उम्मीद ही है जो हम सभी को जिंदा रखती है। उम्मीद के ही बल पर हम सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं। कलमकार राज शर्मा ने भी उम्मीद को बताने के लिए यह कविता प्रस्तुत की है-
विपदा घेरे अंधियारा करे, षड्यंत्र रचे सब ओर।
उम्मीद की जब दिख जाए, फिर जगमग चहुं ओर।।समस्या आए चहुं दिशि, किए मार्ग सबअवरुद्ध।
खुद पर तब विश्वास करें, मरुत हो कितनी विरुद्ध।।लक्ष्य पर निशाना साध के, मन में हो दृढ़ संकल्प।
धैर्य का तब ब्रह्मास्त्र चलाए, उम्मीद हो जहां अल्प।।सिख नभ के रजनीश से, एकांकी अंधियारा भगाए।
रात्रि के पथिक को दिखाए, उम्मीद की किरण दिखाए।।उम्मीद चमत्कार एक ही है, कर ले खुद पर विश्वास।
जब कछु न दिखे तुझे, अंतर में लगा तब अरदास।।आपत्ति बाण से बाण मारे, पल पल करें जब प्रहार।
उठ जा दृढ़ संकल्प से तू, हिम्मत न कभी भी हार।।मंजिले बंधे से न बंधे कभी, समय का न रुके पहिया।
तू भी अब कमर कस दे, न कर अब तू अठखेलियां।।~ राज शर्मा