प्रणाम मेरा स्वीकार करें

प्रणाम मेरा स्वीकार करें

प्रणाम और आशीर्वाद तो हमारे संस्कार में है, यह विनम्रता का संकेत है। कलमकार विजय कनौजिया जी लिखते हैं कि उनका प्रणाम स्वीकार करें और अपने स्नेह की छत्रछाया में रहने का अवसर प्रदान करें। किसी को यदि आपने प्रणाम किया तो यह आपके मृदुभाषी होने का संकेत है और एवज में आपको अनमोल प्रेम मिलने के आसार होते हैं।

आशीष दिया मुझको अपना
अब प्रेम मेरा स्वीकार करें
अभिनंदन है ये वंदन है
प्रणाम मेरा स्वीकार करें।।

जीवन में यश वैभव जो है
सब अपनों के आशीषों से
अर्पण है हर सम्मान आज
ये मान मेरा स्वीकार करें।।

हर मार्ग प्रशस्त किया तुमने
जब भी मैं विचलित होता था
मेरे हर साहस सम्बल का
आभार आज स्वीकार करें।।

मन में उत्साह हर्ष जो है
ये वृक्ष पल्लवित तुमसे है
मेरी मुस्कान ऋणी तुमसे
मुस्कान मेरी स्वीकार करें।।

आँखों में खुशियों के आँसू
होठों पर गीत तुम्हारे हैं
सरगम भी तुमसे है पूरक
संगीत मेरा स्वीकार करें।
संगीत मेरा स्वीकार करें।।

~ विजय कनौजिया

Post Code: #SwaRachit305

Leave a Reply


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.