डॉ. शशिवल्लभ शर्मा जी ने अपनी छात्रा प्राची गोयल की रचना प्रस्तुत की है। कोरोना वायरस ने सभी को चिंतित कर रखा है। वर्तमान समय में आए इस संकट पर कलमकार प्राची गोयल की पंक्तियाँ पढ़े।
मेरे महादेव भोले भंडारी
पत्नी उनकी गौरी प्यारीहै तीन लोक की देवी गौरी
क्रोधित हो तो जल जाए होरीअब गौरी शिव से करे सवाल
क्यों मानव करे प्रकृति बेहालप्रभु सुन्दर तुमने जगत बनाया
वन-उपवन से सब महकायाउठी आज संकट की लहरें
आज नहीं तो कल सबेरेकदर करी न अब क्या रोना
भोगो अब परिणाम कोरोना~ प्राची गोयल, मुरैना (म.प्र.)
बहुत सुंदर विचार