज सत सत नमन।।
आओ मिलकर याद करे वीरों को
आज और चलो फिर से बनाये
स्वच्छ भारत अभियान।।

सरिता श्रीवास्तव
कलमकार @ हिन्दी बोल India

तिरंगे का मोल

वतन के रखवाले जो
सीमा पे, डटे दिनरात रहते हैं।
वतन पर आने ना दे आंच
कसम खाकर ये कहते हैं।
हजारों रातों की नींदों को
जिसने सहज ही वारा है।
अपने आंखो के सपने,
और अपनों को वारा है।
वही जानता है वास्तव में
इस तिरंगे का का मोल।
जिसने वार दिया अपना
जीवन अनमोल।
वतन की माटी उसके
माथे की तिलक होती है।
तिरंगा कफन होता है,
और फूल स्वर्ग से बरसता है।

वन्दना सिंह
कलमकार @ हिन्दी बोल India

देशभक्तों को नमन

देश नमन करता है हर पल
उन आजादी के मतवालों को
कफन बांध चलते हैं जो
भारत मां के रखवालों को

देश नमन करता है हर पल
उन खाकी परिधानों को
सीमा पर जो डटे हुए हैं
उन जांबाज जवानों को

चीन, पाक या नेपाल हो
जब भी दुश्मन ललकारेगा
भारत का हर सैनिक उनको
अपनी सीमा पर ही मारेगा

बनकर अग्नि टूट पड़ो तुम
पर एक भी सैनिक ना खोना
चुन-चुन कर दुश्मन को मारो
खत्म करो गद्दारों की सेना

रक्षक हैं जो तिरंगे के
यह राष्ट्र उन्हीं पर नतमस्तक
नमन आज उन वीरों को
जो सरहद पर देते हैं दस्तक

डॉली सिंह
कलमकार @ हिन्दी बोल India

मेरा पूरा हिंदुस्तान

मेरा देश मेरा अभिमान
और मेरा है भगवान
अटक से कटक और
कन्या से हिमालय
मेरा पूरा हिंदुस्तान

भूल अब अपनी सुधारेंगे हम
पि.ओ.के, अक्साई ले लेंगे हम
समझौते नही अब
तोडूँ पाकिस्तान
मेरा पूरा हिंदुस्तान

आतंकियों की कोई खैर नही
देशद्रोह सहन अब होता नही
मेरे दिल में तेरा नही
कोई स्थान
मेरा पूरा हिंदुस्तान

आज़ादी मिली हमें कितने जतन कर
कितने ही अपने खोये थें वतन पर
भूले नही कभी हम
शहीदों का बलिदान
पूरा करें आओ
उनका अरमान
मेरा पूरा हिंदुस्तान

सब शांति, भाईचारे से रहे
इक दूजे के सुख-दुःख को जियें
सब इस देश का
बढ़ाये सम्मान
मेरा पूरा हिंदुस्तान

विनय कुमार वैश्कियार
कलमकार @ हिन्दी बोल India

मेरा भारत

मेरा भारत प्यारा भारत
विश्व मे है न्यारा भारत
नई दिशा दिखलाता भारत
जन जन को भाता सदा भारत

आजादी से पहले देश गुलाम था
मानचित्र से गायब नाम था
दासता से जकड़ा हिंदोस्तानी अवाम था
आजादी हेतु छेड़ा महासंग्राम था

शहीदों की कुर्बानियां रंग लाईं
हम ने आजादी पाई
नई फिजां नई बहार आई
भारत मे खुशहाली छाई

देश मे नया युग आया
देशवासियों ने अपना योगदान पाया
संपूर्ण विश्व में अपनी क्षमता का लोहा मनवाया
दुनिया में एक नया इतिहास रचाया

विदेशों में भारतीयों का अनुपम योगदान
हर देश मे भारतीयों के कायल और कद्रदान
अपनी योग्यता से बनाई सशक्त पहचान
कठिन मेहनत और लगन से छू लिया है आसमान

आज भारत है विश्व नायक
सारे देशों का बना महत्वपूर्ण सहायक
बना हुआ है सर्वश्रेष्ठ उत्पादक
भारतीय उत्पादन श्रेष्ठ और प्रतिपादक

आज भारत का समस्त देशों मे है सम्मान
शत्रु देशों के खड़े हो गए है कान
संपूर्ण विश्व मे रचे नये कीर्तिमान
विकास और प्रगति का एक प्रमाण

मेरा भारत मेरा शान
मुझे अपने राष्ट्र पर गर्व ओर मान
हमारा भारत सदा रहेगा महान
आओ करें इसका सम्मान

अशोक शर्मा वशिष्ठ
कलमकार @ हिन्दी बोल India

स्वतंत्रता के मायने

स्वतन्त्रता के मायनों का मूल्य चुकाना है।
आज हमें वेद आधारित देश बनाना है।
गुलाम हुई हर सोच को,
अंधविश्वासों से बाहर लाना है।

स्वतंत्रता के,
मायनों का मूल्य चुकाना है।
राम-कृष्ण के,
आदर्शों का गुणगान बढ़ाना है।

बाबर से अंग्रेजों तक के,
इतिहास से सबक भी पाना है।
फिर न गुलाम होंगे,
भारत माँ को विश्वास दिलाना है।

बाल, लाल, पाल , बोस, भक्त्त की,
शहादत को अमर बनाना है।
शिवाजी, प्रताप,
गुरु गोविंद का मानवीय धर्म बचाना है।

तुम आर्य की संतान हो,
उच्च आदर्शों को पाना है।
मानवता को सही सोच तक ले जाना है।

ओम मय लक्ष्य पा कर,
विश्व कीर्तिमान बनाना है।
स्वतंत्रता के मायनों का मूल्य चुका है।।

प्रीति शर्मा “असीम”
कलमकार @ हिन्दी बोल India

आओ मिलकर याद करें

आओ मिलकर याद करें ,
उन अजर अमर बलिदानों को।
आओ मिलकर याद करें,
उन वीर शहीद जवानों को।
आओ मिलकर याद करें,
उन आजादी के दीवानों को।
लुटा दिया आजादी खातिर,
अपने अनमोल अरमानों को।
आओ मिलकर याद करें,
उन वीर शहीद जवानों को।
आओ मिलकर याद करें,
उन गोली खाए सीनों को।
आओ मिलकर याद करें,
सर कटावाने वाले वीरों को।

आओ मिलकर याद करें,
उन गोली, तलवारों को।
मिली हमें आजादी जिनसे,
उन हथियार चलाने वालों को।
आओ मिलकर याद करें,
उन अजर अमर बलिदानों को।
आज दिवस उनका हीं है,
जो आजादी हमें दिलाए हैं।
आओ मिलकर नमन करें,
उन आजादी के दीवानों को।

विपुल मिश्रा
कलमकार @ हिन्दी बोल India

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