प्रीति शर्मा ने उम्मीद पर चंद पंक्तियाँ लिखी हैं और हर परिस्थिति में एक उम्मीद बनाए रखने की सलाह दी है।
जिंदगी उम्मीद पर टिकी है।
परेशानियां,
कितनी भी आ जाए।
आने वाली हर खुशी की,
उम्मीद पर टिकी है।जिंदगी उम्मीद पर टिकी है।
आज बंद है जिंदगी।
जिन हालात में,
खौफ के इस मंजर में,
कुदरत की होगी करामात।
इस उम्मीद पर टिकी है।अपनी आस का दीया,
जलाए रखना।
वक्त बदलेगा।
अपने सब्र के इम्तिहान में,
अपने हाथों में,
आखिरी उम्मीद की,
चिंगारी को टिकाए रखना।एक सीख है जीवन की।
यह याद रखना।
मौत की दौड़ में,
दौड़ के देख लिया
जिंदगी के
असल ठहराव पर,
टिकी है जिंदगी।
हर नई उम्मीद पर टिकी है।~ प्रीति शर्मा “असीम”